
नोटबंदी के बाद लोगों के गैर-नकदी लेन-देन की ओर रूख करने के चलते डिजिटल मोबाइल भुगतान सेवा मुहैया कराने वाली कंपनी पेटीएम से रोजाना 70 लाख सौदे होने लगे हैं. इन सौदों का मूल्य करीब 120 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. सौदों में आई भारी तेजी से कंपनी को अपने पांच अरब डॉलर मूल्य की सकल उत्पाद बिक्री (जीएमवी) लक्ष्य को तय समय से चार महीने पहले ही प्राप्त कर लिया है.
जीएमवी ऑनलाइन क्षेत्र में कार्य करने वाली कंपनियों के कारोबार को मापने का पैमाना है. इसका मतलब किसी ऑनलाइन मंच से बेची जाने वाली वस्तुओं का सकल मूल्य से है. पिछले साल पेटीएम का जीएमवी तीन अरब डॉलर था.
पेटीएम में चीन के अलीबाबा समूह की बड़ी हिस्सेदारी है. यह कंपनी लोगों को मोबाइल वॉलेट पर लेन-देन के साथ ही अपने मंच पर ई-वाणिज्य की सेवा भी मुहैया कराती है. कंपनी ने कहा कि अभी उसके मंच पर रोजाना 70 लाख लेन-देन हो रहे हैं जिनकी कीमत करीब 120 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है.
इसमें देश के कई हिस्सों में लाखों ग्राहक और दुकानदार ऐसे हैं जो पेटीएम पर पहली बार लेन-देन कर रहे हैं. कंपनी अभी भारत में डेबिट और क्रेडिट कार्ड के द्वारा रोजाना होने वाले औसत लेन-देन से ज्यादा लेन-देन कर रही है.
नोटबंदी के बाद पिछले दस दिनौं में 4.5 करोड़ से ज्यादा लोगों ने पेटीएम की सेवा ली है. इसमें करीब 50 लाख नए उपयोक्ता हैं. कंपनी के कुल कारोबार में ऑफलाइन लेन-देन की हिस्सेदारी 65 प्रतिशत के उपर पहुंच गई है जबकि छह महीने पहले यह 15 प्रतिशत के करीब था.
कंपनी अपने साथ दुकानदारों की संख्या को बढ़ाने पर भी काम कर रही है. कोशिश की जा रही है कि पेटीएम नेटवर्क में डेढ़ लाख अतिरिक्त दुकानदारों को जल्द से जल्द नोटबंदी की की समस्या से निजात पाने के लिए जोड़ा जाए.