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अमेरिका-चीन ट्रेड वॉर का असर भारत पर, सेंसेक्स 37,590 के नीचे

अमेरिका और चीन के बीच छिड़ी कारोबारी जंग की वजह से सप्‍ताह के चौथे कारोबारी दिन भारतीय शेयर बाजार में एक बार फिर गिरावट देखने को मिली.

अमेरिका-चीन के बीच ट्रेड वॉर का असर बरकरार अमेरिका-चीन के बीच ट्रेड वॉर का असर बरकरार
aajtak.in
  • मुंबई,
  • 09 मई 2019,
  • अपडेटेड 11:04 AM IST

अमेरिका और चीन के बीच चल रहे ट्रेड वॉर की वजह से ग्लोबल मार्केट के साथ-साथ भारतीय बाजारों का भी मूड खराब है. सप्‍ताह के चौथे कारोबारी दिन शेयर बाजार में चौतरफा बिकवाली देखने को मिली. प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 37 हजार 590 के स्‍तर पर आ गया जबकि निफ्टी भी लगभग इसी समय 60.35 अंकों की कमजोरी के साथ 11,295 के स्‍तर पर कारोबार कर रहा था.

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किन शेयरों का क्‍या हाल

शुरुआती कारोबार में रिलायंस के शेयर 2 फीसदी से अधिक टूट गए जबकि एनटीपीसी, एचसीएल, पावरग्रिड, टाटा मोटर्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा, एचडीएफसी बैंक, कोल इंडिया और आईटीसी के शेयर भी लाल निशान पर कारोबार करते देखे गए. वहीं बढ़त वाले शेयरों की बात करें तो यस बैंक में करीब 3 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई. इसी तरह बजाज फाइनेंस, इन्‍फोसिस, टीसीएस, हीरोमोटोकॉर्प, एसबीआईएन और एक्‍सिस बैंक के शेयर भी 1 से 2 फीसदी तक की बढ़त के साथ कारोबार कर रहे थे.  

शुरुआती कारोबार में रुपया 18 पैसा टूटा

घरेलू शेयर बाजार में भारी बिकवाली और विदेशी मुद्रा निकासी के बीच गुरुवार को शुरुआती कारोबार में डॉलर के मुकाबले रुपया 18 पैसे फिसलकर 69.89 पर आ गया. इससे पहले रुपया 69.70 के स्तर पर खुला, लेकिन यह जल्द ही बुधवार को बंद स्तर के मुकाबले 18 पैसे की गिरावट के साथ 69.89 रुपये प्रति डॉलर पर कारोबार करने लगा. बता दें कि बुधवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 69.71 के स्तर पर बंद हुआ था. मुद्रा कारोबारियों के मुताबिक अमेरिका-चीन व्यापार चिंताओं का असर घरेलू मुद्रा पर पड़ा है.

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इन कंपनियों के आए नतीजे  

इससे पहले बुधवार को टाटा कम्युनिकेशंस का घाटा 31 मार्च को समाप्त चौथी तिमाही में बढ़कर 198.8 करोड़ रुपये हो गया. एक साल पहले की इसी अवधि में यह 120.9 करोड़ रुपये था. टाटा कम्युनिकेशंस ने कहा कि समीक्षाधीन अवधि में उसकी परिचालन से आय 4,243.5 करोड़ रुपये रही.  यह इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 5 फीसदी अधिक है.

पूरे वित्त वर्ष (2018-19) के लिए उसका घाटा कम होकर 82.37 करोड़ रुपये रहा. इसकी तुलना में 2017-18 में यह 328.6 करोड़ रुपये था. इस बीच, श्रीराम ट्रांसपोर्ट फाइनेंस कंपनी का शुद्ध लाभ 31 मार्च 2019 को समाप्त चौथी तिमाही में 22.4 फीसदी गिरकर 746.04 करोड़ रुपये रह गया. वहीं जेके पेपर लिमिटेड का एकल शुद्ध लाभ 31 मार्च 2019 को समाप्त चौथी तिमाही में 52.48 फीसदी बढ़कर 112.23 करोड़ रुपये हो गया.

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