
रविवार यानी 28 अगस्त को दोपहर बाद ठीक 2.30 बजे नोएडा के सेक्टर 93-A स्थित ट्विन टावर को जमींदोज कर दिया गया. 30 और 32 मंजिला ये गगनचुंबी इमारतें पल भर में ही भरभरा कर मिट्टी में मिल गईं. थोड़ी देर पहले जहां गगनचुंबी इमारतें थी, वहां अब मलबे का ढेर है. ब्लास्ट के बाद धुएं का जबरदस्त गुबार उठा. बताया जा रहा है कि करीब दो घंटे तक धूल का गुबार हवा में रहेगा. आसपास के लोगों को पहले ही वहां से हटाया जा चुका है. हेल्थ इमरजेंसी के मद्देनजर तीन अस्पताल भी अलर्ट पर रखे गए हैं. करीब 300 करोड़ रुपये की लागत से बनी इस इमारत को गिराने में भी करोड़ों रुपये खर्च हुए हैं.
कितनी आई है लागत?
ट्विन टावर को जमींदोज करने के लिए 3700 किलोग्राम बारूद का इस्तेमाल किया गया. दोनों टावर को गिराने में करीब 20 करोड़ रुपये का खर्च आया है. इमारत को ध्वस्त करने की लागत करीब 267 रुपये प्रति वर्ग फुट बताई जा रही है. इस हिसाब से 7.5 लाख वर्ग फुट के निर्माण को गिराने की लागत लगभग 20 करोड़ रुपये होती है. इसमें विस्फोटक की कीमत भी शामिल है.
मलबा बेचकर कितनी होगी कमाई?
बताया जा रहा है कि कुल लागत में से बिल्डर कंपनी सुपरटेक लगभग 5 करोड़ रुपये का भुगतान कर रही है. वहीं, बाकी के 15 करोड़ रुपये की राशि मलबे को बेचकर प्राप्त की जाएगी. 4,000 टन स्टील सहित मलबे का वजन लगभग 55,000 टन होगा.
अभी कैसे हैं आसपास के हालात
नोएडा की CEO ने कहा कि तय प्लान के मुताबिक टावर को गिराया गया. साथ ही बताया कि थोड़ा मलबा सड़क और एटीएस बिल्डिंग की दीवार की ओर गया है. बिल्डिंग गिरने के बाद डस्ट क्लाउट बना था. फिलहाल सब ठीक है. साढ़े 6 बजे के बाद आसपास की सोसाइटियों में रहने वाले लोगों को घर में आने की अनुमति दी जाएगी. जहां ट्विन टावर खड़ा था उसके आसपास छोटी-बड़ी कुल मिलाकर 6 सोसाइटी हैं. इन 6 सोसाइटी में 3 हजार से अधिक फ्लैट हैं.
इतने फ्लैट हो चुके थे बुक
ट्विन टावर्स में 711 ग्राहकों ने फ्लैट बुक कराए थे. इनमें से सुपरटेक ने 652 ग्राहकों का सेटलमेंट कर दिया है. बुकिंग अमाउंट और ब्याज मिलाकर रिफंड का विकल्प आजमाया गया है. मार्केट या बुकिंग वैल्यू+इंटरेस्ट की कीमत के बराबर प्रॉपर्टी दी गई है. बिल्डर ने प्रॉपर्टी की कीमत कम या ज्यादा होने पर पैसा रिफंड किया या अतिरिक्त रकम ली. जिन लोगों को बदले में सस्ती प्रॉपर्टी दी गई उनमें सभी को अभी तक बाकी रकम नहीं मिली है.
कई लोगों को अब तक नहीं मिला रिफंड
ट्विन टावर्स के 59 ग्राहकों को अभी तक नहीं मिला रिफंड नहीं मिला है. रिफंड की आखिरी तारीख 31 मार्च 2022 थी. कुल 950 फ्लैट्स के इन 2 टावर्स को बनाने में ही सुपरटेक ने 200 से 300 करोड़ रुपये खर्च किए थे. गिराने का आदेश जारी होने से पहले इन फ्लैट्स की मार्केट वैल्यू बढ़कर 700 से 800 करोड़ तक पहुंच चुकी थी.