
भारतीय शेयर बाजार (Indian Stock Market) में गिरावट का सिलसिला जारी है और मंगलवार को ये लगातार पांचवें कारोबारी दिन भरभराकर टूटा था. सप्ताह के तीसरे दिन बुधवार को भी वैश्विक संकेत मिले-जुले मिल रहे हैं. अमेरिकी शेयर बाजार (US Stock Market) से लेकर एशियाई बाजारों तक उतार-चढ़ाव देखने को मिला है. हालांकि, गिफ्ट निफ्टी ग्रीन जोन में कारोबार करता हुआ नजर आ रहा है. अगर बात करें, बाजार में जारी गिरावट के बारे में तो एक्सपर्ट्स इसके पीछे अलग-अलग कारण बता रहे हैं.
पांच दिन में सेंसेक्स 2200 अंक से ज्यादा फिसला
सबसे पहले बात कर लेते हैं बीते कारोबारी दिन बाजार में आई बड़ी गिरावट के बारे में, तो बता दें कि मंगलवार को सेंसेक्स-निफ्टी दोनों इंडेक्स दिनभर रेड जोन में नजर आए थे. कारोबार के अंत में BSE Sensex 1,018.20 अंक यानी 1.32 फीसदी गिरकर 76,293.60 पर क्लोज हुआ था, तो वहीं NSE Nifty 309.80 अंक यानी 1.32 फीसदी फिसलकर 23,071.80 पर बंद हुआ था. बीते 5 कारोबारी सत्रों में गिरावट के चलते सेंसेक्स 2,290.21 अंक, जबकि निफ्टी 667.45 अंक तक फिसल चुका है.
आज शेयर बाजार के लिए मिल रहे ये संकेत
बात करें, बुधवार को शेयर बाजार की चाल के बारे में, तो वैश्विक संकेत मिले-जुले मिल रहे हैं. अमेरिकी बाजारों को देखें, तो Dow Jones तेजी लेकर ग्रीन जोन में क्लोज हुआ, तो वहीं Nasdaq लाल निशान पर बंद हुआ. इसके अलावा एशियाई बाजारों में जापान का Nikkei बढ़त के साथ कारोबार कर रहा है, तो वहीं हॉन्गकॉन्ग का HangSang भी ग्रीन जोन में है, वहीं साउथ कोरिया को Kospi फ्लैट ओपन हुआ. गिफ्ट निफ्टी की बात करें, तो इसने ग्रीन जोन में ओपनिंग की.
एक्सपर्ट्स ने बताया- क्यों टूट रहा बाजार?
शेयर बाजार में बीते पांच दिनों से जारी तगड़ी गिरावट के पीछे कई कारण बताए जा रहे हैं. जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर का कहना है कि अमेरिकी व्यापार नीतियों और शुल्कों को लेकर जारी अनिश्चितता, डॉमेस्टिक इकोनॉमिक ग्रोथ को लेकर पैदा हुई चिंताएं और विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली से शेयर बाजार का सेंटिमेंट कमजोर होता दिखा है.
नायर ने कहा, डिमांड से जुड़ी तमाम चिंताओं और हाई वैल्यूएशन का सबसे ज्यादा असर मिड-कैप और स्मॉल-कैप शेयरों पर दिखा है. बीते कारोबारी दिन इंडियन करेंसी Rupee में आई तेजी के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि हालांकि RBI के हस्तक्षेप से रिकॉर्ड लो-लेवल पर पहुंचे रुपये में कुछ सुधार हुआ, लेकिन यह अभी भी दबाव में बना हुआ है और बाजार में उतार-चढ़ाव बरकरार रहने की संभावना है.
2025 में अब तक FPI ने निकाली इतनी रकम
एक्सपर्ट्स का कहना है कि FPI पहले से ही बिकवाली के मूड में बने हुए हैं और साल 2025 में अब तक उन्होंने शेयर बाजारों से 88,139 करोड़ रुपये निकाले हैं. दूसरी ओर मिडकैप और स्मॉलकैप कैटेगरी में तेज गिरावट से SIP इनफ्लो प्रभावित हो सकता है, जिससे बाजार में घबराहट और तेज हो सकती है.
मार्केट में अस्थिरता की ये वजह भी
मेहता इक्विटीज के प्रशांत तापसे ने कहा कि आगे चलकर सरकार द्वारा खर्च कम किए जाने की संभावना है, जिसके चलते निवेशकों में अनिश्चितता पैदा हुई है और वे अपनी इक्विटी होल्डिंग्स को बेचने के लिए प्रेरित हुए हैं. क्वांटेस रिसर्च के कार्तिक जोनागदला ने कहा कि जब तक US Fed नीति, भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता को लेकर स्पष्टता नहीं आ जाती, तब तक अस्थिरता बनी रहने की संभावना है.
इसके अलावा रेलिगेयर सिक्योरिटीज के अजीत मिश्रा का कहना है कि बड़ी चिंता मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में अपनी स्थिति को मैनेज करने की है, जिनमें भारी बिकवाली हो रही है और जो अधिक असुरक्षित दिखाई दे रहे हैं. व्यापारियों को सतर्क रुख अपनाना चाहिए.
(नोट- शेयर बाजार में किसी भी निवेश से पहले अपने मार्केट एक्सपर्ट्स की सलाह जरूर लें.)