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GDP: इकोनॉमी के मोर्चे पर आई राहत भरी खबर, 7.3 फीसदी ग्रोथ रेट का अनुमान

S&P Global GDP Forecast: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने भी उम्मीद जताई है कि चालू वित्त वर्ष (अप्रैल-मार्च) में भारतीय अर्थव्यवस्था 7.2 फीसदी की दर से आगे बढ़ेगी. एसएंडपी ने ये अनुमान ऐसे समय में जताया है जबकि, फिच रेटिंग्स, आईएमएफ, इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च, गोल्डमैन सैश समेत एशियाई विकास बैंक ने अपने पूर्वानुमान में कटौती की है.

7.3% ग्रोथ रेट का अनुमान 7.3% ग्रोथ रेट का अनुमान
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 26 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 6:03 PM IST

बड़ी ग्लोबल रेटिंग एजेंसी की ओर से भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) को लेकर एक राहत भरी खबर आई है. S&P ग्लोबल रेटिंग्स ने सोमवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष 2022-23 में भारत की जीडीपी ग्रोथ (GDP Growth) 7.3 फीसदी रह सकती है. एजेंसी ने अगले वित्तीय वर्ष के लिए अपने 6.5 फीसदी ग्रोथ रेट (Growth Rate) के अनुमान को बरकरार रखा है. हालांकि इसमें कमी के जोखिम का भी जिक्र किया गया है. ये खबर ऐसे वक्त आई है, जबकि बीते कुछ समय में कई रेटिंग एजेंसियों ने अपने पूर्वानुमानों में कटौती की है. 

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महंगाई को लेकर ये अनुमान
बिजनेस टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, S&P ग्लोबल रेटिंग्स ने देश में महंगाई दर (Inflation Rate) को लेकर कहा है कि यह 2022 के अंत तक 6 फीसदी के ऊपर बनी रह सकती है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने भी महंगाई दर को 2 से 6 फीसदी के दायरे में रखने का लक्ष्य निर्धारित किया है. हालांकि, बीते कुछ महीनों से लगातार इस लक्ष्य के ऊपर बनी हुई है. रेटिंग एजेंसी ने एशिया प्रशांत के लिए अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अगले साल भारत की वृद्धि को घरेलू मांग (Domestic Demand) में सुधार का समर्थन मिलेगा.

8 महीनों से लगातार तय लक्ष्य से ऊपर 
देश में खुदरा महंगाई के आंकडों पर नजर डालें तो यह लगातार आठ महीनों से आरबीआई के लक्ष्य के ऊपर बनी हुई है. अगस्त में एक बार फिर से Retail Inflation बढ़कर 7 फीसदी पर पहुंच गई. जबकि इससे पहले जुलाई महीने में खुदरा महंगाई दर 6.71 फीसदी पर आ गई थी. पिछले महीनों के डाटा पर नजर डालें तो जून में खुदरा महंगाई दर 7.01 फीसदी, मई में 7.04 फीसदी और अप्रैल में 7.79 फीसदी रही थी. 

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रेपो रेट में बढ़ोतरी संभव
रेटिंग एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में आगे कहा कि Core Inflation में तेजी भारत में नीतिगत दरों में वृद्धि के लिए प्रेरित करेगी. ऐसे में इस वित्तीय वर्ष के अंत तक नीतिगत दर या रेपो रेट बढ़कर 5.90 फीसदी पर पहुंचने का अनुमान है. इसके साथ ही एजेंसी ने देश में खाद्य मुद्रास्फीति में फिर बढ़ोतरी की संभावना का जिक्र किया है. अन्य विशेषज्ञों ने भी रेपो रेट में 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी की आशंका जताई है. गौरतलब है कि देश में महंगाई के लगातार उच्च स्तर पर रहने और रेपो रेट में लगातार हो रहे इजाफे के कारण कई रेटिंग एजेंसियों ने भारत के जीडीपी ग्रोथ अनुमान में कटौती की है. 

इन एजेंसियों ने अनुमान घटाया
फिच रेटिंग्स ने चालू वित्त वर्ष के लिए आर्थिक वृद्धि (Economic Growth) अनुमान को घटाकर 7 फीसदी कर दिया है, जो पहले 7.8 फीसदी था. इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने GDP ग्रोथ अनुमान को 8.2 फीसदी से घटाकर 7.4 फीसदी कर दिया है. इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने इसे 7 फीसदी से कम करते हुए 6.9 फीसदी कर दिया है. गोल्डमैन सैश ने 7.6 फीसदी से घटाकर 7 फीसदी और एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने अपने पूर्वानुमान को 7.5 प्रतिशत से 7 फीसदी कर दिया है. जबकि, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष (अप्रैल-मार्च) में भारतीय अर्थव्यवस्था 7.2 फीसदी की दर से बढ़ेगी.

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