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Varanasi: ऑर्डर ठप, मंडियों में सन्नाटा, Omicron से शादियों में सीमित एंट्री, फूल कारोबार चौपट

मकर संक्रांति के बाद से लगन की शुरुआत होती है और इससे हफ्तों पहले फूल मंडी रौनक हो जाती है. फूल कारोबारियों को पहले से ऑर्डर भी मिलने लगते हैं, लेकिन इस बार स्थिति अलग है. फूल मंडियों में रौनक की जगह सन्नाटा पसरा हुआ है. सजावट के ऑर्डर आ नहीं रहे हैं और फूल के कारोबार से जुड़े लोगों के ऊपर निराशा हावी हो रही है.

मंडी में पसरा सन्नाटा मंडी में पसरा सन्नाटा
रोशन जायसवाल
  • वाराणसी,
  • 06 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 3:20 PM IST
  • तीसरी लहर ने फीका किया फूलमंडियों का रंग
  • अब तक नहीं आ रहे सजावट के एडवांस ऑर्डर
  • फूल कारोबारियों को सता रहा बर्बादी का डर

कोरोना महामारी की तीसरी लहर अब इंसानों की कारोबारी सेहत पर भी असर दिखाने लगी है. ट्रैवल, टूरिज्म और होटल-रेस्तरां के अलावा कई अन्य सेक्टर भी इसकी चपेट में आने लगे हैं. खासकर शादी-विवाह के सीजन पर निर्भर कारोबार डंवाडोल होने लगे हैं. यूपी में राज्य सरकार ने शादी समेत अन्य समारोहों में लोगों की संख्या तय करने के साथ कई पाबंदियां लगाई हैं. इसका साफ असर फूल कारोबार पर दिख रहा है. मकर संक्रांति के बाद से लगन की शुरुआत होती है और इससे हफ्तों पहले फूल मंडी रौनक हो जाती है. फूल कारोबारियों को पहले से ऑर्डर भी मिलने लगते हैं, लेकिन इस बार स्थिति अलग है. फूल मंडियों में रौनक की जगह सन्नाटा पसरा हुआ है. सजावट के ऑर्डर आ नहीं रहे हैं और फूल के कारोबार से जुड़े लोगों के ऊपर निराशा हावी हो रही है.

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वाराणसी की किसान फूलमंडी में पसरा है सन्नाटा

वाराणसी के मलदहिया इलाके में स्थित किसान फूलमंडी में कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिल रहा है. मंडी में फूल बेचने वाले कारोबारी आकाश सिंह बताते हैं कि शादी-विवाह में लोगों की संख्या पर लगी पाबंदी के चलते काम ठप हो गया है और ऑर्डर कम हो गए हैं. डेकोरेशन वाले भी सोच-समझकर काम ले रहें हैं. आम तौर पर अभी तक 100 एडवांस ऑर्डर मिल जाते थे, लेकिन इस बार 10 ऑर्डर भी नहीं मिला है. अगर ऐसा ही रहा तो मार्केट और ठंडा हो जाएगा. क्रिसमस और न्यू ईयर पर भी नाइट कर्फ्यू के कारण कारोबार नहीं हुआ. एक तरफ चुनावी रैलियां हो रही हैं तो दूसरी तरफ नाइट कर्फ्यू लगाया गया है. ऐसे में ये पाबंदियां बेमतलब हो जाती हैं.

फूल कारोबारियों को डरा रही पुरानी याद

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एक अन्य व्यापारी अशोक सोनकर ने पिछली लहर में हुई बर्बादी को याद करते हुए बताया कि इस बार भी वैसा ही डर बना हुआ है. लगन के कुछ दिन पहले ही कारोबार का अंदाजा लग जाता है. फिलहाल बहुत मंदी चल रही है. अभी एडवांस बुकिंग भी नहीं हो रही है. इस बार भी शादी के सीजन में फूलों का व्यापार 25% ही रह जाएगा.

नहीं आ रहे शादी के सीजनल ऑर्डर

फूल कारोबारी नसीरुद्दीन को भी कोरोना की तीसरी लहर में कारोबार के फिर से बर्बाद हो जाने का डर सता रहा है. वे बताते हैं कि लॉकडाउन लग जाने के बाद काफी नुकसान हुआ है. अगर आगे पाबंदियां बढ़ाई जाती हैं तो और नुकसान उठाना पड़ेगा. फिलहाल कोई ऑर्डर नहीं मिल रहा है और हमें नुकसान उठाना पड़ रहा है.

कई राज्यों में होती है वाराणसी की इस मंडी से सप्लाई

वाराणसी के मलदहिया इलाके में स्थित किसान फूलमंडी से पूरे पूर्वांचल, बिहार, एमपी और झारखंड तक सप्लाई होती है. मंडी के प्रबंधक विशाल दुबे ने बताया कि नाइट कर्फ्यू और शादियों में सीमित संख्या का असर दिखने लगा है. न तो एडवांस बुकिंग मिल रही है और न ही बाहर के व्यापारियों को ऑर्डर आ रहा है. आगे क्या होगा कोई नहीं जानता? हर व्यापारी खुद को सुरक्षित रखकर फूल मंगा रहा है. 20 दिसंबर से 14 जनवरी तक फूलों का कारोबार डाउन रहता है, लेकिन आगे के संकेत भी अच्छे नहीं हैं. फूलों का 50 फीसदी कारोबार ठप हो चुका है. न्यू ईयर पर भी गुलाबों का काफी नुकसान हो चुका है.

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