
भारतीय स्टॉक मार्केट (Share Market) में जबरदस्त तेजी देखने को मिल रही है. निफ्टी 50 (Nifty 50) स्टॉक इंडेक्स ने आज ऐतिहासिक ऊंचाई छू ली है. सोमवार को निफ्टी 50 अपने अब तक के ऑल टाइम हाई लेवल पर पहुंच गया. निफ्टी आज 18,614 के लेवल तक पहुंचा, जो इसका अब तक ऑल टाइम हाई आंकड़ा है. इससे पहले ऑल टाइम लेवल 18,604 था. निफ्टी ने 17 अक्टूबर 2021 को 18,604 का लेवल टच किया था.
सेंसेक्स भी शिखर पर
इससे पहले 24 नवंबर को ही सेंसेक्स (Sensex) और बैंक निफ्टी (Bank Nifty) ने ऑलटाइम हाई टच कर लिया था. उसके बाद भी इन दोनों इंडेक्स में बुल रन जारी है. सोमवार को सेंसेक्स ने 62,700 के आंकड़े को टच कर लिया. वहीं, बैंक निफ्टी ने ऑल टाइम हाई 43,339.15 छू लिया है.
आज भारतीय शेयर मार्केट की शुरुआत कमजोर रही थी. लेकिन 11 बजे के बाद मार्केट ने उड़ान भरने की शुरुआत की और फिर ऐतिहासिक ऊंचाई पर पहुंच गया. रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में लगातार तीसरे दिन उछाल देखने को मिल रहा है.
ग्लोबल मार्केट से नेगेटिव संकेत
गौरतलब है कि सोमवार की सुबह अंतरराष्ट्रीय बाजार से खराब संकेत मिल रहे थे. चीन में बढ़ते कोरोना के मामलों की वजह से कई शहरों में लॉकडाउन जैसी स्थिति हो गई है. लोग सड़कों पर उतर कर विरोध कर रहे हैं. जिससे आर्थिक गतिविधियां चीन में एक बार फिर थमने लगी हैं. वहीं अमेरिकी बाजार में भी दबाव देखने को मिल रहे हैं. लेकिन इन सबके बीच भारतीय शेयर बाजार ने इतिहास रच दिया है.
मार्केट में तेजी की वजह
सितंबर की तिमाही के लिए कॉरपोरेट कमाई बेहतर रही है. इस वजह से मार्केट का आउटलुक बेहतर हुआ है. विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों और घरेलू निवेशकों दोनों लगातार निवेश कर रहे हैं. महंगाई दर के आंकड़ों में भी गिरावट आई है. साथ ही उम्मीद जताई जा रही है कि केंद्रीय बैंक ब्याज दर के मामले में नरमी का रुख अपना सकते हैं. इसके अलावा घरेलू डिमांड की वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर अधिक नेगेटिव संकेत नजर नहीं आ रहे हैं. कच्चे तेल की कीमतों में भी गिरावट देखने को मिल रही है.
विदेशी निवेशकों की खरीदारी
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने नवंबर के महीने में अबतक भारतीय शेयर मार्केट में 31,630 करोड़ रुपये निवेश किए हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि नवंबर में FPI का फ्लो बढ़ने की वजह शेयर बाजारों में तेजी, भारतीय अर्थव्यवस्था और रुपये की स्थिरता है.