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वर्ल्ड बैंक ने दिया 16 करोड़ डॉलर, श्रीलंका ने कहा- इस पैसे से तेल नहीं खरीद सकते, बवाल!

रानिल विक्रमसिंघे (Ranil Wickremesinghe) ने कहा कि आर्थिक संकट के कारण देश में ईंधन (Fuel) और गैस (Gas) की कमी होने और इसके खिलाफ यहां जारी विरोध प्रदर्शन को देखते हुए इस आर्थिक सहायता में से कुछ हिस्सा ईंधन खरीदने के लिए उपयोग करने की संभावना तलाशी जा रही है. 

संकट में श्रीलंका संकट में श्रीलंका
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 19 मई 2022,
  • अपडेटेड 3:31 PM IST
  • आर्थिक संकट से लोगों को हो रही है परेशानी
  • सरकार के खिलाफ लोगों का प्रदर्शन जारी

भारत का पड़ोसी देश श्रीलंका (Sri lanka) पिछले कुछ महीनों से आर्थिक संकट से जूझ रहा है. देश की मुद्रा में भारी गिरावट आई है और विदेशी मुद्रा भंडार खाली हो गया है. इस बीच श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे (Ranil Wickremesinghe) ने बुधवार को संसद में कहा कि देश को विश्व बैंक से 16 करोड़ डॉलर की सहायता मिली है.

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उन्होंने कहा कि आर्थिक संकट के कारण देश में ईंधन (Fuel) और गैस (Gas) की कमी होने और इसके खिलाफ यहां जारी विरोध प्रदर्शन को देखते हुए इस आर्थिक सहायता में से कुछ हिस्सा ईंधन खरीदने के लिए उपयोग करने की संभावना तलाशी जा रही है. 

सोमवार को खबर आई थी कि श्रीलंका में केवल एक दिन का पेट्रोल बचा है. वहीं हाल ही में पीएम की कुर्सी संभालने वाले रानिल विक्रमसिंघे ने इसी हफ्ते कहा कि उनका पहला मकसद देश को बचाना है न कि किसी व्यक्ति, परिवार या समूह को. 

विश्व बैंक से मिले पैसे का क्या? 

विक्रमसिंघे ने कहा, 'विश्व बैंक से 16 करोड़ डॉलर मिले हैं और एशियाई विकास बैंक (ADB) से भी अनुदान मिलने की उम्मीद है.' उन्होंने कहा कि विश्व बैंक से मिले फंड का उपयोग ईंधन खरीदने के लिए नहीं किया जा सकता है. विक्रमसिंघे ने कहा, 'हालांकि हम पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या इसके कुछ हिस्से का उपयोग ईंधन खरीद के लिए किया जा सकता है.'

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विक्रमसिंघे ने बीते सोमवार को राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा था कि भारत से मिले कर्ज के तहत पेट्रोल की दो और खेप इस सप्ताह और 29 मई तक आने वाली हैं. ईंधन और गैस की कमी के विरोध में प्रदर्शनकारियों ने बुधवार को भी यहां कई सड़कों को जाम किया. 

विक्रमसिंघे ने देश की जनता को चेताते हुए कहा है कि आने वाले कुछ महीनों में हमारी जिंदगी और मुश्किल में होगी. मैं किसी सच को छिपाना और जनता से झूठ नहीं बोलना चाहता हूं. 

चौतरफा आर्थिक संकट में श्रीलंका 

आपको बता दें कि श्रीलंका सरकार को खर्च चलाने के लिए 2.4 ट्रिलियन श्रीलंकाई मुद्रा की जरूरत है जबकि सरकार को मिलने वाला राजस्व मात्र 1.6 ट्रिलियन ही है. जब से श्रीलंका में संकट शुरू हुआ है, यह पहला मौका जब सरकार की ओर से इस सच्चाई को स्वीकारा गया है कि उसका विदेशी मुद्रा भंडार खत्म होने के कगार पर है. जिसकी वजह से वह तेल और बाकी जरूरी चीजें खरीद नहीं पा रही है.

 

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