
भारतीय मूल के ऋषि सुनक (Rishi Sunak) ब्रिटेन में प्रधानमंत्री (Britain) पद की रेस में सबसे आगे चल रहे हैं. कंजर्वेटिव पार्टी के नेता ऋषि सुनक का एक-एक कदम ब्रिटेन के पीएम पद की तरफ बढ़ रहा है. ऋषि सुनक दो चरणों की वोटिंग के बाद सबसे आगे चल रहे हैं. गुरुवार को दूसरे राउंड की वोटिंग में भी सुनक ने जीत हासिल की थी. आने वाले दिनों में अभी कई चरणों में वोटिंग होगी. ब्रिटेन में जारी पीएम पद की रोमांचक रेस के बीच ऑनलाइन ब्रोकिंग फर्म जेरोधा (Zerodha) के को-फाउंडर निखिल कामथ (Nikhil Kamath) ने ऋषि सुनक की फोटो शेयर कर एक मजेदार ट्वीट किया है.
निखिल कामथ ने ट्वीट कर लिखा- '75 साल पहले 15 अगस्त 1947 को किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि भारतीय मूल का व्यक्ति एक दिन ब्रिटेन का प्रधानमंत्री बन सकता है'.
पीएम पद की रेस में सबसे आगे सुनक
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री पद की रेस में अब कुल पांच चेहरे बचे हैं. इनमें से ऋषि सुनक सबसे आगे चल रहे हैं. हालांकि, ऋषि के लिए राह अभी आसान नहीं है, क्योंकि तीन राउंड की वोटिंग होनी अभी बाकी है. हर राउंड में सबसे कम वोट पाने वाला उम्मीदवार बाहर हो जाएगा. इसलिए ऋषि सुनक की असली परीक्षा अभी बाकी है.
मिल सकती है सुनक को कड़ी चुनौती
कंजर्वेटिव पार्टी के सांसद ऋषि सुनक को सबसे अधिक वोट कर रहे हैं. कंजर्वेटिव पार्टी के पास 358 सांसद हैं. ये सांसद आगे की दौर की वोटिंग करेंगे. माना जा रहा है कि उन्हें पेनी मोर्डोंट से आखिरी राउंड में कड़ी चुनैती मिल सकती है. जब कंजर्वेटिव पार्टी के नेता के लिए सिर्फ दो उम्मीदवार रह जाएंगे, वे देशभर में जाकर कंजर्वेटिव पार्टी के सदस्यों से वोट मांगेंगे. खबरों की मानें तो कंजर्वेटिव पार्टी के देशभर में दो लाख कार्यकर्ता हैं.
2015 में हुआ सियासी करियर का आगज
ऋषि सुनक का जन्म 12 मई 1980 को ब्रिटेन के साउथम्पैटन में हुआ था. उनके माता-पिता दोनों भारतीय मूल के थे. पिता डॉक्टर, जबकि मां दवाखाना चलाती थीं. ऋषि तीन भाई- बहनों में सबसे बड़े हैं. उन्होंने विंस्चेस्टर कॉलेज से पॉलिटिक साइंस की पढ़ाई की है.
सुनक ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से फिलोसॉफी और इकॉनोमिक्स में डिग्री हासिल की है. साल 2015 में ऋषि ने अपने सियासी करियर का आगाज किया और वो यॉर्कशायर के रिचमंड से सांसद बनकर पहली बार संसद पहुंचे. उस समय ऋषि ने ब्रेग्जिट (Brexit) का समर्थन में खड़े रहे. इस वजह से पार्टी में उनका लगातार बढ़ता चला गया.