
देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) में रिश्वत लेकर नौकरी देने का मामला सामने आया है. रिश्वत से जुड़े इस मामले के खुलासे के बाद कंपनी में हड़कंप मचा गया. मिंट की एक रिपोर्ट के अनुसार, TCS के कुछ सीनियर अधिकारी अपने कैंडिडेट को नौकरी देने के बदले स्टाफिंग फर्मों से रिश्वत ले रहे थे. रिपोर्ट के अनुसार, ये सब कई साल से चल रहा था. इस मामले के खुलासे के बाद टाटा समूह की कंपनी टीसीएस ने तुरंत कार्रवाई की है. कंपनी ने अपने रिसोर्स मैनजमेंट ग्रुप (RMG) से चार अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया और तीन स्टाफिंग फर्मों पर प्रतिबंध लगा दिया है.
कैसे हुआ मामले का खुलासा?
रिपोर्ट के अनुसार, पूरे मामले का पता तब चला जब एक व्हिसलब्लोअर ने कंपनी के सीईओ और सीओओ को पत्र लिखकर दावा किया कि RMG के ग्लोबल प्रमुख, ईएस चक्रवर्ती कैंडिडेट्स को नौकरी देने के लिए उन स्टाफिंग फर्मों से रिश्वत ले रहे थे, जो कंपनी के लिए स्टाफ की हायरिंग करती हैं. मामले के सामने आने के बाद आईटी प्रमुख ने आरोपों की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया, जिसमें मुख्य सूचना सुरक्षा अधिकारी अजीत मेनन शामिल थे.
100 करोड़ कमाने का अनुमान
जांच के बाद TCS ने अपने रिक्रूटमेंट प्रमुख को छुट्टी पर भेज दिया और RMG के चार अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया. ईएस चक्रवर्ती को ऑफिस आने से रोक दिया गया. साथ ही डिवीजन के एक अन्य अधिकारी अरुण जीके को भी कंपनी ने बर्खास्त कर दिया. रिपोर्ट में एक अधिकारी के हवाले से लिखा गया कि पिछले तीन वर्षों में कंपनी ने कॉन्ट्रैक्टर्स सहित 3,00,000 लोगों को नौकरी पर रखा है. उन्होंने यह भी अनुमान लगाया कि घोटाले में शामिल लोगों ने कमीशन के जरिए से कम से कम 100 करोड़ रुपये कमाए होंगे.
TCS में 6 लाख से अधिक स्टॉफ
मार्च की तिमाही के नतीजे में कंपनी ने बताए थे कि उसने FY23 के दौरान 22,600 कर्मचारियों को नौकरी दी. 31 मार्च 2023 तक कंपनी के कर्मचारियों की संख्या 6,14,795 रही. वहीं, दिसंबर की तिमाही के नतीजों में कंपनी ने बताया था कि उसके कर्मचारियों की संख्या 6,13,974 है. दिसंबर की तिमाही के नतीजों के बाद कंपनी के चीफ HR ऑफिसर मिलिंद लक्कड़ ने कहा था कि- 'पिछली कुछ तिमाहियों में हमारा ध्यान नए टैलेंट को बड़े पैमाने पर लाने और उन्हें नई तकनीकों पर ट्रेंड कर प्रोडक्टिव बनाने पर रहा है.'
कंपनी का वित्तीय प्रदर्शन
TCS का कंसॉलिडेटेड नेट प्रॉफिट वर्ष (2022-23) की चौथी तिमाही में साल दर साल आधार पर 14.8 फीसदी बढ़कर 11,436 करोड़ रुपये रहा था. हालांकि, अनुमान के मुताबिक टीसीएस के नतीजे कमजोर थे. वित्त वर्ष 2022-23 की चौथी तिमाही में आईटी सेक्टर को कई चुनौतियों का समना करना पड़ा. अमेरिका के सिलिकॉन वैली बैंक संकट ने आईटी सेक्टर को तगड़ा झटका दिया.
दरअसल, IT सेक्टर के लिए बैंकिंग फाइनेंसियल सर्विसेज एंड इंश्योरेंस (BFSI) सेगमेंट सबसे अहम होता है. अमेरिकी बैंकिंग संकट ने इसी पर चोट किया है. अमेरिका टीसीएस के लिए सबसे अधिक रेवेन्यू जेनरेट करता है. एक्सपोजर अधिक होने के कारण इंफोसिस के BFSI का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है.