
आधार लिंकिंग को लेकर दर्ज उस याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है, जिसमें आधार को अलग-अलग सेवाओं से लिंक करने की डेडलाइन बढ़ाने की बात कही गई थी. इसका मतलब यह है कि फिलहाल मोबाइल नंबर और बैंक अकाउंट आधार से लिंक करने के लिए आपके पास 31 मार्च तक का ही समय है.
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच जजों की बेंच ने इस मामले की सुनवाई की. इस दौरान उन्होंने आधार के खिलाफ दर्ज याचिकाओं की पैरवी कर रहे वरिष्ठ वकील श्याम दीवान की एक याचिका खारिज कर दी.
हालांकि इसके साथ ही बेंच ने भरोसा दिलाया कि आधार एक्ट 2016 की वैधता पर सुनवाई के दौरान हर चीज का ध्यान रखा जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सुनवाई पूरी करते वक्त आधार से जुड़े सभी मुद्दों और पक्षों की बातों पर गौर किया जाएगा.
बता दें कि पिछले साल दिसंबर में सरकार ने मोबाइल नंबर और बैंक अकाउंट को आधार से लिंक करने की डेडलाइन 31 मार्च करने की बात कही थी. इसके बाद आधार लिंकिंग की डेडलाइन 31 मार्च कर दी गई थी.
इससे पहले सरकार सुप्रीम कोर्ट को यह भी बता चुकी है कि वह ड्राइविंग लाइसेंस को भी आधार से लिंक करने की तैयारी कर रही है. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को ये जानकारी दी कि सरकार NIC सारथी 4 नाम का सिस्टम तैयार कर रही है.
इसमें देश भर के ड्राइविंग लाइसेंस धारकों का रिकॉर्ड रखा जाएगा. सभी लाइसेंस आधार से लिंक होंगे. इससे फ़र्ज़ी लाइसेंस की समस्या भी खत्म हो जाएगी. इस सिस्टम के आने के बाद ड्राइवर की तरफ से किए गए ट्रैफिक उल्लंघन का भी पूरा ब्यौरा केंद्रीय रिकॉर्ड में होगा. इसके लिए लाइसेंस को पंच करना जरूरी नहीं होगा.
सरकार ने यह भी साफ किया था कि आधार कार्ड को मोबाइल नंबर, बैंक खाते समेत अन्य कई सरकारी योजनाओं से लिंक करना अनिवार्य जरूर है, लेकिन सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का फायदा उठाने के लिए आधार की गैरमौजूदगी में किसी और पहचान पत्र का भी इस्तेमाल किया जा सकता है.
ऐसी स्थिति में आप वोटर आईडी कार्ड समेत अन्य दस्तावेज भी दिखा सकते हैं. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि आधार न होने की वजह से किसी को भी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से वंचित नहीं किया जा रहा है.