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क्या टाटा ग्रुप लेकर आने वाला है इस कंपनी का IPO? इस मार्केट पर टिकी नजर

भारतीय इलेक्ट्रॉनिक इंडस्ट्रीज 2025 तक 300 अरब डॉलर तक पहुंच सकती है. टाटा ग्रुप इस कारोबार पर नजर बनाए हुए हैं. इस कंपनी के IPO के आने में कुछ साल का वक्त लग सकता है. लेकिन ग्राउंड वर्क अभी से ही शुरू हो चुका है.

टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स का प्लान. टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स का प्लान.
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 11 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 1:37 PM IST

टाटा प्ले और टाटा टेक्नोलॉजीज (Tata Technologies) के आईपीओ (IPO) के अफवाहों के बीच टाटा ग्रुप (Tata Group) चुपचाप एक बड़ी तैयारी में जुटा है. 31 दिसंबर 2021 तक टाटा ग्रुप के 29 एंटरप्राइजेज सार्वजनिक रूप से मार्केट में लिस्टेड थे और इनकी कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन 314 बिलियन डॉलर (23.4 ट्रिलियन रुपये) थी. कहा जा रहा है कि टाटा ग्रुप एक नए तरह के आईपीओ को लॉन्च करने की तैयारी में जुट चुका है. हालांकि, अभी इसमें कुछ साल का वक्त लगेगा. भारत का इलेक्ट्रॉनिक उद्योग 2025 तक 300 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है. टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड (TEPL) की नजर इस बढ़ते मार्केट पर टिकी हुई है.

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सेमीकंडक्टर का कारोबार 

सेमीकंडक्टर के कारोबार में उतरने के ऐलान ने टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स को सुर्खियों में ला दिया है. टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने इस बात की पुष्टि की है. बिजनेस टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के तहत समूह की योजना शुरुआत में एक आउटसोर्स सेमीकंडक्टर असेंबल और टेस्ट (OSAT) करने की है. इसीलिए समूह ने टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया के सीईओ के रूप में राजा मणिकम को नियुक्त किया है.

एडवांस पैकेजिंग का वैल्यूएशन

हालांकि, टाटा समूह OSAT के लिए मैच्योर तकनीक की तरफ नहीं देख रहा है, जिसकी मदद से उद्योग के रेवेन्यू को लगभग 75-80 फीसदी तक डेवलप कर उसे संचालित करना आसान है. कंपनी एडवांस पैकेजिंग का वैल्यूएशन कर रही है, जो इंजीनियरिंग बेस्ड है और इसमें प्रोसेसिंग जैसे वेफर फैब शामिल हैं. आने वाले समय में ये महत्वपूर्ण होने जा रहा है. क्योंकि TSMC और Intel जैसी प्रमुख कंपनियों के पास एडवांस नोड है. लेकिन भारत में अभी तक कोई फैब्स नहीं है. इसलिए टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स को भी बाहर से संसाधित वेफर्स लाना होगा.

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आईपीओ लाना एक लंबा रास्ता

प्राइवेट वेल्थ, मोनार्क नेटवर्थ कैपिटल लिमिटेड के निदेशक पीयूष नागदा ने बिजनेस टुडे को बताया- 'टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स सेमीकंडक्टर, ईवीएस और ईवी बैटरी जैसे कॉम्पोनेन्ट का निर्माण करने वाली टाटा समूह की नई एंटरप्राइजेज है. इस सेगमेंट का मार्केट साइज काफी बड़ा है. लेकिन टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स को निर्माण की सुविधाएं स्थापित करने और बिजनेस ट्रैक्शन को डेवलप करने में कई साल लगेंगे. उनके लिए आईपीओ लाना एक लंबा रास्ता तय करने जैसा है.

टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड को आईपीओ के लिए तैयार होने में 5-7 साल लग सकते हैं, लेकिन जब व्यावसायिक निर्णयों की बात आती है तो कोई क्रम नहीं होता है. टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स की पार्टनरशिप बड़े नामों के साथ हो सकती है. 

 

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