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Spicejet के खिलाफ DGCA का एक्शन, 8 हफ्तों के लिए 50% उड़ानों पर रोक

स्पाइसजेट के खिलाफ DGCA ने बड़ा एक्शन लिया है. 8 हफ्तों के लिए 50% उड़ानों पर रोक लगा दी गई है. कुछ समय पहले ही एयरलाइन को DGCA की तरफ से एक नोटिस दिया गया था. उस नोटिस के बाद कुछ विमानों की स्पॉट चेकिंग भी की गई थी.

स्पाइसजेट के खिलाफ DGCA का एक्शन स्पाइसजेट के खिलाफ DGCA का एक्शन
पॉलोमी साहा
  • नई दिल्ली,
  • 27 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 5:41 PM IST
  • 18 दिनों में 8 बार विमानों में तकनीकी खराबी
  • एयरलाइन को अतिरिक्त निगरानी में रखा जाएगा

स्पाइसजेट विमानों में लगातार आ रहीं तकनीकी खराबियों के बीच DGCA ने बड़ा एक्शन लेते हुए 8 हफ्तों के लिए 50% उड़ानों पर रोक लगा दी है. इन आठ हफ्तों तक एयरलाइन को अतिरिक्त निगरानी में रखा जाएगा. वहीं अगर भविष्य में एयरलाइन 50 फीसदी से ज्यादा उड़ाने चाहती है तो उसे ये साबित करना होगा कि ये अतिरिक्त भार उठाने की क्षमता उसके पास है, पर्याप्त संसाधन और स्टॉफ मौजूद हैं.

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अब जानकारी के लिए बता दें कि कुछ दिन पहले DGCA ने स्पाइसजेट को एक नोटिस दिया था. एयरलाइन के विमानों में आ रही लगातार तकनीकी खराबी को देखते हुए वो नोटिस भेजा गया था. हाल ही में सरकार ने भी राज्यसभा में जवाब देते हुए बताया कि DGCA ने स्पाइसजेट के विमानों की स्पॉट चेकिंग की थी. उस चेकिंग में कोई बड़ी खामी सामने नहीं आई. लेकिन रिपोर्ट में DGCA ने इतना जरूर कहा था कि वर्तमान में एयरलाइन अपने 10 एयरक्रॉफ्ट सिर्फ तभी इस्तेमाल करे जब तमाम तरह की तकनीकी खराबी ठीक हो जाए.

अब यहां ये जानना जरूरी हो जाता है कि 18 दिनों के अंदर 8 बार स्पाइसजेट के विमानों में तकनीकी खराबी देखने को मिल गई थी. इसी वजह से DGCA को एयरलाइन को नोटिस भेजना पड़ गया था. उस नोटिस में कहा गया था कि घटनाओं की समीक्षा से पता चलता है कि खराब आंतरिक सुरक्षा निरीक्षण और अपर्याप्त रखरखाव की (क्योंकि अधिकांश घटनाएं या तो सिस्टम के के फेल होने से या कॉम्पोनेन्ट के फेल होने से जुड़ी हैं) वजह से सुरक्षा मार्जिन में गिरावट आई है.

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वैसे स्पाइसजेट के अलावा दूसरे एयरलाइन के विमानों में भी तकनीकी खराबी देखने को मिली है. DGCA इसका एक कारण कोरोना भी मानता है क्योंकि लॉकडाउन के समय फ्लाइट्स के संचालन पर रोक लगा दी गई थी. उस स्टॉफ में भी कमी की गई थी, ऐसे में अब जब फिर पूरी क्षमता के साथ एयरलाइन काम कर रही हैं, उन्हें तमाम तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है.

कुछ पुरानी घटनाओं की बात करें तो पांच जुलाई को एक स्पाइसजेट विमान जो चीन जा रहा था, उसकी कोलकाता में लैंडिंग करवानी पड़ गई थी. कारण ये रहा कि विमान का वैदर रडार काम नहीं कर रहा था. इसी तरह 2 जुलाई को जबलपुर जा रहे स्पाइसजेट विमान की इमरजेंसी लैंडिंग हुई क्योंकि उस फ्लाइट में 5000 फीट की ऊंचाई पर धुंआ देखा गया.

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