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Sharda Sinha Networth: पटना में आलीशान घर... अपने दो बच्चों के लिए इतनी संपत्ति छोड़ गईं शारदा सिन्हा!

Sharda Sinha Profile: आज की तारीख में छठ के गीत गाने वालों की कोई कमी नहीं है, लेकिन शारदा सिन्हा के गाए छठ गीत आज भी उसी जगह हैं, जहां आज से दो दशक पहले थे. बिहार-झारखंड के लिए शारदा सिन्हा एक आदर्श थीं. उनका जाना संगीत जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है.

Sharda Sinha Property Sharda Sinha Property
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 06 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 12:12 PM IST

 हर तरफ छठ पूजा की गूंज है, घर-घर से छठ गीतों की आवाज आ रही है. संयोग देखिए आस्था के महापर्व छठ से जुड़े अधिकतर मधुर और पारंपरिक गीतों को जिसने आवाज दी, वो आवाज छठ पर्व के बीच ही हमेशा के लिए खामोश हो गई. जैसे ही कल लोगों को ये खबर मिली कि स्वर कोकिला शारदा सिन्हा (Sharda Sinha Passed Away) अब हमारे बीच नहीं रहीं, लोग मायूस हो गए. क्योंकि एक तरफ शारदा सिन्हा के छठ गीत कानों में गूंज रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ वो इसी मौके पर अनंत यात्रा के लिए निकल पड़ीं. 

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दरअसल, छठ एक महापर्व है, इसे शारदा सिन्हा के गीतों ने देश-दुनिया में और लोकप्रिय बना दिया है. पिछले तीन दशक में बिहार-झारखंड से लेकर देश में बहुत बदलाव हुए, त्योहार मनाने के तरीके भी बदले, इस दौरान छठ पूजा का विस्तार गांव से लेकर शहर तक, न्यूयॉर्क और लंदन जैसे दुनिया के बड़े शहरों तक हो गया है. लेकिन छठ पर आज भी वही शारदा सिन्हा के गीत बजते सुनाई देते हैं, शारदा सिन्हा के छठ गीतों से लोग भाव-विभोर हो जाते हैं, इसमें पवित्रता और परंपरा का समागम होता है. 

शारदा सिन्हा की आवाज सदा अमर

हालांकि, आज की तारीख में छठ के गीत गाने वालों की कोई कमी नहीं है, लेकिन शारदा सिन्हा के गाए छठ गीत आज भी उसी जगह हैं, जहां आज से दो दशक पहले थे. बिहार-झारखंड के लिए शारदा सिन्हा एक आदर्श थीं. उनका जाना संगीत जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है. लेकिन उनके गीतों की गूंज सदैव बनी रहेगी.

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शारदा सिन्हा का निधन 5 नवंबर, 2024 को दिल्ली के एम्स में हुआ, वह 72 वर्ष की थीं, और पिछले कुछ वर्षों से बीमार चल रही थीं. बीच-बीच में वो अपने गीतों के माध्यम से वापसी भी कर रही थीं. लेकिन कल वो जिंदगी की जंग हार गईं. साल 2018 में शारदा सिन्हा को मल्टिपल मायलोमा होने की खबर सामने आई थी.

शारदा सिन्हा के परिवार के बारे में 

बता दें, अभी चंद महीने पहले ही शारदा सिन्हा के पति ब्रज किशोर सिन्हा का निधन हुआ था. शारदा सिन्हा के दो बच्चे हैं, एक बेटा और एक बेटी. बेटी वंदना अक्सर अपनी मां शारदा सिन्हा के साथ लोकगीत गाती नजर आती थीं, जबकि उनके बेटे का नाम अंशुमान सिन्हा है, जो अपनी मां की सेहत को लेकर लगातार अपडेट दे रहे थे. पुत्र अंशु और पुत्री वंदना की भी शादी हो चुकी है.

भोजपुरी इंडस्ट्रीज को आज की तारीख में फूहड़पन से जोड़कर देखा जाता है. अधिकतर भोजपुरी गायक लोकगीत के नाम पर फूहड़पन को ही परोस रहे हैं. लेकिन शारदा सिन्हा तक इसकी आंच नहीं पहुंच पाई. उन्होंने हमेशा अपने आपको फूहड़ गानों से दूर रखा. इसलिए आज उनके जाने पर हरकोई गम में है.

भले ही शारदा सिन्हा ने पैसे बहुत नहीं कमाए. लेकिन नाम और शोहरत में उनके आगे कोई नहीं टिकता. लोक गायिका शारदा सिन्हा की संपत्ति (Sharda Sinha Net Worth) के बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है. हालांकि मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि शारदा सिन्हा के नाम करीब 35 से 42 करोड़ रुपये की संपत्ति है. जो अब वो अपने दोनों बच्चों के लिए छोड़ गईं. 

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शारदा सिन्हा का पटना में है घर

शारदा सिन्हा का पटना में एक आलीशान घर है, जहां आज अंतिम दर्शन के लिए पार्थिव शरीर को रखा जाएगा. अंतिम दर्शन के लिए उनके घर, परिवार, और चाहने वाले पहुंचेंगे, ताकि अपनी प्रिय गायिका को श्रद्धांजलि दे सकें. 

गौरतलब है कि शारदा सिन्हा का जन्म बिहार सुपौल जिले के हुलास में हुआ था. जबकि उनका ससुराल बेगूसराय जिले के सिहमा गांव में था. शारदा सिन्हा ने पटना विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन की थी. वो समस्तीपुर के एक कॉलेज में संगीत की प्रोफेसर भी रही थीं. शारदा सिन्हा ने अपने करियर में टी-सीरीज, एचएमवी, और टिप्स द्वारा जारी 9 एल्बमों में 62 छठ गीत गाए हैं. इसके अलावा तमाम शादी और पारंपरिक गीतों को आवाज दी. उन्होंने अपने करियर में कई वॉलीवुड गाने भी गाए. शारदा सिन्हा की सदाबहार गीतों में 'उग हो सूरजदेव, मैंने प्यार किया, तार बिजली से पतले हमारे पिया' शामिल है.

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