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Zomato Instant: 'इस स्पीड से रोबोट भी..', जोमैटो के 10 मिनट में डिलीवरी के वादे पर उठे सवाल

जोमैटो सीईओ ने Twitter पर सफाई देते हुए बताया कि कैसे इस मॉडल से कोई नुकसान नहीं होगा. उन्होंने कहा कि 10 मिनट डिलीवरी मॉडल में सिर्फ वे आइटम ही उपलब्ध होंगे, जो लोकप्रिय हैं और कम समय में तैयार हो जाते हैं.

जोमैटो की हो रही आलोचना जोमैटो की हो रही आलोचना
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 23 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 3:26 PM IST
  • 10 मिनट में डिलीवरी को लेकर हो रही आलोचना
  • कार्ति चिदंबरम ने लोकसभा में उठाया मामला

Zomato Instant Delivery Model: फूड डिलीवरी कंपनी Zomato अपने ताजा बिजनेस मॉडल को लेकर चर्चा में आ गई है. कंपनी ने इस सप्ताह की शुरुआत में अपनी एक नई योजना की जानकारी दी. अपनी नई सर्विस Zomato Instant के तहत कंपनी 10 मिनट में फूड डिलीवर करेगी. इसका ऐलान होते ही सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई. लोगों को इस बात की आशंका है कि इस सर्विस से डिलीवरी करने वाले लोगों पर प्रेशर बढ़ेगा. वे हड़बड़ी में डिलीवर करने का प्रयास करेंगे, जिससे रोड एक्सीडेंट का जोखिम बढ़ेगा. हालांकि कंपनी ऐसा नहीं मानती है.

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Zomato CEO ने किया था ये ऐलान

कंपनी के सीईओ Deepinder Goyal ने सबसे पहले लिंक्डइन पर एक पोस्ट में फास्ट डिलीवरी सर्विस शुरू करने की योजना की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि Zomato Instant फूड फिनिशिंग स्टेशंस के सघन नेटवर्क के आधार पर काम करेगी. इन स्टेशंस में विभिन्न रेस्टोरेंट के बेस्टसेलर आइटम होंगे और ये डिमांड का अनुमान लगाने वाले एल्गो पर काम करेंगे. उन्होंने दावा किया कि अभी तक किसी कंपनी ने ऐसा प्रयास नहीं किया है. उन्होंने कहा, 'अभी तक पूरी दुनिया में किसी ने इस स्तर पर 10 मिनट में ताजा व गर्म खाना डिलीवर नहीं किया है. हम इस मामले में पहला बनने वाले हैं.'

कार्ति चिदंबरम में संसद में उठाया मामला

इसके तुरंत बाद लोग Zomato के इस नए मॉडल की आलोचना करने लग गए. लोग तर्क देने लगे कि भारत में इतनी जल्दी तो एम्बुलेंस नहीं पहुंचता है, तो खाना डिलीवर करने की ऐसी क्या हड़बड़ी है. पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के सांसद बेटे कार्ति चिदंबरम ने जोमैटो के इस सर्विस को वाहियात बताया और बोला कि यह डिलीवरी करने वाले लोगों पर बेकार में प्रेशर बढ़ाएगा. उन्होंने यह मामला संसद में भी उठाया और सरकार को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की.

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वर्कर्स यूनियन को सता रहा ये डर

गिगवर्कर्स के एक संगठन TGPWU ने भी जोमैटो के इस कदम का विरोध किया. यूनियन के फाउंडर शेख सलाउद्दीन ने आजतक की सहयोगी वेबसाइट बिजनेस टुडे को बताया कि इंस्टेंट फूड डिलीवरी मॉडल गिग वर्कर्स को खतरे में डालेगा. उनके सामने एक्सीडेंट के अलावा पुलिस व अन्य एजेंसियों के फाइन के भी रिस्क होंगे, जबकि कॉरपोरेट से उन्हें कोई सपोर्ट नहीं मिलता है. उन्होंने कहा कि इस स्पीड से रोबोट भी काम नहीं कर सकता है.

...फिर आई जोमैटो की सफाई

इसके बाद जोमैटो सीईओ ने Twitter पर सफाई देते हुए बताया कि कैसे इस मॉडल से कोई नुकसान नहीं होगा. उन्होंने कहा कि 10 मिनट डिलीवरी मॉडल में सिर्फ वे आइटम ही उपलब्ध होंगे, जो लोकप्रिय हैं और कम समय में तैयार हो जाते हैं. इसके अलावा यह सर्विस लिमिटेड जगहों पर ही उपलब्ध होगी. गोयल ने कहा कि इस मॉडल के तहत डिलीवरी पार्टनर्स को लेट होने पर न तो कोई पेनाल्टी देनी होग और न ही उन्हें कोई इंसेटिंव मिलेगा.

 

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