Advertisement

इस महिला CEO का बड़ा कारनामा, खुद की ही सैलरी 10 गुना बढ़ाई... ऐसे खुला राज!

Zilingo की को-फाउंडर अंकिती बोस (Ankiti Bose)का वेतन साल 2017 में 5,500 सिंगापुर डॉलर (SGD) थी, जो भारतीय रुपयों में देखें तो करीब 3,37,137.24 रुपये होती है. लेकिन, साल 2019 में अंकिती की सैलरी उछलकर 58,900 SGD करीब 36,10,279.55 रुपये पर पहुंच गया.

जिलिंगो को-फाउंडर हैं अंकिती बोस जिलिंगो को-फाउंडर हैं अंकिती बोस
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 25 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 7:46 PM IST

सिंगापुर की फैशन टेक फर्म जिलिंगो (Zilingo) की पूर्व सीईओ भारतीय मूल की अंकिती बोस (Ankiti Bose) का नाम तो आपने सुना ही होगा. बीते साल वे सुर्खियों में रही थीं, जब अकाउंट्स में हेरफेर के मामले में उन्हें कंपनी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था. अब इस मामले में एक दिलचस्प खुलासा हुआ है. इसके मुताबिक, अंकिती बोस ने बिना बोर्ड के अप्रूवल के ही अपनी सैलरी में थोड़ा-बहुत नहीं बल्कि पूरे 10 गुना का इजाफा कर डाला था. बता दें, ये अंकिती इस कंपनी की को-फाउंडर भी हैं. 

Advertisement

दो साल में इतनी बढ़ी सैलरी
बिजनेस टुडे पर छपी INC42 की रिपोर्ट के मुताबिक, Zilingo की को-फाउंडर अंकिती बोस (Ankiti Bose) का वेतन साल 2017 में 5,500 सिंगापुर डॉलर (SGD) थी, जो भारतीय रुपयों में देखें तो करीब 3,37,137.24 रुपये होती है. लेकिन, साल 2019 में अंकिती की सैलरी उछलकर 58,900 SGD करीब 36,10,279.55 रुपये पर पहुंच गया. मतलब उनकी सैलरी में एक-दो नहीं बल्कि सीधे 10 गुना से ज्यादा बढ़ोतरी हो गई. बीते साल 2022 में कंपनी बोर्ड ने उनपर वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाया गया था. 

अंकिती ने इनपर ठोका है मानहानि का मुकदमा
वित्तीय अनियमितताएं उजागर होने के बाद जिलिंगो को-फाउंडर (Zilingo Co-Founder) को सीईओ के पद से बर्खास्त कर दिया गया था. सबसे खास बात ये है कि ये खुलासा ऐसे समय में हुआ है, जबकि कंपनी से निकाले जाने के बाद अंकिती बोस ने अवैध रूप से एक Startup से पैसा लेने का आरोप लगाने के लिए इन्वेस्टर महेश मूर्ति के खिलाफ मुकदमा ठोका हुआ है. बोस ने मूर्ति पर 100 मिलियन डॉलर (करीब 820 करोड़ रुपये) का मानहानि का मुकदमा दायर किया है. 

Advertisement

अपने सहयोगियों का वेतन भी बढ़ाया
2017 और 2019 के बीच सीईओ रहते हुए अंकिती बोस ने कथित तौर पर सिर्फ खुद का ही नहीं, बल्कि को-फाउंडर ध्रुव कपूर और चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर आदि वैद्य (Aadi Vaidya) के वेतन में भी वृद्धि की थी. अंकिती ने खुद का वेतन तो 10 गुना बढ़ाया था, वहीं ध्रुव कपूर की सैलरी में तीन गुना और आदि वैद्य की सैलरी में सात गुना की बढ़ोतरी की थी. इस तरह की बड़ी वित्तीय गड़बड़ियां जब उजागर हुईं, तो मई 2022 में जिलिंगो बोर्ड ने अंकिती बोस को निलंबित करने का निर्णय संयुक्त रूप से लिया. 

2015 में हुई थी जिलिंगो की शुरुआत
रिपोर्ट में कहा गया है कि अंकिती बोस ने इस दौरान कंपनी के बोर्ड पर उत्पीड़न और दुर्व्यवहार के आरोप लगाते हुए एक कानूनी नोटिस भी भेजा था. इसके मुताबिक, कपूर और वैद्य ने उसकी मदद नहीं की थी, जबकि उन्होंने पहली बार उन्हें अपने उत्पीड़न के बारे में बताया था. गौरतलब है कि अंकिती बोस और ध्रुव कपूर ने साल 2015 जिलिंगो, बी2बी स्टार्ट-अप Zilingo की स्थापना की थी. इसका काम फैशन रिटेल सेलर्स को बल्क ऑर्डर के रूप में सप्लाई के लिए प्लेटफॉर्म मुहैया कराना है. अप्रैल 2022 में इसने यूनिकॉर्न क्लब में एंट्री मारी थी. 

Advertisement

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement