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जानिए 3 जून को मार्केट में क्या हुआ था? जिसे राहुल गांधी बता रहे हैं शेयर बाजार का बिग स्कैम

Lok Sabha Election 2024 के अंतिम चरण का मतदान 1 जून को संपन्न हुआ था. उसी दिन तमाम एग्जिट पोल जारी किए गए थे और इनमें बीजेपी को बहुमत मिलते दिखाया गया था. इसके बाद जब मार्केट खुला तो बाजार ने सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए थे.

शेयर मार्केट क्रैश होने को लेकर राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर साधा निशाना शेयर मार्केट क्रैश होने को लेकर राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर साधा निशाना
दीपक चतुर्वेदी
  • नई दिल्ली,
  • 06 जून 2024,
  • अपडेटेड 12:00 PM IST

लोकसभा चुनावों (Lok Sabha Election) के रिजल्ट आ चुके हैं और एनडीए सरकार को बहुमत मिला है. एक ओर जहां NDA सरकार बनाने की तैयारी कर रही है, तो वहीं गुरुवार को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने  रिजल्ट-डे पर शेयर बाजार में भारी गिरावट (Stock Market Crash) को लेकर बयान देते हुए सनसनी मचा दी है. उन्होंने सीधे तौर पर बाजार में गिरावट के लिए नरेंद्र मोदी (Narendra Modi), गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) पर निशाना साधा है और बाजार क्रैश होने की JPC की मांग की है.

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आइए जानते हैं कि आखिर 3 जून को मार्केट में ऐसा क्या हुआ था, जिसे मुद्दा बनाकर अब राहुल गांधी बीजेपी (BJP) को घेर रहे हैं? 

शेयर बाजार में तेजी की जताई थी उम्मीद

दरअसल, लोकसभा चुनाव के सात चरणों का मतदान 1 जून 2024 को खत्म हुआ था. लेकिन इससे पहले ही पीएम मोदी, अमित शाह और निर्मला सीतारमण ने इंटरव्यू देते हुए चुनाव नतीजों वाले दिन यानी 4 जून को शेयर बाजार में रिकॉर्ड तेजी की उम्मीद जताई थी. सबसे पहले 14 मई को एक इंटरव्यू के दौरान अमित शाह ने कहा था कि 4 जून को शेयर बाजार में रिकॉर्ड तेजी देखने को मिल सकती है. इस अनुमान के पीछे की वजह बताते हुए उन्होंने कहा था कि जब भी देश में स्थिर सरकार आती है, तो बाजार में उछाल देखने को मिलता है. इसके बाद 20 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी चुनावी नतीजे वाले दिन शेयर बाजार में तेजी आने की उम्मीद जताई थी और इसके बाद वित्त मंत्री द्वारा कुछ ऐसा ही अनुमान जाहिर किया गया था. इन अनुमानों को जताते हुए बयानों के बाद भी शेयर बाजार में रिकवरी देखने को मिली थी.

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Exit Poll के बाद 3 जून को मार्केट में तूफानी तेजी

इसके बाद पहली जून को सातवें चरण का मतदान पूरा होने के बाद एग्जिट पोल आने शुरू हुए और लगभग सभी में भाजपा (BJP) को स्पष्ट बहुमत मिलने का अनुमान जताया गया. एग्जिट पोल 1 जून (शनिवार) को आया था और इसके अगले दिन शेयर बाजार बंद था. फिर 3 जून सोमवार को Stock Market खुला और एग्जिट पोल के अनुमानों के असर के चलते बाजार में रिकॉर्ड तोड़ तेजी देखने को मिली. तीन जून को चुनावी नतीजों से एक दिन पहले बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स इंडेक्स (Sensex) 2000 अंक से ज्यादा उछलकर ओपन हुआ था और दिनभर के कारोबार के दौरान इसने अपने नए ऑल टाइम हाई 76,738.89 के स्तर को छू लिया था. कारोबार के अंत में बीएसई सेंसेक्स 2507.47 अंक या 3.39 फीसदी की उछाल के साथ 76,468.78 के लेवल पर बंद हुआ था.

सेंसेक्स की तरह ही नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी (Nifty) भी 600 अंकों की तेजी के साथ ओपन हुआ था और कुछ ही देर के कारोबार में 23,338.70 का रिकॉर्ड हाई छू लिया. हालांकि, मार्केट क्लोज होने पर निफ्टी 733.20 अंक या 3.25 फीसदी की तेजी लेते हुए 23,263.90 के स्तर पर बंद हुआ. बाजार में 3 जून का आई इस तेजी के चलते निवेशकों ने करीब 13 लाख करोड़ रुपये की कमाई की थी.

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चुनावी नतीजे वाले दिन बाजार में मचा था हाहाकार

लेकिन अगले ही दिन यानी 4 जून 2024 को जब लोकसभा चुनाव के नतीजे आने शुरू हुए, तो 3 जून की तेजी भयंकर गिरावट में तब्दील नजर आई. इलेक्शन रिजल्ट डे पर Share Market में कारोबार शुरू होते ही गिरावट का जो सिलसिला शुरू हुआ, वो बढ़ता ही चला गया. चुनाव नतीजों वाले दिन बीएसई का सेंसेक्स 1700 अंक टूटकर ओपन हुआ था और दोपहर 12.20 बजे तक ये 6094 अंक की गिरावट लेते हुए 70,374 के लेवल पर आ गया. वहीं दूसरी ओर निफ्टी इंडेक्स करीब 1947 अंक की भारी गिरावट के साथ फिसलकर 21,316 के लेवल पर पहुंच गया था. कोरोना काल के बाद ये बाजार की सबसे बड़ी गिरावट रही और Stock Market Crash होने से बीएसई का मार्केट कैप एक ही दिन में करीब 31 लाख करोड़ रुपये कम हो गया.

राहुल गांधी ने बताया स्कैम, JPC की मांग 

अब इसी मार्केट क्रैश को लेकर राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने पीएम मोदी समेत अमित शाह और निर्मला सीतारमण पर सीधा निशाना साधा है. उन्होंने गुरुवार को कांग्रेस ऑफिस में बुलाई गई बैठक में शेयर मार्केट का मुद्दा उठाते हुए कहा कि बाजार में गिरावट Stock Market के इतिहास का सबसे बड़ा स्कैम है और इसकी जेपीसी जांच होनी चाहिए. उन्होंने सवाल उठाते हुए पूछा कि आखिर PM Modi, Amit Shah और Nirmala Sitharaman ने शेयर बाजार में 4 जून को रिकॉर्ड तेजी की आस क्यों जगाई और लोगों को शेयर खरीदने के लिए आखिर क्यों कहा? उन्होंने कहा कि इस भारी गिरावट के चलते रिटेल निवेशकों को 30 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.

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