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Google कैसे कर रहा इजराइली सेना की मदद? सुंदर पिचाई बोले- राजनीति से नहीं कुछ लेना-देना

Israel-Hamas War को लेकर गूगल (Google) की भूमिका पर सुंदर पिचाई (Sundar Pichai) ने कहा कि इसका राजनीति से किसी तरह का कोई लेना-देना नहीं है. कंपनी का लक्ष्‍य सेवाओं को बेहतर करने में मदद करना शामिल है.

सुंदर पिचाई ने इजराइल हमास युद्ध पर गूगल की भूमिका बताई सुंदर पिचाई ने इजराइल हमास युद्ध पर गूगल की भूमिका बताई
aajtak.in
  • नई दिल्‍ली ,
  • 23 नवंबर 2023,
  • अपडेटेड 11:41 AM IST

दुनिया के सबसे बड़े सर्च इंजन के सीईओ सुंदर पिचाई (Sundar Pichai) ने वैश्विक मामले में गूगल (Google) की भूमिका को लेकर कहा है कि कंपनी सरकारों को उनकी सर्विस और बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने में मदद करने के लिए समर्पित है. ब्‍लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, एक इंटव्यू में इजराइल-हमास युद्ध (Israel-Hamas War) पर सुंदर पिचाई से गूगल की निंबस प्रोजेक्‍ट (Nimbus Project) के बारे में पूछा गया, जो इजरायली सेना की मदद कर रहा है. इस पर उन्होंने कहा कि इसका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है. कंपनी का उद्देश्‍य सिर्फ सरकार की सेवाओं को बेहतर बनाने में मदद करना है. 

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क्‍यों शुरू किया गया निंबस प्रोजेक्‍ट? 
सुंदर पिचाई ने कहा कि निंबस प्रोजेक्‍ट (Nimbus Project) इसी वजह से शुरू किया गया, क्‍योंकि इजराइल (Israel) का वित्त मंत्रालय अपने डिजिटल सिस्‍टम को अपग्रेड करना चाहता था. पिचाई ने गूगल की भागीदारी पर गर्व व्‍यक्‍त किया और इसकी तुलना रूस और यूक्रेन जैसे अन्‍य सरकारों की समान प्रोजेक्‍ट से की है. गूगल का निंबस प्रोजेक्‍ट अमेजन (Amazon) के साथ मिलकर इजराइल की सेना और सरकार के लिए क्‍लाउड और एआई सर्विस (AI Service) प्रदान कर रहा है. गौरतलब है कि इस समय इजरायल और हमास में जंग (Israel-Hamas War) जारी है और दोनों ओर से हजारों लोगों की जान गई है. 

राजनीति तरीके से नहीं गूगल की भागीदारी 
पिचाई ने आगे कहा कि हम इसे भू राजनीतिक संदर्भ में नहीं देखते हैं. हम इनके साथ भागीदार बनना चाहते हैं. पिचाई ने जोर देकर कहा कि गूगल इन परियोजनाओं में भागीदारी को राजनीतिक तरीके से नहीं, बल्कि मदद करने के तरीके से देखता है. उन्‍होंने कहा कि वे इनकी मदद करना चाहते हैं और कभी-कभी ऐसे समय में सटीक जानकारी देना महत्‍वपूर्ण होता है. 

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टेक्‍नोलॉजी भागीदार के रूप में काम 
ब्‍लूमबर्ग के इंटरव्‍यू में एमिली चांग ने सुंदर पिचाई से विश्‍व संघर्षों में गूगल के प्रभाव के बारे में पूछा. पिचाई ने कहा कि गूगल खुद को लोकतंत्र में विश्‍वास करने वाली सरकारों के साथ एक टेक्‍नोलॉजी भागीदार के रूप में देखता है. उन्‍होंने कहा कि कंपनी सरकारों के साथ जानकारी शेयर करने, वर्कफोर्स के लिए एजुकेशन को सपोर्ट करने और एआई समेत डिजिटल सिस्‍टम डेवलप करने में मदद करती है. इन कामों को लेकर सुंदर पिचाई ने विस्‍तार से प्रकाश डाला.  

सिस्‍टम को बेहतर बनाने पर फोकस 
भारतीय मूल के सीईओ सुंदर पिचाई ने बताया कि गूगल का ध्‍यान राजनीति में शामिल होने के बजाय सिस्‍टम को सक्षम बनाने पर है. कंपनी सूचना को सही ढंग से संभालने के महत्‍व पर जोर देती है. खासकर ऐसे समय में गूगल सहायक भागीदारी बनकर काम करती है. सुंदर पिचाई ने कहा कि कंपनी का लक्ष्‍य सिर्फ बेहतर सिस्‍टम के लिए सरकार की मदद करना है. यूक्रेन और रूस के साथ प्रोजेक्‍ट में भी गूगल ऐसी ही भूमिका निभा रहा है. 

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