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SEBI चेयरपर्सन का खुलासा- ज्यादा सब्सक्रिप्शन दिखाने के लिए IPO अप्लीकेशन में गड़बड़ी, फर्जी खाते से चलता है खेल!

शेयर बाजार में आईपीओ को लेकर गड़बड़ी चल रही है, जिसका खुलासा सेबी चेयरपर्सन ने किया है. उन्‍होंने कहा कि फर्जी तरीके से आईपीओ सब्‍सक्रिप्‍शन को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया जा रहा है.

SEBI का बड़ा खुलासा SEBI का बड़ा खुलासा
aajtak.in
  • नई दिल्‍ली ,
  • 19 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 7:42 PM IST

शेयर बाजार (Stock Market) में लिस्‍ट होने वाली कंपनियों के IPO को लेकर एक बड़ा खेल चल रहा है. सेबी ने खुलासा किया है कि कैसे IPO सब्‍सक्रिप्‍शन को लेकर गड़बड़ी हो रही है. सेबी (SEBI) जांच के दायरे में दो आईपीओ हैं. सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच (Madhabi Puri Butch) ने बताया कि गड़बड़ी करने वालों में कुछ बड़े मर्चेंट बैंकर्स का भी नाम सामने आया है. हालांकि उन्‍होंने किसी का नाम नहीं बताया है. 

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शेयर बाजार के रेग्यूलेटर सिक्योरिटीज एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने कहा है कि ऐसे मर्चेंट बैंकरों की जांच कर रहा है, जो IPO सब्‍सक्रिप्‍शन डाटा को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाते रहे हैं. इनका कई IPO में नाम आ चुका है. रेग्‍यूलेटर ने ऐसों के खिलाफ कार्रवाई भी करने का भरोसा दिया है. सेबी के पास ऐसे मर्चेंट बैंकरों के खिलाफ सबूत भी हैं. 

SME कंपनियों से जुड़े आईपीओ को लेकर सेबी चेयरपर्सन ने कहा कि दोनों ही एक्सचेंज के बोर्ड अलग-अलग हैं. रिटेल इंवेस्टर्स को ये समझना जरुरी है कि मेनबोर्ड में शामिल कंपनियां कई मायनों में SME कंपनियों से अलग हैं. इनकी रिपोर्टिंग, कम्पलॉयंस और लिस्टिंग की जरुरतें भी अलग होती है, जिससे रिस्क बढ़ जाता है. 

म्‍यूल अकाउंट का हो रहा यूज 
सेबी की चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच ने मर्चेंट बैंकर्स इंडस्ट्री बॉडी एसोसिएशन ऑफ इन्वेस्टमेंट बैंकर्स ऑफ इंडिया (AIBI) में बोलते हुए कहा कि आईपीओ में बोली लगाने के लिए म्‍यूल अकाउंट (Mule Accounts) का उपयोग किया जा रहा है. उन्‍होंने विस्‍तार से बताया कि म्‍यूल अकाउंट से पहले सब्‍सक्रिप्‍शन डाटा बढ़ाने के लिए पहले आईपीओ के लिए आवेदन किया जाता है और ये आवेदन ऐसे किया जाता है कि यह बाद में खारिज हो जाए. म्‍यूल अकाउंट ऐसे अकाउंट होते हैं, जो दूसरे के नाम पर फर्जी तरीके से खोले गए होते हैं. 

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सेबी ने बताया कि आईपीओ सब्‍सक्रिप्‍शन डाटा (IPO Subscription Data) को अधिक दिखाया जा रहा है, जिससे भारी भरकम सब्सक्रिप्‍शन IPO को मिल रहे हैं. इसके लिए म्‍यूल अकाउंट इस्‍तेमाल हो रहा है.

 

पंप और डंप में भी यूज किए जाते हैं म्‍यूल अकाउंट 
सरल शब्‍दों में कहें तो म्यूल खाते (Mule Accounts) उन व्यापारिक खातों को दर्शाते हैं, जो 'पंप और डंप' करने के लिए उपयोग किए जाने से पहले फ्रंट रनिंग गतिविधियों को पूरा करने या शेयरों को अस्थायी रूप से रखने के लिए खोले जाते हैं. कुछ संस्‍थाएं कीमतों को बढ़ाने के लिए मिलीभगत करती हैं और जब रिटेल या भोले-भाले निवेशक बढ़ती कीमत को देखकर खरीदारी करने आते हैं तो स्‍टॉक को ये संस्‍थाएं बेंचकर डंप करती हैं. 

पहले भी सेबी ने दी थी जानकारी 
यह पहली बार नहीं है कि जब सेबी चेयपर्सन ने म्‍यूल खातों के बारे में जानकारी दी है. इससे पहले भी मार्च 2023 में जानकारी दी थी. तब सबूत नहीं थे, लेकिन अब सबूत मिल रहे हैं. सेबी ने कहा कि इन अकाउंट से अप्‍लाई करके आईपीओ की सब्‍सक्रिप्‍शन डाटा को बढ़ाया जा रहा है. गौरतलब है कि सेबी प्रमुख का यह बयान ऐसे समय में आया है जब इन दिनों खूब आईपीओ मार्केट में आ रहे हैं. 2023 में कुल 57 आईपीओ से कुल 49,434.15 करोड़ रुपये जुटाए गए हैं.

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