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Tata Steel Action: जांच में पकड़े गए... अब टाटा की इस कंपनी से 38 कर्मचारी बर्खास्त, तीन लोगों पर ये गंभीर आरोप

टाटा ग्रुप के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने कहा कि कंपनी से निकाले गए 38 कर्मचारियों के खिलाफ एक के बाद एक कई शिकायतें मिली थीं. जिसके बाद मामला कंपनी के संज्ञान में आया और इनकी जांच के बाद बर्खास्तगी की कार्रवाई की गई.

टाटा स्टील से पहले टीसीएस के चार अधिकारियों को किया गया था बर्खास्त टाटा स्टील से पहले टीसीएस के चार अधिकारियों को किया गया था बर्खास्त
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 06 जुलाई 2023,
  • अपडेटेड 3:08 PM IST

देश के सबसे बड़े कारोबारी घराने टाटा ग्रुप (Tata Group) की कंपनी टाटा स्टील से 38 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया गया है. इन कर्मचारियों को मंदी की आहट के बीच कॉस्ट कटिंग के नाम पर नहीं, बल्कि उनपर लगे गंभीर आरोपों के कारण बर्खास्त किया गया है. इससे पहले ग्रुप की दिग्गज आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) से चार बड़े अधिकारियों को निकाले जाने की खबर भी बीते दिनों सुर्खियां बनी थी. 

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38 में से तीन पर यौन दुराचार का आरोप
बिजनेस टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, Tata Steel सालाना शेयरहोल्डर्स मीटिंग के दौरान खुद Tata Son's के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन (N Chandrasekaran) ने ये जानकारी शेयर की है. उन्होंने बताया कि स्टील दिग्गज टाटा स्टील ने पिछले वित्तीय वर्ष में कदाचार के आरोप में 38 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है.

चंद्रशेखरन के मुताबिक, 'हमने 38 कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की है, जिन्हें कंपनी से टर्मिनेट कर दिया गया है. इनमें से 35 को नैतिक मुद्दों से जुड़ी अस्वीकार्य प्रथाओं के लिए, जबकि 3 कर्मचारियों को यौन दुराचार (Sexual Misconduct) के गंभीर आरोपों के चलते निकाला गया है. 

बीते साल मिलीं थीं 875 शिकायतें
टाटा ग्रुप के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने आगे कहा कि कंपनी से निकाले गए कर्मचारियों के खिलाफ एक के बाद एक कई शिकायतें मिली थीं. जिसके बाद मामला कंपनी के संज्ञान में आया और इनकी जांच शुरू की गई थी. उन्होंने बताया कि हमें पिछले वित्त वर्ष में 875 शिकायतें मिलीं. इनमें से 158 व्हिसलब्लोअर्स से संबंधित, 48 सेफ्टी से जुड़ी हुईं और 669 एचआर और अन्य व्यवहार संबंधी मुद्दों से संबंधित थीं.

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उन्होंने बताया कि जिन कर्मचारियों को बर्खास्त किया गया है उनके खिलाफ अपने अधिकारों का गलत इस्तेमाल करने, कॉन्ट्रैक्ट मैनेजमेंट एग्रीमेंट्स को ना मानने और सेक्सुअल हैरेसमेंट से संबंधित शिकायतें मिली थीं. टाटा चेयरमैन ने बैठक में सभी कर्मचारियों को वर्कप्लेस पर कदाचार के बारे में बोलने के लिए भी प्रोत्साहित किया.

TCS के चार अधिकारी हुए थे बर्खास्त
गौरतलब है कि इससे पहले जून 2023 के आखिरी महीने टाटा की आईटी कंपनी TCS में रिसोर्स मैनजमेंट ग्रुप (RMG) से चार अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया और तीन स्टाफिंग फर्मों पर प्रतिबंध लगा दिया है. मिंट की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि निकाले गए ये अधिकारी सालों से कैंडिडेट्स को नौकरी के बदले स्टाफिंग फर्मों से घूल रहे थे.

रिपोर्ट के अनुसार, पूरे मामले का पता तब चला जब एक व्हिसलब्लोअर ने कंपनी के सीईओ और सीओओ को पत्र लिखकर दावा किया कि RMG के ग्लोबल प्रमुख, ईएस चक्रवर्ती कैंडिडेट्स को नौकरी देने के लिए उन स्टाफिंग फर्मों से रिश्वत ले रहे थे, जो कंपनी के लिए स्टाफ की हायरिंग करती हैं.

सबसे ज्यादा वर्कफोर्स वाली कंपनी 
इस खबर के सामने आने के बाद टीसीएस मैनेजमेंट में हड़कंप मच गया था और इनकी जांच के लिए TCS ने आनन-फानन में तीन सदस्यीय कमेटी गठित की थी, इसमें कंपनी के मुख्य सूचना सुरक्षा अधिकारी अजीत मेनन शामिल थे. जांच के बाद TCS ने अपने रिक्रूटमेंट प्रमुख को छुट्टी पर भेज दिया और RMG के चार अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया था.

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बता दें दुनिया में सबसे ज्यादा वर्कफोर्स वाली कंपनियों में टीसीएस का नाम भी शामिल है. मार्च 2023 की तिमाही के नतीजे पेश करते हुए कंपनी ने बताया था कि FY23 के दौरान 22,600 कर्मचारियों को नौकरी दी गई. 31 मार्च 2023 तक कंपनी के कर्मचारियों की संख्या 6,14,795 थी. 

 

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