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Wipro, Tech Mahindra, TCS: IT कंपनियों में नई भर्ती में 96% तक की गिरावट, जानिए क्या है संकट के कारण?

देश की दिग्गज आईटी कंपनियों में नए कर्मचारियों की हायरिंग में गिरावट आई है. अमेरिकी बैंकिंग संकट की वजह से देश का आईटी सेक्टर प्रभावित हुआ है और मार्च की तिमाही में इंफोसिस के नतीजे अनुमान से कम रहे थे.

आईटी कंपनियों में नई हायरिंग में आई गिरावट. आईटी कंपनियों में नई हायरिंग में आई गिरावट.
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 02 मई 2023,
  • अपडेटेड 1:33 PM IST

मुश्किल आर्थिक परिस्थितियों के बीच भारतीय आईटी इंडस्ट्रीज (IT Industries) में कर्मचारियों की भर्ती की संख्या में गिरावट आई है. 2022-23 आईटी सेक्टर की कंपनियों में नए कर्मचारियों की हायरिंग (Hiring) में आई गिरावट भी मंदी के संकेत दे रही है. देश की बड़ी आईटी कंपनियों में से एक टेक महिंद्रा (Tech Mahindra) ने पिछले सप्ताह अपनी अर्निंग का ऐलान किया था. इसमें उसने बताया था कि वित्त वर्ष 23 में 1,227 कर्मचारियों को कंपनी ने ऑनबोर्ड किया. लेकिन ये आंकड़ा वित्त वर्ष 22 के मुकाबले 95.93 फीसदी कम है. क्योंकि बीते वित्त वर्ष में टेक महिंद्रा ने 30,119 कर्मचारियों को जॉब दिया था.

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विप्रो में भी घटी हायरिंग

इसी तरह की गिरावट विप्रो की हायरिंग नंबर में भी दर्ज की गई है. वित्त वर्ष 23 में कंपनी ने कुल 13,793 कर्मचारियों को अपने वर्क फोर्स में जोड़ा है. वहीं, वित्त वर्ष 22 में कंपनी ने 45,416 कर्मचारियों को ऑनबोर्ड किया था. वित्तीय वर्ष 23 में TCS, Infosys और HCL Tech में भी हायरिंग की संख्या में गिरावट आई है. TCS में नए कर्मचारियों की हायरिंग में 78 फीसदी, इंफोसिस में 46 फीसदी और HCL टेक में 57 फीसदी की गिरावट आई है.

सर्विस की डिमांड में गिरावट

इंडस्ट्रीज के इंटरनल सोर्स और एक्सपर्ट्स के अनुसार, आईटी सर्विस की डिमांड में आई गिरावट की वजह से कर्मचारियों की संख्या में कमी आई है. फोरकाइट्स (APAC) में एचआर कल्याण दुरैराज ने कहा कि मौजूदा मंदी ने निश्चित रूप नई हायरिंग को प्रभावित किया गया है. आर्थिक अनिश्चितताओं के कारण, आईटी कंपनियां अपनी हायरिंग प्लानिंग को लेकर सतर्कता बरत रही हैं. इसकी वजह से कर्मचारियों की हायरिंग में गिरावट आई है.

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अमेरिकी बैंकिंग संकट का असर

अमेरिकी बैंकिंग संकट ने आईटी कंपनियों के रेवेन्यू को प्रभावित किया है. आईटी सेक्टर पहले से ही मंदी का सामना कर रहा था. लेकिन अमेरिका में बैंकों के डूबने से कंपनियों पर गहर असर पड़ा है. टीसीएस के चीफ ऑपरेशन अधिकारी एन. गणपति सुब्रमण्यम ने बिजनेस टुडे के साथ बातचीत में कहा- 'फरवरी और मार्च के मध्य में आए बैंकिंग संकट ने चीजों को थोड़ा धीमा कर दिया. हमारे कई ग्राहकों ने महसूस किया कि यह थोड़ा सतर्क रहने का समय है. इसी तरह की बात इंफोसिस के मैनेजमेंट ने भी कही.

इंफोसिस के खराब नतीजे

देश की दो दिग्गज IT कंपनियों इंफोसिस और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) के तिमाही के कमजोर नतीजों ने निवेशकों की चिंता बढ़ा दी है. जानकारों का मानना है कि इन दोनों कंपनियों के प्रदर्शन में आई गिरावट की वजह अमेरिका का बैंकिंग संकट है.

IT सेक्टर के लिए बैंकिंग फाइनेंसियल सर्विसेज एंड इंश्योरेंस (BFSI) सेगमेंट सबसे अहम होता है. अमेरिकी बैंकिंग संकट ने इसी पर चोट किया है. मेरिका इंफोसिस के लिए सबसे अधिक रेवेन्यू जेनरेट करता है. एक्सपोजर अधिक होने के कारण इंफोसिस के BFSI का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है. अमेरिका के सिलिकॉन वैली बैंक संकट ने आईटी सेक्टर को तगड़ा झटका दिया है.
 

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