
सेना की नौकरी, समाज में सम्मान, रिटायर्ड के बाद भी रुतबा. कहा भी जाता है कि सभी को देश सेवा का मौका नहीं मिलता है. लेकिन अब सरकार के नये भर्ती फॉर्मूले से बवाल मचा हुआ है. सरकार कह रही है कि इससे युवाओं में देश को लेकर प्रेम बढ़ेगा. अग्निपथ स्कीम को सरकार ने गेम चेंजर बताया है. इससे सेना भविष्य की चुनौतियों से बेहतर ढंग से निपट सकेगी.
दरअसल, 'अग्निपथ योजना' (Agnipath Scheme) के तहत आर्मी (Army), नेवी (Navy) और एयरफोर्स (Air Force) में जवानों की भर्तियां होंगी. इनका रैंक मौजूदा रैंक से अलग होगा और ये 'अग्निवीर' (Agniveer) कहलाएंगे. इस योजना के तहत हर साल करीब 40-45 हजार युवाओं को सेना में शामिल किया जाएगा. ये युवा साढ़े 17 साल से 21 साल की उम्र के बीच के होंगे.
रोजगार के मोर्चे पर किरकिरी
केंद्र सरकार की सबसे ज्यादा आलोचना रोजगार के मोर्चे पर हुई है. इसलिए इस योजना के जरिये बड़े पैमाने पर युवाओं को रोजगार के अवसर मिल जाएंगे. साथ ही भर्ती प्रक्रिया में बदलाव लाने की तैयारी भी है. सरकार पूरी तैयारी के साथ सामने आई है. 90 दिनों में आर्मी में भर्ती के लिए पहली रिक्रूटमेंट रैली हो जाएगी. शुरुआती चरण में आर्मी के लिए 40000, नेवी के लिए 3000 और एयरफोर्स के लिए 3,500 अग्निवीरों की भर्तियां होंगी.
देश के कुछ हिस्सों में अग्निपथ योजना का विरोध हो रहा है. छात्रों का कहना है कि केवल 4 साल नौकरी का मौका मिलेगा, उसके बाद फिर क्या होगा? इसके जवाब में सरकार का कहना है कि अधिकतर युवा 12वीं के बाद स्किल ट्रेनिंग लेते हैं या हायर एजुकेशन लेते हैं और फिर जॉब ढूंढते हैं. हम युवाओं को एक साथ तीन मौके दे रहे हैं. उन्हें अच्छी सैलरी मिलेगी, चार साल में अच्छा बैंक बैलेंस हो जाएगा. साथ ही जॉब के दौरान उन्हें स्किल ट्रेनिंग भी दी जाएगी.
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के तहत उन्हें जो भी फॉर्मल ट्रेनिंग दी जाएगी, उसका क्रेडिट पॉइंट उन्हें मिलेगा. उससे वे चार साल बाद हायर एजुकेशन ले सकते हैं. वे चार साल सेना में रहकर ज्यादा आत्मविश्वास के साथ बाहर जाएंगे.
आखिर में मामला पैसे पर ही आता है. बेरोजगारी के परिपेक्ष्य में देखें तो अग्निवीर को जो सैलरी दी जाएगी, वो ठीक-ठाक है. 4 साल की नौकरी में कुल 23 लाख 43 हजार 160 रुपये मिलेंगे. जिसमें हर महीने की सैलरी के अलावा रिटायरमेंट फंड भी शामिल है.
कैसे फायदे के सौदे?
चार साल की नौकरी में अग्निवीर को पहले साल 30,000 रुपये मासिक सैलरी मिलेगी. दूसरे साल में हर महीने 33000 रुपये, तीसरे साल में 36,5000 रुपये और चौथे साल 40,000 रुपये मासिक सैलरी मिलेगी. इसमें हर महीने सैलरी से 30 फीसद अमाउंट कटेगा और इतनी ही राशि सरकार देगी. सैलरी के अलावा रिस्क और हार्डशिप अलाउंस, राशन अलाउंस, ड्रेस और ट्रैवल अलाउंस मिलेगा. सामान्य भाषा में कहें तो खाना-पीना, इलाज और रहना सब फ्री.
सबकुछ यानी रिटायरमेंट फंड काटकर अकाउंट में डिपॉजिट होगी इतनी राशि...
पहला साल- 21,000×12= 2,52,000
दूसरा साल- 23,100×12= 2,77,200
तीसरा साल- 25,580×12= 3,06,960
चौथा साल- 28,000×12= 3,36,000
इस तरह से चार साल नौकरी के दौरान अग्निवीर को कुल 11,72,160 रुपये सैलरी मिलेगी. खास बात यह है कि नौकरी के दौरान अगर अग्निवीर चाहें तो पूरी सैलरी की सेविंग कर सकते हैं. क्योंकि सुविधाएं सेना की तरह मिलेंगी. जिसमें खाना, रहना और इलाज फ्री है. साथ ही वर्दी भी मिलती है. ऐसे में युवा अपने सपनों को साकार करने के लिए सैलरी के तौर पर भी मिली राशि को बचा सकते हैं. युवा के सामने 4 साल में 23 लाख 43 हजार 160 रुपये कमाने का सुनहरा मौका होगा.
बता दें, 21 से 24 की आयु में अग्निवीर कार्यमुक्त हो जाएंगे. लेकिन इस उम्र में एकमुश्त सरकार की तरफ से 11,72,160 रुपये मिलेंगे. इसमें कोई इनकम टैक्स नहीं लगेगा. जिसे आप रिटायरमेंट फंड कह सकते हैं. क्योंकि इसमें आधा योगदान अग्निवीर का रहेगा, और आधा सरकार देगी. साथ ही सैलरी के तौर पर मिली राशि को भी बचाकर रखे होंगे. जिससे वो अपने सपनों को साकार कर सकते हैं. हायर एजुकेशन समेत अपना बिजनेस खड़ा कर सकते हैं.
सरकार ने गिनाए फायदे
इन अग्निवीरों में से ही अधिकतम 25 फीसदी को फिर बाद में परमानेंट होने का मौका दिया जाएगा. यानी 4 में से एक अग्निवीर को पक्की नौकरी मिलेगी. सरकार की मानें तो 4 साल आर्मी में रहकर लौटा युवा दूसरों की अपेक्षा नौकरी पाने के लिए ज्यादा योग्य होगा. अग्निवीरों को 4 साल बाद गृहमंत्रालय CAPFs और असम राइफल्स में भर्ती में प्राथमिकता देगा. बड़ी कंपनियों ने अग्निवीरों को नौकरी देने का ऐलान किया है. 4 साल में अग्निवीरों के लिए ग्रेजुएशन डिग्री कोर्स होगा. ग्रेजुएशन डिग्री कोर्स की मान्यता देश विदेश में होगी.
सेवा के दौरान अगर कोई अग्निवीर वीरगति को प्राप्त हो जाता है तो उसके परिवार को एक करोड़ की सहायता राशि मिलेगी. साथ ही अग्निवीर की बची हुई सेवा की सैलरी भी परिवार को मिलेगी. वहीं अगर कोई अग्निवीर सेवा के दौरान अपंग हो जाता है तो उसे 44 लाख की राशि दी जाएगी और बाकी बची सेवा की सैलरी भी मिलेगी. युवाओं को सबसे ज्यादा चिंता इस बात की है कि चार साल बाद वो क्या करेंगे? चार साल बाद वो फिर से बेरोजगार हो जाएंगे और उन्हें ना वेतन मिलेगा ना पेंशन.