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बैंकिंग संकट: इस बैंक के विलय से मच सकता है हाहाकार, 36000 कर्मचारियों की नौकरी पर खतरा

यूरोप में बैंकिंग संकट की वजह से नौकरियों पर खतरा मंडरा रहा है. क्रेडिट सुइस के UBS में विलय से हजारों कर्मचारियों की नौकरी जा सकती है. UBS के चेयरमैन ये कह चुके हैं कि दोनों कारोबार के मर्जर में अधिक जोखिम है.

USB में क्रेडिट सुइस के मर्जर से नौकरियों पर खतरा. USB में क्रेडिट सुइस के मर्जर से नौकरियों पर खतरा.
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 03 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 10:37 AM IST

अमेरिका और यूरोप का बैंकिंग संकट (Banking Crisis) कितना बड़ा रूप लेगा, इसको लेकर अभी तक तस्वीर पूरी तरह से साफ नहीं हुई है. लेकिन संकट में फंसे स्विट्जरलैंड के सबसे बड़े बैंकों में से एक क्रेडिट सुइस का UBS में विलय होने जा रहा है. बैंक को डूबने से बचाने के लिए ये फैसला लिया गया है. लेकिन विलय के बाद हजारों कर्मचारियों की नौकरी जा सकती है. एक रिपोर्ट में इस बात का दावा किया गया है. बता दें कि 19 मार्च को क्रेडिट सुइस के UBS में विलय की खबर आई थी. अमेरिका में सिलिकॉन वैली बैंक के डूबने के बाद वैश्विक वित्तीय मंदी को रोकने के लिए 19 मार्च को स्विस सरकार ने क्रेडिट सुइस के अधिग्रहण की व्यवस्था की थी.

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30 फीसदी तक हो सकती है कटौती

सोनटैग्स जिटुंग (SonntagsZeitung) नाम के एक अखबार ने इंटरनल सोर्स के हवाले से कहा है कि बैंक प्रबंधन 20 से 30 फीसदी कर्मचारियों की संख्या में कटौती कर सकता है. इसका मतलब है कि 25,000 से 36,000 कर्मचारियों की नौकरी पर खतरा मंडरा रहा है. साप्ताहिक के अनुसार, अकेले स्विट्जरलैंड में 11,000 नौकरियों में कटौती की जा सकती है. हालांकि, अभी इस बात का खुलासा नहीं हुआ है कि किन पदों पर काम करने वाले कर्मचारियों की नौकरी जा सकती है.

बैंकों के मर्जर में भारी जोखिम

विलय से पहले UBS और क्रेडिट सुइस में कर्मचारियों की संख्या क्रमश: 72,000 और 50,000 से अधिक है. UBS और क्रेडिट सुइस स्विट्जरलैंड के अहम बैंकों में से एक हैं. इन्हें ग्लोबल सिस्टमैटिकली इंपोर्टेंट फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन (G-SIFI) की कैटेगरी में रखा गया है. यानी ये बैंक ग्लोबल इकोनॉमी के लिए काफी अहम हैं. इस वजह से इन्हें डूबने नहीं दिया जा सकता. यूबीएस के चेयरमैन कोलम केलेहर ने कहा था कि इस बिजनेस को एकीकृत करने में बड़ा जोखिम है.

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संकट के बाद अधिग्रहण का ऐलान

क्रेडिट सुइस पर संकट तब बढ़ा, जब ग्रुप के सबसे बड़े निवेशक सऊदी नेशनल बैंक के चेयरमैन ने कहा कि वो क्रेडिट सुइस में और निवेश नहीं करेंगे. इस घोषणा के बाद यूरोपीय बाजार में बैंकिंग शेयरों में ताबड़तोड़ बिकवाली शुरू हो गई. इसके बाद क्रेडिट सुइस के डिपॉजिट संकट को टालने में स्विस नेशनल बैंक जुट गया.

स्विस नेशनल बैंक ने क्रेडिट सुइस को 54 बिलियन डॉलर का लोन देने का ऐलान किया था. इसके बाद खबर आई कि यूनियन बैंक ऑफ स्विट्जरलैंड (USB) क्रेडिट सुइस का अधिग्रहण करेगा. बैंक को संकट से निकालने की प्रक्रिया के तहत USB ने अधिग्रहण करने का फैसला किया है.

सालाना कॉस्ट बेस में हो सकती है कटौती

2008 के वित्तीय संकट के बाद से क्रेडिट सुइस पहला प्रमुख वैश्विक बैंक है जिसे इमरजेंसी लाइफलाइन दी गई है. मर्जर के ऐलान बाद क्रेडिट सुइस ने कहा था कि यूबीएस के साथ डील के बाद बैंकिंग सिस्टम में किसी भी तरह के बदलाव नहीं होगा. लेकिन यूरोप के दो दिग्गज बैंकों के विलय के बाद नई एंटिटी के सालाना कॉस्ट बेस में 2027 तक 800 करोड़ डॉलर से अधिक की कटौती की जाएगी. ये क्रेडिट सुइस के पिछले साल के पूरे खर्च का करीब आधा है. अगर बैंक में छंटनी होती है, तो इसका असर एशिया में भी नजर आ सकता है. क्योंकि दोनों बैंकों का कारोबार इस क्षेत्र में भी फैला हुआ है. 

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