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आपके खाने में तड़के की जान, वो मसाला जिसे बनाते हैं ईरान-अफगानिस्तान... अंग्रेज कहते थे 'शैतान का गोबर'!

भारत और उसके मसाले, वो खजाना जिसकी वजह से उसे गुलामी भी झेलनी पड़ी. वहीं भारतीय खाने में एक मसाला वो भी है, जिसे खाते हिंदुस्तानी हैं, लेकिन ये होता मुस्लिम बहुल देशों की सरजमीं पर. इस मसाले की महक इतनी तीखी है कि जब अंग्रेजों ने इसके बारे में जाना तो इसे Devil's Dung यानी शैतान का गोबर कहा.

भारत मसालों का खजाना है (Photo : Getty) भारत मसालों का खजाना है (Photo : Getty)
शरद अग्रवाल
  • नई दिल्ली,
  • 15 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 3:52 PM IST

इतिहास को खंगालें या लोक मान्यताओं पर भरोसा करें, एक बात जो सबके जेहन में है वो ये कि जब सिंधु नदी के पार से विदेशी आक्रांता आए तो भारत की धरती को उन्होंने हिंदुस्तान कहा और यहां के रहवासियों को ‘हिंदू’. इन्हीं हिंदुओं की रसोई का एक मसाला ऐसा है जिसके बिना शायद उनका रोजमर्रा का खाना भी ना बन पाए, लेकिन ये मसालों का देश कहे जाने वाले भारत में पैदा ही नहीं होता. हम बात कर रहे हैं, दाल और खिचड़ी में तड़के की जान मानी जाने वाली हींग की.

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हींग, भारतीय रसोई का वो मसाला जिसकी एक छोटी सी डिबिया, मसालादानी के अंदर ही दबी रहती है. गरम तेल या घी में जब इसे डाला जाता है तो महक पूरे घर में फैल जाती है. जब ये खिचड़ी या दाल में पड़ता है तो सिर्फ स्वाद ही नहीं बढ़ाता बल्कि उसे सेहतमंद भी बना देता है. चलिए जानते हैं इस हींग की कहानी.

खिचड़ी और दाल के तड़के की जान है हींग (Photo : Getty)

अफगानिस्तान से भारत आता है हींग

भारत में हींग का उत्पादन नहीं होता. ये मुख्य तौर पर अफगानिस्तान, उज्बेकिस्तान और ईरान से कच्चे माल के रूप में आता है. हींग को अगर कच्चे माल के रूप में देखेंगे, तो ये मटमैला सफेद या हल्का सा गुलाबीपन लिए सफेद रंग का फेविकोल की तरह गाढ़ा दूध होता है.

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हींग का गाढ़ा दूध, इसे ‘हड्डा’ भी कहते हैं (Photo : Sharad Agarwal)

इस गाढ़े दूध की महक इतनी तीखी होती है कि आप इसके पास दो मिनट भी खड़े नहीं रह सकते. इसकी धांस से आपके आंसू निकल आएंगे. इसी तीखी महक के चलते अंग्रेजों ने हींग को Devil's Dung कहा, जबकि औषधीय गुणों की वजह से इसे God's Food भी कहा जाता है. इसलिए दुनियाभर में हींग का गाढ़ा दूध सिर्फ दवाओं में इस्तेमाल होता है, जबकि आम इंसान प्रोसेस्ड हींग ही खा सकते हैं.

कैसे तैयार होती है हींग

हींग का जो गाढ़ा दूध होता है उसे मैदा और गोंद के साथ मिलाकर खाने लायक बनाया जाता है. इसके बाद नए पेस्ट को 30 दिन तक धूप में सुखाया जाता है. इसे ड्रायर में नहीं सुखा सकते, क्योंकि उससे इसकी महक चली जाएगी. जब सूख के इसके ढेले तैयार हो जाते हैं, तब इसका पाउडर तैयार होता है.

धूप में सूखती प्रोसेस्ड हींग (Photo : Sharad Agarwal)

भारत में हींग भले पैदा नहीं होती, बड़े पैमाने पर लगभग 1200 टन सालाना (करीब 10 करोड़ डॉलर मूल्य की) मात्रा में इसका आयात होता है. इसमें भी 80% हींग अफगानिस्तान से आती है, लेकिन तालिबान के कब्जे के बाद से ये उज्बेकिस्तान से ज्यादा मात्रा में मंगाई जा रही है.

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हींग को प्रोसेस इंडिया में ही किया जाता है. दिल्ली, पंजाब, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के कुछ शहरों में इसे मैदा और गोंद मिलाकर खाने लायक बनाया जाता है, लेकिन अनुपात पीढ़ियों से हींग का कारोबार करने वाले परिवारों के पास सुरक्षित है. फिर भी इसकी थोक खेप खरीदकर आप फुटकर का कारोबार कर सकते हैं.

हालांकि वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) के प्रयासों की बदौलत हिमाचल प्रदेश की लाहौल घाटी में इसकी खेती शुरू की गई है. आने वाले कुछ सालों में संभव है कि भारतीय रसोईघरों में 100% मेड इन इंडिया हींग मिलने लगे.

कैसे और कहां उगती हैं हींग

कच्ची हींग का गाढ़ा दूध अफगानिस्तान के ऊंचे इलाकों में हिंदूकुश की पहाड़ियों में इकट्ठा किया जाता है. ईरान और उज्बेकिस्तान के भी ठंडे इलाकों में ही इसका उत्पादन होता है. पहले के जमाने में इसे बकरे की खाल में पैक करके ट्रांसपोर्ट किया जाता था, लेकिन अब ये गाढ़ा दूध पॉलीथीन या प्लास्टिक के कंटेनरों में हिंदुस्तान पहुंचता है.

कच्चा हींग पौधे से गाढ़े दूध के रूप में मिलता है (Photo : Getty)

हींग को फेरुला एसॉफोएटिडा के वैज्ञानिक नाम वाले पौधे से निकाला जाता है. इसलिए इंग्लिश में इसे Asafoetida कहा जाता है.

कितनी होती है हींग की कीमत

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अगर आप सोचते हैं कि 50 या 60 रुपये की डिब्बी में आप सबसे बढ़िया ब्रांड की जो हींग लाते हैं, तो आपको हींग की कीमत के बारे में पता कर लेना चाहिए. दिल्ली के खारी बावली बाजार में हींग का काम करने वाले दीप गोयल बताते हैं कि हींग की कीमत 600 रुपये किलो से शुरू होकर 35000 रुपये किलो तक जाती है. ये तय होती है उसमें हींग के दूध, मैदा और गोंद की मात्रा के अनुपात से.

दीप गोयल का परिवार बीते 100 सालों से खारी बावली में हींग का कारोबार कर रहा है. उनके दादा महादेव गोयल ने इस काम को शुरू किया था. दीप बताते हैं कि आम तौर पर 12000 से 18000 रुपये किलो वाली हींग को खाने वाली बढ़िया हींग माना जाता है. वहीं इसके पैकेट बंद बिजनेस में डबल का मुनाफा है. यानी आप चाहें तो महज 700 से 1000 रुपये के निवेश से हींग का फुटकर कारोबार शुरू कर सकते हैं. 

 

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