
सप्ताह का दूसरा कारोबारी दिन भारतीय टेलीकॉम कंपनियों के लिए काफी अहम रहा. दरअसल, लंबे समय से चल रहे एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) के विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाया है. इसके तहत टेलीकॉम कंपनियों को राहत देते हुए एजीआर बकाया चुकाने के लिए 10 साल का वक्त मिल गया है. इसका सबसे ज्यादा असर एयरटेल और वोडफोन-आइडिया के शेयर पर पड़ने वाला है.
एयरटेल में जबरदस्त तेजी
देश की दिग्गज टेलीकॉम कंपनी एयरटेल के शेयर में जबरदस्त तेजी दर्ज की गई है. कारोबार के अंत में शेयर भाव करीब 7 फीसदी के इजाफे के साथ 546 रुपये से ज्यादा हो गया है. अगर वोडाफोन-आइडिया की बात करें तो करीब 14 फीसदी की गिरावट आई और यह 9 रुपये से नीचे के भाव पर रहा. अन्य टेलीकॉम कंपनियों की अपेक्षा वोडाफोन आइडिया की स्थिति आर्थिक रूप से कमजोर है. कंपनी ने कहा कि अगर उन्हें एक बार में बकाए राशि का भुगतान करना पड़े, तो उन्हें अपना कारोबार बंद करना होगा.
सुप्रीम कोर्ट ने दिया फैसला
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट को एजीआर बकाया चुकाने के लिए 10 साल का वक्त मिल गया है. यह वोडफोन-आइडिया, एयरटेल के लिए काफी राहत की बात है. वोडाफोन-आइडिया और भारती एयरटेल ने एजीआर बकाया चुकाने के लिए 15 साल का समय मांगा था. अभी तक 15 टेलीकॉम कंपनियों ने सिर्फ 30,254 करोड़ रुपये चुकाये हैं, जबकि कुल बकाया 1.69 लाख करोड़ रुपये का है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर कंपनियां इन 10 साल के दौरान पेमेंट पर डिफॉल्ट करती हैं तो इंटरेस्ट और पेनल्टी देनी होगी. वहीं, टेलिकॉम कंपनियों को AGR की बकाया रकम चुकाने का हलफनामा जमा करना होगा. एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू संचार मंत्रालय के दूरसंचार विभाग (DoT) द्वारा टेलीकॉम कंपनियों से लिया जाने वाला यूजेज और लाइसेंसिग फीस है. इसके दो हिस्से होते हैं- स्पेक्ट्रम यूजेज चार्ज और लाइसेंसिंग फीस, जो क्रमश 3-5 फीसदी और 8 फीसदी होता है.