Advertisement

Unemployment in India: बेरोजगारी से देश का हुआ बुरा हाल, घर बैठे 5 करोड़ से ज्यादा लोग

दिसंबर 2021 तक भारत में बेरोजगार लोगों की संख्या 5.3 करोड़ रही. इनमें महिलाओं की संख्या 1.7 करोड़ है. घर बैठे लोगों में उनकी संख्या अधिक है, जो लगातार काम खोजने का प्रयास कर रहे हैं. सीएमआईई के अनुसार, लगातार काम की तलाश करने के बाद भी बेरोजगार बैठे लोगों का बड़ा आंकड़ा चिंताजनक है.

5 करोड़ से ज्यादा बेरोजगार 5 करोड़ से ज्यादा बेरोजगार
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 21 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 12:31 PM IST
  • महिलाओं को नहीं मिलता काम करने में सोशल सपोर्ट
  • ग्लोबल स्टैंडर्ड से बहुत पीछे है भारत

India Unemployment Rate: भारत जैसे विकासशील देशों के सामने आबादी (Population) और बेरोजगारी (Unemployment) बड़ी चुनौती है. कोरोना महामारी के चलते बेरोजगारी की समस्या और गंभीर हो चुकी है. एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार देश में बेरोजगारों की संख्या 5 करोड़ से ज्यादा हो गई है. इनमें महिलाओं की संख्या भी काफी ज्यादा है.

बेरोजगारों में महिलाओं की बड़ी संख्या

सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) की एक दिन पहले जारी रिपोर्ट के अनुसार, दिसंबर 2021 तक भारत में बेरोजगार लोगों की संख्या 5.3 करोड़ रही. इनमें महिलाओं की संख्या 1.7 करोड़ है. घर बैठे लोगों में उनकी संख्या अधिक है, जो लगातार काम खोजने का प्रयास कर रहे हैं. सीएमआईई के अनुसार, लगातार काम की तलाश करने के बाद भी बेरोजगार बैठे लोगों का बड़ा आंकड़ा चिंताजनक है.

Advertisement

खोजने पर भी नहीं मिल रहा है काम

रिपोर्ट के अनुसार, कुल 5.3 करोड़ बेरोजगार लोगों में से 3.5 करोड़ लोग लगातार काम खोज रहे हैं. इनमें करीब 80 लाख महिलाएं शामिल हैं. बाकी के 1.7 करोड़ बेरोजगार काम तो करना चाहते हैं, पर वे एक्टिव होकर काम की तलाश नहीं कर रहे हैं. ऐसे बेरोजगारों में 53 फीसदी यानी 90 लाख महिलाएं शामिल हैं. सीएमआईई का कहना है कि भारत में रोजगार मिलने की दर बहुत कम है और यह अधिक बड़ी समस्या है.

ग्लोबल स्टैंडर्ड से काफी नीचे है भारत

वर्ल्ड बैंक (World Bank) के हिसाब से वैश्विक स्तर पर रोजगार मिलने की दर महामारी से पहले 58 फीसदी थी, जबकि कोविड के आने के बाद 2020 में दुनिया भर में 55 फीसदी लोगों को रोजगार मिल पा रहा था. दूसरी ओर भारत में सिर्फ 43 फीसदी लोग ही रोजगार पाने में सफल हो रहे थे. सीएमआईई के हिसाब से भारत में रोजगार मिलने की दर और कम है. संस्थान का मानना है कि भारत में सिर्फ 38 फीसदी लोगों को ही रोजगार मिल पा रहा है.

Advertisement

महिलाओं के लिए कम हैं काम करने के मौके

सीएमआईई के अनुसार, भारत को एक समृद्ध अर्थव्यवस्था बनने के लिए करीब 60 फीसदी आबादी को रोजगार मुहैया कराना होगा. ग्लोबल स्टैंडर्ड अचीव करने के लिए देश में अभी 18.75 करोड़ लोगों को रोजगार मुहैया कराने की जरूरत है. इसके साथ ही वर्कफोर्स में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के उपाय करने की जरूरत है. संस्थान का कहना है कि भारत में महिलाओं के लिए रोजगार के बहुत कम अवसर उपलब्ध हैं. इसके अलावा महिलाओं के काम करने की राह में सोशल सपोर्ट की कमी बड़ी बाधा है.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement