
देश में कोरोना संकट के दौरान भी स्टार्टअप यानी नई शुरू होने वाली छोटी कंपनियां (Startup in India) खूब कामयाब रही हैं. देश में यूनिकॉर्न स्टार्टअप की संख्या अब 66 तक हो गई है, जिनमें करीब 3.3 लाख लोगों को रोजगार मिला हुआ है.
साल 2021 के पहले नौ महीनों में देश में 28 नए यूनिकॉर्न तैयार हुए हैं. साल 2020 के अंत तक भारत में 38 यूनिकॉर्न थे. गौरतलब है कि यूनिकॉर्न उन स्टार्टअप को कहते हैं जिनका जिनका वैल्यूएशन 1 अरब डॉलर (करीब 7400 करोड़ रुपये) के पार हो जाता है.
सबसे ज्यादा स्टार्टअप इस शहर में
आईटी कंपनियों के संगठन नैस्कॉम (Nasscom) के मुताबिक देश के कुल स्टार्टअप का करीब एक-तिहाई हिस्सा बेंगलुरु में है, जबकि करीब 20 फीसदी स्टार्टअप दिल्ली-एनसीआर में हैं.
देश में कुल 66 यूनिकॉर्न की कुल सालाना आय 15 अरब डॉलर से ज्यादा है. करीब 7 यूनिकॉर्न ऐसे हैं जिनमें कर्मचारियों की संख्या 10,000 के आसपास है. यानी इन 7 स्टार्टअप ने ही करीब 70 हजार लोगों को नौकरियां दे रखी हैं.
जुटाया इतना फंड
इन यूनिकॉर्न ने अब तक करीब 51 अरब डॉलर के फंड जुटाए हैं. इनमें से 18 फीसदी को 1 अरब डॉलर से ज्यादा का फंड मिल चुका है. इनमें से 75 फीसदी यूनिकॉर्न का गठन साल 2010 के बाद यानी पिछले 11 साल में हुआ है. इनमें से करीब 60 फीसदी यूनिकॉर्न सॉफ्टवेयर सर्विस (SaaS) और फिनटेक फर्म से जुड़े हैं. इसके बाद एजुटेक और लॉजिस्टिक सेक्टर के स्टार्टअप हैं.