
टाटा समूह (Tata Group) ने आने वाले समय में साइरस मिस्त्री (Cyrus Mistry) जैसे विवाद की स्थिति को दूर करने के लिए एक अहम बदलाव किया है. इस संबंध में टाटा संस के शेयरहोल्डर्स की सालाना आम बैठक (Tata SOns AGM) में आर्टिकल ऑफ एसोसिएशन समेत कुछ संशोधनों को मंजूरी दे दी गई. इस मंजूरी के बाद अब टाटा संस और टाटा ट्रस्ट्स (Tata Trusts) के चेयरमैन के पद अलग हो गए हैं. अब इन दोनों पदों पर किसी एक ही व्यक्ति की नियुक्ति नहीं हो पाएगी.
इन बदलावों पर लगी शेयरहोल्डर्स की मुहर
टाटा ट्रस्ट्स यानी सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट (Sir Dorabji Tata Trust) और सर रतन टाटा ट्रस्ट (Sir Ratan Tata Trust) के पास 103 अरब डॉलर के टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस में अधिकांश हिस्सेदारी है. अभी दोनों ट्रस्ट की अगुवाई टाटा समूह के चेयरमैन एमेरिटस रतन टाटा (Ratan Tata) कर रहे हैं. दोनों ट्रस्ट की टाटा संस में करीब 52 फीसदी हिस्सेदारी है. आर्टिकल ऑफ एसोसिएशन में बदलाव के प्रस्ताव पर 30 अगस्त को हुई एजीएम में वोटिंग हुई और इसे मंजूरी दे दी गई. इस बदलाव के बाद टाटा संस के चेयरमैन पर किसी भी व्यक्ति की नियुक्ति के लिए सभी डाइरेक्टर्स की सहमति जरूरी होगी. टाटा संस के चेयरमैन पद और डाइरेक्टर्स के पदों के लिए सुझाव देने को लेकर एक सेलेक्शन कमिटी बनाई जाएगी.
अब ऐसे होगा टाटा के चेयरमैन का चयन
नए बदलाव के बाद सेलेक्शन कमिटी के चेयरमैन का चयन सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट और सर रतन टाटा ट्रस्ट के द्वारा किया जाएगा. ये दोनों ट्रस्ट चेयरमैन का चयन नॉमिनी में से करेंगे. इसके अलावा एजीएम में एक अन्य प्रस्ताव पर भी मुहर लगी. इस प्रस्ताव के अनुसार, अब कोई एक व्यक्ति सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट या सर रतन टाटा ट्रस्ट या दोनों का चेयरमैन टाटा संस का चेयरमैन बनने के लिए पात्र नहीं माना जाएगा. सेलेक्शन कमिटी में सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट और सर रतन टाटा ट्रस्ट के द्वारा तीन लोगों को नॉमिनेट किया जाएगा. एक अन्य व्यक्ति को टाटा संस के बोर्ड के द्वारा नॉमिनेट किया जाएगा.
इतना बढ़ गया टाटा संस का नेट प्रॉफिट
एजीएम में माइनॉरिटी शेयर होल्डर शपूरजी पलोनजी ग्रुप (Shapoorji Pallonji Group) की अधिक डिविडेंड की मांग पर भी विचार किया गया. हालांकि यह अभी साफ नहीं हो पाया है कि इसे लेकर क्या राय बनी. हालांकि एजीएम में समूह ने टाटा की कई कंपनियों के परफॉर्मेंस की सराहना की. इसके अलावा एअर इंडिया (Air India) और टाटा डिजिटल (Tata Digital) की आगे की चुनौतियों पर भी चर्चा की गई. आपको बता दें कि माइनॉरिटी शेयर होल्डर शपूरजी पलोनजी ग्रुप ने 2021-22 के लिए दिए गए 2.5 फीसदी डिविडेंड को काफी कम बताया था. 2021-22 के दौरान टाटा संस का नेट प्रॉफिट साल भर पहले की तुलना में 164 फीसदी बढ़कर 17,171 करोड़ रुपये पर पहुंच गया.
फिर डाइरेक्टर बने पिरामल और श्रीनिवासन
एजीएम में शेयरहोल्डर्स ने पिरामल इंडस्ट्रीज (Piramal Industries) के चेयरमैन अजय पिरामल (Ajay Piramal) को टाटा संस के बोर्ड में तीसरी बार इंडिपेंडेंट डाइरेक्टर बनाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी. इसें अलावा टाटा के दोनों ट्रस्टों के नॉमिनी वेनू श्रीनिवासन (Venu Srinivasan) को भी फिर से नियुक्त किया गया. हालांकि शपूरजी पलोनजी ग्रुप ने पिरामल और श्रीनिवासन दोनों की नियुक्ति के विरोध में वोट किया. वहीं शपूरजी पलोनजी ग्रुप इन्वेस्टमेंट स्पेशलिस्ट अनीता जॉर्ज (Anita George) को इंडिपेंडेंट डाइरेक्टर बनाए जाने के प्रस्ताव पर वोटिंग करने से दूर रहा. शपूरजी पलोनजी ग्रुप की साइरस इन्वेस्टमेंट और स्टर्लिंग इन्वेस्टमेंट कॉर्प के पास टाटा संस की 18.4 फीसदी हिस्सेदारी है.