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पिछले एक-दो साल के दौरान भारत में शेयर बाजार (Share Market) में नए इन्वेस्टर्स (New Investors) की संख्या तेजी से बढ़ी है. खासकर कोरोना महामारी की शुरुआत के बाद से नए इन्वेस्टर्स का रुझान तेज हुआ है. इस साल लगभग हर महीने 10 लाख से अधिक नए डीमैट अकाउंट (Demat Account) खुले हैं. बीएसई (BSE) के आंकड़ों को देखें तो शेयर मार्केट में पैसे लगाने के मामले में महाराष्ट्र (Maharashtra) और गुजरात (Gujarat) के लोग अव्वल हैं. एक साल के दौरान इन्वेस्टर्स की संख्या में तेजी के हिसाब से देखें तो बिहार (Bihar) 110 फीसदी के साथ पहले पायदान पर है.
इन दो राज्यों में एक करोड़ से अधिक इन्वेस्टर्स
बीएसई पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, महाराष्ट्र और गुजरात दो ऐसे राज्य हैं, जहां रजिस्टर्ड इन्वेस्टर्स की संख्या एक करोड़ से अधिक है. पहले स्थान पर काबिज महाराष्ट्र में करीब 1.9 करोड़ इन्वेस्टर्स हैं, जबकि गुजरात में इनकी संख्या 1.01 करोड़ है. इनके बाद 72.4 लाख इन्वेस्टर्स के साथ उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) तीसरे स्थान पर है.
टॉप 5 में दक्षिण भारत के भी दो राज्य
टॉप-5 के राज्यों में दो राज्य दक्षिण भारत (South India) के भी हैं. कर्नाटक (Karnataka) 52.5 लाख रजिस्टर्ड इन्वेस्टर्स के साथ चौथे स्थान पर है, जबकि पांचवें स्थान पर काबिज तमिलनाडु (Tamil Nadu) के 49.7 लाख लोग शेयर बाजार से पैसे बना रहे हैं. एक करोड़ से अधिक इन्वेस्टर्स वाले दो अव्वल राज्यों को छोड़ दें तो अभी 16 ऐसे राज्य हैं, जहां 10 लाख से अधिक इन्वेस्टर्स हैं.
इन राज्यों में 10 लाख से अधिक इन्वेस्टर
बीएसई के आंकड़ों के अनुसार, राजस्थान (Rajasthan), पश्चिम बंगाल (West Bengal), दिल्ली (Delhi), अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh), मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh), हरियाणा (Haryana), तेलंगाना (Telangana), बिहार (Bihar), केरल (Kerala), पंजाब (Punjab), ओडिशा (Odisha), असम (Assam) और झारखंड (Jharkhand) जैसे राज्यों में रजिस्टर्ड इन्वेस्टर्स की संख्या 10-10 लाख से अधिक है. इस तरह देखें तो भारत के हर कोने में हाल के समय में इक्विटी में पैसे लगाने वाले तेजी से बढ़े हैं.
सालाना ग्रोथ में बिहार ने सबको छोड़ा पीछे
पिछले एक साल के दौरान बिहार में सबसे ज्यादा 110 फीसदी इन्वेस्टर्स बढ़े हैं. मध्य प्रदेश में ऐसे लोगों की संख्या करीब 104 फीसदी बढ़ी है. उत्तर प्रदेश के मामले में यह तेजी 77 फीसदी की रही है. वहीं महाराष्ट्र और गुजरात में इन्वेस्टर्स क्रमश: 48 फीसदी और 32 फीसदी की दर से बढ़े हैं.