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MODI@3: किसान और कृषि के लिए फॉर्मूला: आमदनी होगी दोगुनी?

कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने दावा किया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गर्दर्शन में तीन साल में कृषि और किसानों की बेहतरी के लिए जो काम किए गये हैं उनके सकारात्मक परिणाम दिखने लगे हैं.

तीन साल में ये हैं किसानों की आमदनी पूरी करने की कोशिशें तीन साल में ये हैं किसानों की आमदनी पूरी करने की कोशिशें
राहुल मिश्र
  • नई दिल्ली,
  • 24 मई 2017,
  • अपडेटेड 12:15 PM IST

केन्द्र में मोदी सरकार के तीन साल के कार्यकाल पर अपनी रिपोर्ट साझा करते हुए कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने दावा किया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में तीन साल में कृषि और किसानों की बेहतरी के लिए जो काम किए गये हैं उनके सकारात्मक परिणाम दिखने लगे हैं. इसका उदाहरण देते हुए कृषि मंत्री ने बताया कि देश में खाद्यान्न का रिकार्ड उत्पादन हुआ और कृषि क्षेत्र की वार्षिक वृद्धि दर करीब 4.4 प्रतिशत रही है.

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भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार की तीसरी वर्षगांठ पर राधामोहन सिंह ने कहा, कृषि में मोदी सरकार द्वारा पिछली सरकारों की तुलना में ज्यादा धनराशि आवंटित तथा खर्च की जा रही है. वर्ष 2016-17 में खादयान्न उत्पादन के पिछले सारे रिकार्ड टूट गये हैं और इस वर्ष कृषि और उससे संबंधित क्षेत्रों की वार्षिक वृद्धि दर लगभग 4.4 प्रतिशत रही है.

क्या 2022 तक किसानों की आमदनी होगी दोगुनी?
मोदी सरकार किसानों के कल्याण के लिए जिस मनोयोग से काम में जुटी है, इससे किसानों के जीवन में गुणात्मक सुधार आ रहा है. मंत्रालय ने बताया कि प्रधानमंत्री ने वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने का लक्ष्य रखा है जिसे हासिल करने के लिए कृषि मंत्रालय लगातार काम कर रहा है.

कृषि मंत्री ने यह भी बताया कि मोदी सरकार ने देश के विकास के लिए इन तीन वर्षो में देश के सामने नई कार्यविधि, पारदर्शी कार्यशैली के नए प्रतिमान रचे हैं. सरकार ने समयबद्ध तरीके से किसान कल्याण योजनाओं के पूर्ण क्रियान्वयन के लक्ष्यों को मिशन मोड में परिवर्तित किया है.

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केन्द्र सरकार ने सुशासन के नये आयामों, नवाचारों एवं सुधारवादी दृष्टिकोण से एक आधुनिक और भविष्योन्मुख भारत की नींव रखी है. कृषि मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार किसानों के मन में देश की कृषि उन्नति के लिए की गई नई पहलों के प्रति जागरूकता लाने में सफल हुई है. तीन वर्ष के कार्यकाल में किसानों एवं ग्रामीण क्षेत्रों के जीवन स्तर में गुणात्मक परिवर्तन लाने का सतत एवं सशक्त प्रयास किया गया है.

बजट का पैसा भी खर्च नहीं कर पाती थी यूपीए सरकार
कृषि मंत्री ने कहा कि कांग्रेस नीत संप्रग सरकार के दौरान मंत्रालय द्वारा किया जाने वाला खर्च अधिकतर बजटीय प्रावधानों से कम रहता था. वर्ष 2011-12 में बजटीय प्रावधान रु 24,526 करोड़ रूपये था जबकि खर्च मात्र रु 23,290 करोड़ रूपये रहा. इसी तरह 2012-13 में बजटीय में 28,284 करोड़ रूपये था जबकि खर्च मात्र 24,630 करोड़ रूपये हुआ. वर्ष 2013-14 में बजटीय प्रावधान रुपये 30,224 करोड़ रूपये था जबकि खर्च 25,896 करोड़ रूपये हुआ.

कृषि मंत्री के आंकड़ों के मुताबिक मोदी सरकार के कार्यकाल में किसान हित में मंत्रालय द्वारा खर्च बजटीय प्रावधान से ज्यादा किया जा रहा है. उदाहरण स्वरूप 2016-17 में जहां बजटीय प्रावधान 45035 करोड़ रूपये था, वहीं संशोधित बजटीय आवंटन में यह बढकर रु 57503 करोड़ रूपये किया गया है. मोदी सरकार द्वारा कृषि प्रक्षेत्र एवं किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए अधिक बजटीय आवंटन किया गया है. पूर्ववर्ती संप्रग सरकार के चार वर्ष के दौरान वर्ष 2010-11 से 2013-14 के बजट में कुल 1,04,337 करोड़ रूपये का बजटीय प्रावधान कृषि क्षेत्र के लिए किया गया था. वहीं वर्तमान सरकार द्वारा 2014-15 से 2017-18 तक कृषि क्षेत्र को कुल 1,64,415 करोड़ रुपये आवंटित किए गये हैं जो कि 57.58 प्रतिशत अधिक है.

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इन क्षेत्रों पर जोर से बढ़ेगी आमदनी
बीते तीन वर्षो के प्रारम्भिक दो वर्षो में कम मानसून में भी किसानों को सुरक्षा एवं विश्वास का संबल सरकार द्वारा दिया गया है. मृदा स्वास्थ्य कार्ड का वितरण, सिंचाई सुविधाओं में विस्तार, कम लागत की जैविक खेती, राष्ट्रीय कृषि बाजार, बागवानी विकास, कृषि वानिकी, मधुमक्खी पालन, दुग्ध, मछली एवं अंडा उत्पादन को बढ़ावा देने के साथ ही कृषि शिक्षा, अनुसंधान एवं विस्तार पर विशेष बल दिया गया है. सहकारी संस्थाओं के सुदृढ़ीकरण में भी ज्यादा निवेश किया गया है.

दलहन-तिलहन में आत्म-निर्भरता की ओर बढ़ने के लिए कई नई पहलें तीन वर्षो में प्रारम्भ की गयी हैं. सबसे कम प्रीमियम एवं विभिन्न जोखिमों को शामिल कर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में किसानों को अभूतपूर्व सुरक्षा कवच प्रदान किया गया है. देश के सभी जिलों के लिए आकस्मिक योजना उपलब्ध करायी गयी तथा सूखा एवं ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों को मिलने वाली राहत मानकों को बढ़ाकर सरकार ने अर्थव्यवस्था में किसानों के हितों को प्राथमिकता दी है. मोदी सरकार के तीन वर्ष के कार्यकाल में कृषि क्षेत्र में उन्नति एवं किसान कल्याण की योजनाओं के सफल क्रियान्वयन द्वारा किसान सशक्तिकरण के लिए सतत पहल एवं प्रयास के परिणाम दिखने लगे हैं. अब तीन साल की इस रिपोर्ट कार्ड के बाद इंतजार 2022 का रहेगा जब वाकई देश में किसानों की आमदनी दोगुनी होने के परिणाम सामने आने लगेंगे.

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