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शपथ से पहले ट्रंप की ताकत, हुए दो बड़े काम, हिंडनबर्ग का खेल खत्म और ये समझौता!

लंबे समय से चल रहे Israel Hamas War में नया मोड़ आया है और आखिरकार दोनों के बीच सीजफायर पर सहमति बन गई है. दूसरी ओर दिग्गज कंपनियों पर निशाना साधकर शॉर्ट सेलिंग करने वाली हिंडनबर्ग भी बंद होने जा रही है. ये दोनों ही बड़ी खबरें US में ट्रंप की शपथ से पहले आई हैं.

20 जनवरी को अमेरिकी राष्ट्रपति पद की शपथ लेने वाले हैं डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी को अमेरिकी राष्ट्रपति पद की शपथ लेने वाले हैं डोनाल्ड ट्रंप
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 16 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 12:21 PM IST

अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) 20 जनवरी को राष्ट्रपति (US President) पद की शपथ लेने वाले हैं. लेकिन इससे पहले ही उनकी ताकत दिखने लगी है. इसके दो उदाहरण सिर्फ एक ही दिन में देखने को मिले हैं. एक ओर जहां लंबे संघर्ष के बाद इजरायल-हमास के बीच सीजफायर (Israel-Hamas Ceasefire) पर सहमति बन गई है, तो वहीं दूसरी ओर दुनियाभर की दिग्गज कंपनियों को निशाना बनाने वाली शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग ने भी अपना बोरिया-बिस्तर समेट लिया है. 

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इजरायल-हमास में सीजफायर पर सहमति
लंबे समय से चल रहे Israel Hamas War में नया मोड़ आया है और आखिरकार दोनों के बीच सीजफायर पर सहमति बन गई है. ये सीजफायर फिर से अमेरिकी राष्ट्रपति बनने जा रहे डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की शपथ ग्रहण से पहले देखने को मिला है. इस पर अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी बड़ा बयान देते हुए कहा है कि मिडिल ईस्ट में बंधकों की रिहाई पर डील हो गई है और वे जल्द रिहा होंगे. पीटीआई के मुताबिक, उन्होंने ये भी कहा है कि ये युद्ध विराम समझौता नवंबर में हमारी ऐतिहासिक जीत के परिणामस्वरूप ही हो सका, क्योंकि इसने पूरी दुनिया को संकेत दिया कि मेरा प्रशासन शांति की तलाश करेगा.

Hindenburg की शॉर्ट सेलिंग बंद 
हिंडनबर्ग का नाम विदेशों में ही नहीं बल्कि भारत में भी साल 2023 से ही खूब चर्चा में रहा है. पहले गौतम अडानी के नेतृत्व वाले Adani Group को लेकर जारी की गई रिसर्च रिपोर्ट हो, या फिर बीते साल इंडियन मार्केट रेग्युलेटर सेबी (SEBI) की चीफ माधबी पुरी बुच पर लगाए गए आरोप हों, ये विपक्ष के प्रमुख मुद्दों में भी शामिल रहे हैं और इनके जरिए सरकार को लगातार कटघरे में खड़ा किया जाता रहा है. इस शॉर्ट सेलर फर्म ने अमेरिका की भी कई दिग्गज कंपनियों को बड़ा झटका देने का काम किया और उसका शिकार बनी कंपनियों में Roblox, Nikola Corporation, Clover Health, DraftKings, Block शामिल हैं. 

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लेकिन, अमेरिकी सत्ता में बदलाव से पहले ही यहां भी नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ताकत की झलक देखने को मिली है और नाथन एंडरसन के नेतृत्व वाली हिंडनबर्ग ने शॉर्ट सेलिंग बंद करने का ऐलान किया है. साल 2017 में शुरू हुई इस शॉर्ट सेलर कंपनी के शट डाउन की खबर से अडानी ग्रुप को भी बड़ी राहत मिली है और इसका असर गुरुवार को शेयर मार्केट (Share Market) में कारोबार के दौरान Adani Stocks पर भी तेजी के रूप में देखने को मिला है. 

अडानी ने ऐसे दी थी ट्रंप की जीत पर बधाई 
गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में जोरदार जीत हासिल करने पर अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी ने भी डोनाल्ड ट्रंप को बधाई दी थी और सोशल मीडिया पोस्ट में बड़ी बात लिखी थी. उन्होंने ट्विटर (अब X) पर एक पोस्ट में लिखा था, 'अगर दुनिया में कोई एक व्यक्ति है जो अटूट दृढ़ता, अदम्य साहस, निरंतर दृढ़ संकल्प और अपने विश्वासों के प्रति टिके रहने के साहस का प्रतीक है, तो वह डोनाल्ड ट्रंप हैं.'

एंडरसन ने पोस्ट में बताई बंद करने की वजह 
हिंडनबर्ग के फाउंडर नाथन एंडरसन ने अपनी पोस्ट में लिखा, 'जैसा कि मैंने पिछले साल के अंत से ही अपने परिवार, दोस्तों और अपनी टीम के साथ शेयर किया था, मैंने हिंडनबर्ग रिसर्च को बंद करने का निर्णय लिया है. प्लानिंग ये थी कि हम जिन विचारों पर काम कर रहे थे, उनके पूरे होते ही इसे बंद कर दिया जाएगा. मैं यह सब खुशी से लिख रहा हूं,  इसे बनाना मेरे जीवन का सपना रहा है और यह कोई आसान ऑप्शन नहीं था.' उन्होंने आगे लिखा कि मैं अपने परिवार के साथ समय बिताने, अपने शौक पूरे करने और सफर करने के लिए उत्सुक हूं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इसे बंद करने के पीछे कोई खास बात नहीं है, न ही कोई खतरा है और किसी तरह की कोई स्वास्थ्य समस्या भी नहीं है. 

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सर्वे में खुलासा- भारत के लिए फायदेमंद ट्रंप
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, एक यूरोपीय थिंक-टैंक की ओर से किए गए ग्लोबल सर्वे में डोनाल्ड ट्रंप की सत्ता में वापसी को भारत के लिए फायदेमंद बताया गया है. यूरोपियन काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस (ECFR) ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के 'यूरोप इन ए चेंजिंग वर्ल्ड' प्रोजेक्ट के साथ मिलकर किए गए इस सर्वे के मुताबिक, भारत में 82% लोगों का मानना है कि ट्रंप की जीत दुनिया में शांति के लिए अच्छी है. 84% का कहना है कि यह भारत-अमेरिकी संबंधों के लिए सकारात्मक है और 85% लोगों ने इसे अमेरिकी नागरिकों के लिए लाभकारी माना.

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