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ये 'सपनों का GST' नहीं लेकिन एक अच्छी शुरुआत: बिवेक देबरॉय

जीएसटी कॉन्क्लेव के तीसरे सत्र में अर्थशास्त्री औऱ नीति आयोग के सदस्य बिबेक डेबरॉय ने देश के सबसे बड़े आर्थिक सुधार कार्यक्रम पर अपनी राय रखी. इस सत्र का संचालन बिजनेस टुडे के वरिष्ठ पत्रकार राजीव दुबे ने किया.

राजीव दुबे राजीव दुबे
राहुल मिश्र
  • नई दिल्ली,
  • 30 जून 2017,
  • अपडेटेड 1:57 PM IST

जीएसटी कॉन्क्लेव के तीसरे सत्र में अर्थशास्त्री औऱ नीति आयोग के सदस्य बिबेक डेबरॉय ने देश के सबसे बड़े आर्थिक सुधार कार्यक्रम पर अपनी राय रखी. इस सत्र का संचालन बिजनेस टुडे के वरिष्ठ पत्रकार राजीव दुबे ने किया.

नीति आयोग के सदस्य बिवेक देबरॉय ने कहा कि भारत दुनिया की पहला फेडरेल देश है जो जीएसटी लागू कर रहा है. देबरॉय के मुताबिक वस्तुओं पर डॉयरेक्ट टैक्स लगना चाहिए, इनडॉयरेक्ट टैक्स नहीं लगना चाहिए. इसके चलते कई चीजें जीएसटी से बाहर हैं. यह एक नए किस्म का जीएसटी है लेकिन यदि हम वह जीएसटी लागू कर पाते जिसका हमने सपना देखा था तो अर्थव्यवस्था को कहीं ज्यादा फायदा पहुंचता.

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जीएसटी लागू होने के बाद देश को यदि इसका फायदा होगा तो साथ ही उसे कुछ नुकसान के लिए तैयार रहने की जरूरत है. जीएसटी के बारे में 17 साल से चर्चा हो रही है, इसके लिए कई बार डेडलाइन तय की गई पर ये अब लागू हो रहा है. उन्होंने कहा कि ये एक अच्छे कदम की शुरुआत है. अगर हम आदर्श GST का इंतजार करते तो शायद और 17 साल लग जाते.

देबरॉय ने कहा कि जीएसटी को लागू करने में हर पार्टी एक बात पर सहमत हुई है, जीएसटी काउंसिल ने भी इस पर काफी काम किया है. काउंसिल को आगे भी लगातार बैठक करनी होगी, ताकि यह सुचारू रुप से चल सके. हालांकि देबरॉय के मुताबिक जीएसटी का तुरंत कोई फायदा नहीं मिलने वाला. इसके लिए हमें लंबा इंतजार करना होगा.

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बिवेक देबरॉय ने दावा किया कि दुनिया के जिन देशों में जिएसटी लागू किया गया वहां शुरुआती दिनों में मंहगाई बढ़ी है. ऐसी उम्मीद भारत में भी है और कुछ सेक्टर में महंगाई का असर हमें भी देखने को मिलेगा. हालांकि कुछ सेक्टर में मंहगाई का असर नहीं भी देखने को मिलेगा. लेकिन इतना तय है कि जीएसटी लागू होने के बाद कुछ समय के लिए महंगाई बढ़ने का खतरा है.

 

 

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