
अगर आप भी अमूल के प्रोडक्ट्स यूज करते हैं, तो उन पर एक लड़की की फोटो जरूर देखते होंगे. इस Amul Girl को दुनिया के सामने पेश करने वाले एड गुरू सिल्वेस्टर दा कुन्हा (Sylvester daCunha) का मंगलवार की रात मुंबई में निधन हो गया. उन्होंने 80 साल की उम्र में अंतिम सांस ली. गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन (GCMMF) के एमडी जयेन मेहता ने ट्वीट कर उनके निधन की जानकारी शेयर की.
1966 में दिया था अमूल गर्ल का आइडिया
सिल्वेस्टर दा कुन्हा ने साल 1966 में अमूल गर्ल वाले विज्ञापन का आइडिया पेश किया था. इसके बाद सफेद और लाल रंग के डॉटेड फ्रॉक में नजर आने वाली अटरली-बटरली गर्ल ने ऐसा कमाल किया कि अमूल ब्रांड को देश और दुनिया में नई पहचान मिली. यही नहीं Amul Girl दुनिया में सबसे लंबे समय तक लगातार चलने वाले विज्ञापनों में से एक है.
अमूल गर्ल का खास वन लाइनर
Amul Girl कैंपेन के इतने सफल होने की एक बड़ी वजह उसके साथ दिया गया वन लाइनर रहा. ये था 'अटर्ली बटर्ली अमूल' जो अमूल गर्ल की तरह आधुनिकता को दर्शाता था. हर एड के साथ इस शानदार वन लाइनर और आसानी से दिमाग में जगह बनाने वाली अमूल गर्ल ने एड कैंपेन को खास बना दिया. ये एड कैंपेन इतना सफल रहा है कि ब्रांड की पहचान बन गया.
जयेन मेहता ने Tweet कर जताया शोक
GCMMF के एमडी जयेन मेहता ने ट्वीट के जरिए ये जानकारी साझा की है. उन्होंने कहा कि मुंबई में दाकुन्हा कम्युनिकेशंस के अध्यक्ष सिल्वेस्टर के निधन से बहुत दुखी हैं. भारतीय विज्ञापन उद्योग के दिग्गज सिल्वेस्टर दाकुन्हा 1960 के दशक से अमूल से जुड़े थे और उन्होंने 1966 में जीसीएमएमएफ के स्वामित्व वाले ब्रांड Amul के लिए 'अटरली-बटरली' कैंपेन की कल्पना की, जिसने 'अमूल गर्ल' को दुनिया के सामने पेश किया जो आज भी जारी है.
परिवार में बचे पत्नी और बेटे
Sylvester daCunha के निधन के बाद उनके परिवार में उनकी पत्नी निशा और बेटे राहुल दाकुन्हा हैं. अमूल गर्ल कैंपेन शुरू होने के करीब तीन साल बाद सिल्वेस्टर ने अपने भाई के साथ मिलकर 1969 में दाकुन्हा कम्युनिकेशंस की स्थापना की थी. इस अभियान ने 2016 में 50 वर्ष पूरे किये थे. अब ये एजेंसी उनके बेटे राहुल चलाते हैं.