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लग्जरी कारों पर लगेगा 25 फीसदी सेस, लोकसभा में पास हुआ बिल

लग्जरी कार खरीदने की तैयारी कर रहे हैं, तो इसके लिए अब आपको ज्यादा पैसे चुकाने पड़ेंगे. लोकसभा में इस संबंध में पेश किए गए बिल को हरी झंडी मिल गई है. केंद्र सरकार ने जीएसटी के चलते हो रहे राजस्व घाटे की भरपाई करने के लिए यह कदम उठाया है. बता दें कि अब तक लगजरी कारों पर 15 फीसदी सेस लगता था.

लग्जरी कारों पर 25 फीसदी सेस के लि जीएसटी संशोधन बिल लोकसभा में पास लग्जरी कारों पर 25 फीसदी सेस के लि जीएसटी संशोधन बिल लोकसभा में पास
विकास जोशी
  • नई दिल्ली,
  • 28 दिसंबर 2017,
  • अपडेटेड 2:58 PM IST

लग्जरी कारों पर 15 की जगह 25 फीसदी सेस लगेगा. इससे लग्जरी कारें खरीदना महंगा हो जाएगा. लोकसभा में इस संबंध में पेश किए गए बिल को हरी झंडी मिल गई है. केंद्र सरकार ने जीएसटी के चलते राज्यों को हो रहे राजस्व घाटे की भरपाई करने के लिए यह कदम उठाया है. बता दें कि अब तक लग्जरी कारों पर 15 फीसदी सेस लगता था.

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हंगामे के बीच लोकसभा में जीएसटी (राज्यों को मुआवजा) संशोधन बिल, 2017 को पास कर दिया है. यह बिल अब सितंबर में जारी किए गए उस अध्यादेश की जगह लेगा, जिसमें कुछ वाहनों पर सेस बढ़ाने का सुझाव दिया गया था. यह सुझाव जीएसटी काउंसिल ने अगस्त में हुई अपनी बैठक में दिया था.इस अध्यादेश में लग्जरी कार, मध्य आकार और हाइब्र‍िड वैरिएंट्स पर अध‍िकतम सेस लगाए जाने की सीमा 25 फीसदी की गई  थी.

लोकसभा में बिल पर बहस के दौरान वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि बढ़े हुए सेस से मिलने वाला फंड राज्यों के हित में इस्तेमाल किया जाएगा. उन्होंने बताया कि इसका इस्तेमाल राज्यों को जीएसटी की वजह से होने वाले राजस्व घाटे को कम करने के लिए किया जाएगा.

बिजु जनता दल के सदस्य भातृहरि महताब ने इसको लेकर कहा कि मर्सडीज बेंज की कीमतें 3 लाख रुपये नीचे आ गई थीं. इस बिल के पास होने के बाद इसका फायदा राज्यों को मिलेगा और केंद्र के खाते में भी बढ़ोतरी होगी.

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महताब ने कहा कि जीएसटी लागू करने का सरकार के राजस्व पर कितना असर पड़ा है, इसका पता जनवरी के बाद ही चलेगा. जनवरी के बाद जीएसटी लागू होने की पूरी प्रक्रिया क्रमबद्ध हो जाएगी. इससे राजस्व को होने वाले नफा-नुकसान का अंदाजा लगाया जा सकेगा.

 महताब ने कहा कि मौजूदा समय में दिक्कत ये है कि पुरानी टैक्स व्यवस्था को नई व्यवस्था के साथ बदलने में काफी चुनौतियां हैं. अब ये देखना होगा कि जीएसटी से वे आर्थ‍िक फायदे मिलते हैं, जिनका वादा किया गया था या फिर ये तकनीकी दिक्कतों में फंस कर रह जाता है.

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