
भारती एयरटेल और टाटा टेली के मर्जर (विलय) पर संचार मंत्रालय ने लाल झंडी दिखा दी है. मंत्रालय के दूरसंचार विभाग (DoT) ने रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (RoC) को दिल्ली और मुंबई में लेटर लिखकर इस बारे में 'आगे किसी भी तरह की कार्रवाई' रोकने की मांग की है. विभाग का कहना है कि अभी उसने इसे मंजूरी नहीं दी है.
गौरतलब है कि इस साल जनवरी में राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) ने घाटे में चल रही टाटा टेलीसर्विसेज के भारती एयरटेल में विलय को मंजूरी दे दी थी, लेकिन इस विलय के लिए दूरसंचार विभाग की मंजूरी आवश्यक है. टाइम्स ऑफ इंडिया ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि संचार मंत्रालय इस मामले को कई आधार पर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगा.
इनमें विलय पर जिस तरह से दोनों कंपनियां आगे बढ़ रही हैं, वह प्रकिया और सिर्फ टेलीकॉम विवाद निपटारा अपीलीय न्यायाधिकरण (TDSAT) के आदेश के आधार पर विलय की घोषणा करना शामिल हैं. विभाग ने अपने लेटर में लिखा है कि 1 जुलाई को सार्वजनिक बयान के द्वारा जिस तरह से कंपनियों ने विलय के पूरा होने की घोषणा की है वह मर्जर की शर्तों के विपरीत है. एयरटेल ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि TDSAT के आदेश के बाद दोनों पक्षों ने विलय प्रक्रिया शुरू की है और DoT तथा RoC को पूरी जानकरी दी गई है.
भारती एयरटेल ने इस साल जनवरी में कहा था कि NCLT ने अपने आदेश के जरिए टाटा टेलीसर्विसेज लिमिटेड, भारती एयरटेल लिमिटेड और भारती हेक्साकॉम लिमिटेड एवं उनके हितधारकों एवं ऋणदाताओं के बीच व्यवस्था की समग्र योजना को मंजूरी दे दी है. भारती हेक्साकॉम, भारती एयरटेल की सब्सिडियरी है.
साल 2017 से चल रही है प्रक्रिया
घाटे में चल रही टाटा टेलीसर्विसेज ने अक्टूबर, 2017 में भारती एयरटेल में विलय की घोषणा की थी. इस सौदे में एयरटेल ने घाटे में चल रही टाटा टेलीसर्विसेज के करीब 40,000 करोड़ रुपये के कर्ज में से कुछ भी अपने ऊपर नहीं लिया और न ही इसके लिए कोई नकद भुगतान किया.
टाटा ग्रुप का टेलीकॉम सेगमेंट टाटा टेलीसर्विसेज ने अपने कंज्यूमर टेलीकॉम बिजनेस को भारती एयरटेल के साथ मर्ज करने का ऐलान किया है. इस अधिग्रहण के बाद 40 मिलियन टाटा डोकोमो यूजर्स एयरटेल में स्विच कर दिए जाएंगे. टाटा टेलीसर्विसेज और भारती एयरटेल करार के तहत भारती एयरटेल, टाटा टेलीसर्विसेज के बिजनेस ऑपरेशन का अधिग्रहण करेगी. टाटा ग्रुप का टेलीकॉम बिजनेस 19 सर्कल्स में है और ये सभी एयरटेल के हो जाएंगे.