
रतन टाटा (Ratan Tata) के निधन के बाद टाटा ट्रस्ट के नए चेयरमैन उनके सौतेले भाई नोएल टाटा (Noel Tata) बन गए हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुंबई में हुई बोर्ड बैठक में उन्हें ये जिम्मेदारी सौंपी गई है. लेकिन क्या आप माया टाटा (Maya Tata) को जानते हैं? जिनके नाम की चर्चा रतन टाटा के निधन के उनके उत्तराधिकारी के लिए जोरों पर थी. माया परिवार का हिस्सा होने के साथ ही टाटा ग्रुप में भी कई अहम भूमिकाएं निभा चुकी हैं.
रतन टाटा के उत्तराधिकारी की रेस में थीं माया
माया टाटा, Tata Trust के नए चेयरमैन बने नोएल टाटा और आलू मिस्त्री की बेटी हैं और दिवंगत रतन टाटा की भतीजी हैं. 34 साल की Maya Tata ने विदेश से अपनी पढ़ाई पूरी की है और इसके बाद टाटा ग्रुप में भी अहम जिम्मेदारियां निभा चुकी हैं. रिपोर्ट्स की मानें, तो रतन टाटा के निधन (Ratan Tata Death) के बाद माया को ही उनका संभावित उत्तराधिकारी माना जा रहा था. हालांकि, बोर्ड की बैठक में नोएल टाटा को टाटा ट्रस्ट का चेयरमैन नियुक्त किया गया है.
ब्रिटेन से पढ़ाई की है पूरी
Maya Tata के बारे में विस्तार से जानें, तो उनकी पढ़ाई लिखाई जाने-माने ब्रिटिश बिजनेस स्कूल, बेयस बिजनेस स्कूल (Bayes Business School) से हुई है, तो वहीं वारविक यूनिवर्सिटी (University of Warwick) से भी उन्होंने डिग्री हासिल की है. हालांकि, विदेश से पढ़ाई करने के बाद माया ने अपने करियर की शुरुआत पारिवारिक टाटा ग्रुप के साथ ही की थी. उन्होंने टाटा कैपिटल की सब्सिडियरी कंपनी टाटा अपॉर्चुनिटीज फंड से शुरुआत की थी.
Tata Neu लॉन्च में बड़ा रोल
टाटा ग्रुप में माया टाटा ने अपनी शुरुआत से ही काबिलियत को पेश किया और मैनेजमेंट व इंवेस्टमेंट से जुड़ी तमाम जिम्मेदारियों को बखूबी निभाया है. बता दें कि टाटा ग्रुप का Tata Neu ऐप लॉन्च करने में भी उनकी बड़ी भूमिका है. इसके बाद जब टाटा अपॉर्चुनिटीज फंड को बंद किया गया, तो फिर माया टाटा ने टाटा डिजिटल में काम शुरू कर दिया.
बीते बुधवार को हुआ था रतन टाटा का निधन
गौरतलब है कि बीते सप्ताह के बुधवार को देशभर में उस समय शोक की लहर दौड़ गई थी, जब टाटा संस के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा के निधन की खबर आई थी. मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में इलाज के दौरान उन्होंने 86 साल की उम्र में अंतिम सांस ली थी. दिवंगत रतन टाटा के नेतृत्व में Tata Group की कंपनियों ने बुलंदियों को छुआ था. उन्होंने 1991 से 2012 तक टाटा संस की कमान संभाली थी.