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Sri Lanka Crisis: श्रीलंका में आर्थिक संकट आपातकाल तक आया, भारत ने मदद के लिए हाथ बढ़ाया

Sri Lanka economic crisis: श्रीलंका में आर्थिक संकट इतना बढ़ गया है कि इसने कई लोगों के मुंह से निवाला तक छीन लिया है. ऐसे में भारत ने पड़ोसी धर्म निभाते हुए परेशानियों के इस दौर में श्रीलंका की मदद के लिए आगे हाथ बढ़ाया है, जिससे वहां के लोगों को अपनी भूख मिटाने में आसानी होगी.

श्रीलंका में महंगाई अपने चरम पर है (Photo : AFP) श्रीलंका में महंगाई अपने चरम पर है (Photo : AFP)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 02 अप्रैल 2022,
  • अपडेटेड 1:59 PM IST
  • भारत ने दी 1 अरब डॉलर की क्रेडिट लाइन
  • संकट की वजह विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट
  • भारत से 40,000 टन चावल जाएगा श्रीलंका

पड़ोसी ही पड़ोसी के काम आता है. इस बात पर अमल करते हुए भारत ने भीषण आर्थिक संकट से जूझ रहे पड़ोसी देश श्रीलंका की मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाया है. भारत की ओर से श्रीलंका को खाद्यान्न की मदद भेजी जा रही है, ताकि वहां महंगाई की वजह से लोगों की रोटी छिनने की जो नौबत आई है, उससे थोड़ी राहत मिल सके.

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लोड हो रहा 40,000 टन चावल
श्रीलंका को भेजने के लिए भारत में व्यापारियों ने 40,000 टन चावल की लोडिंग शुरू कर दी है. रॉयटर्स की खबर के मुताबिक, भारत से क्रेडिट लाइन मिलने के बाद ये श्रीलंका को भेजी जानी वाली अपनी तरह की पहली खाद्यान्न मदद है. श्रीलंका को ये सहायता ऐसे समय मिली है जब वहां एक बड़ा त्यौहार मनाया जाने वाला है. साथ ही वहां बिगड़े हालात को देखते हुए आपातकाल भी लागू कर दिया गया है.

श्रीलंका में लगा आपातकाल
श्रीलंका की आर्थिक बदहाली का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कोलंबो में 13-13 घंटे के पावर कट से जूझ रही जनता सड़कों पर उतर आई है और राष्ट्रपति के इस्तीफे की मांग कर रही है. लोगों के पास खाने-पीने की चीजें नहीं है. लोग हिंसक प्रदर्शन कर रहे हैं. हालात यहां तक बिगड़ गए हैं कि राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे (Gotabaya Rajapaksa) ने 1 अप्रैल से देश में आपातकाल लागू कर दिया है. श्रीलंका के राष्ट्रपति कार्यालय से जारी आदेश में कहा गया है कि देश में कानून व्यवस्था कायम रखने, आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई को जारी रखने के लिए ऐसा करना जरूरी हो गया है

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गहरा है श्रीलंका का आर्थिक संकट
श्रीलंका में विदेशी मुद्रा भंडार में बीते दो साल में 70% से ज्यादा की गिरावट आई है. इस वजह उसे अपनी जरूरत की अनिवार्य वस्तुओं का आयात करने में भी दिक्कत आ रही है. इस वजह से श्रीलंका की मुद्रा डॉलर के मुकाबले कमजोर हो गई है और उसने दुनिया के कई देशों से मदद मांगी है. इसके अलावा वहां महंगाई का आलम ये है कि पेट्रोल-डीजल से लेकर खाने-पीने की सामान्य चीजों के दाम चरम पर पहुंच गए हैं.

दी 1 अरब डॉलर की क्रेडिट लाइन
भारत ने श्रीलंका को 1 अरब डॉलर की क्रेडिट लाइन यानी ऋण सहायता देने पर सहमति जताई है. इससे श्रीलंका को अनिवार्य वस्तुओं की कमी को पूरा करने में मदद मिलेगी. भारत दुनिया का सबसे बड़ा चावल निर्यातक देश है. ऐसे में भारत से चावल की खेप श्रीलंका पहुंचने के बाद वहां चावल की कीमतों में कमी आने की उम्मीद है जो बीते एक साल में दोगुना बढ़ चुकी हैं. आर्थिक संकट को दूर करने के लिए श्रीलंका की अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के साथ भी चर्चा कर रहा है.

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