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Ease of doing: चीन सहित इन चार देशों ने की थी गड़बड़, वर्ल्ड बैंक को रोकनी पड़ी रिपोर्ट

पहले जब यह खबर आई कि वर्ल्ड बैंक अपनी रिपोर्ट का प्रकाशन रोक रहा है तो कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा था कि मोदी सरकार बोगस रिपोर्ट के पीछे भागती है. अब खबर आई है कि इसमें भारत का कोई लेना-देना नहीं है

वर्ल्ड बैंक का मुख्यालय वर्ल्ड बैंक का मुख्यालय
aajtak.in
  • नई दिल्ली ,
  • 29 अगस्त 2020,
  • अपडेटेड 1:40 PM IST
  • कारोबारी सुगमता के बारे में आती है वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट
  • वर्ल्ड बैंक ने इस साल इस रिपोर्ट का प्रकाशन रोक दिया है
  • चीन सहित चार देशों द्वारा डेटा में कुछ गड़बड़ की है खबर

वर्ल्ड बैंक ने कारोबार सुगमता के बारे में जारी होने वाली 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रिपोर्ट’ के प्रकाशन को रोक दिया है. इस खबर के आने के बाद भारत में कांग्रेस नेता मोदी सरकार पर चुटकी लेने लगे थे. लेकिन अब खबर आई है कि इसमें भारत का कोई लेना-देना नहीं है और चीन सहित चार देशों की गड़बड़ी की वजह से वर्ल्ड बैंक को यह रिपोर्ट रोकनी पड़ी है. 

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इन देशों ने की गड़बड़ 

वर्ल्ड बैंक ने पिछले 5 साल की 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' लिस्ट की समीक्षा करने का फैसला किया है और इस साल अक्टूबर में आने वाली बिजनेस रैंकिंग लिस्ट पर फिलहाल रोक लगा दी है. वॉल स्ट्रीट जर्नल के मुताबिक वर्ल्ड बैंक ने यह कदम चार देशों की तरफ से हेराफेरी करने के शक में उठाया है. ये 4 देश हैं चीन, संयुक्त अरब अमीरात (UAE) अजरबेजान और सऊदी अरब. 

ये देश 2019 में जारी की गई 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' लिस्ट में भारत से ऊपर थे. पिछले कुछ साल में इनकी रैंकिंग में काफी उछाल आया. पांच साल पहले चीन 90वें स्थान पर था, जबकि पिछले साल 31वें स्थान पर पहुंच गया. पिछले 5 साल के दौरान भारत की रैंकिंग में भी 79 पायदान का उछाल आया और 2019 की लिस्ट में वह 63वें स्थान पर जा पहुंचा था. 

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कांग्रेस नेता ने ली थी मोदी सरकार पर चुटकी 
इसके पहले जब यह खबर आई कि वर्ल्ड बैंक अपनी रिपोर्ट का प्रकाशन रोक रहा है तो कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने कहा था कि मोदी सरकार बोगस रिपोर्ट के पीछे भागती है. उन्होंने ट्वीट  कर कहा था, 'वर्ल्ड बैंक की सूची में सुधार पर श्री मोदी खूब ढिंढोरा पीट रहे थे. अब बैंक ने डेटा और मेथडोलॉजी में अनियमितता की वजह से इसके आगे प्रकाशन पर रोक लगा दी है. यह सरकार अपनी काफी उर्जा बोगस रैंकिंग के पीछे भागने में जाया करती है, जबकि हमारे MSME की हालत लगातार खराब है.' 

क्या कहा विश्व बैंक ने 
विश्व बैंक ने कहा, 'अक्टूबर 2017 और अक्टूबर 2019 में प्रकाशित होने वाली लिस्ट के डेटा के साथ गड़बड़ी की गई है. पिछले 5 साल के आंकड़ों की जांच कर रहे हैं. इसके आधार पर उन देशों की रैंकिंग को ठीक किया जाएगा, जिनकी रैंकिंग प्रभावित हुई. 

 

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