
अमेरिका और चीन के बीच जारी व्यापार युद्ध लगातार बढ़ता ही जा रहा है. पहले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का बयान आया तो फिर चीन ने भी एक्शन लिया. लेकिन अब अमेरिका ने एक बार फिर पलटवार किया है. सोमवार को अमेरिका ने देश में कुल 12 विदेशी कंपनियों को निगरानी लिस्ट में डाल दिया है, ताकि ये कोई गलत फायदा ना उठा सकें. इन 12 कंपनियों में चीन और पाकिस्तान की कंपनियां भी शामिल हैं.
अमेरिका ने ये कदम राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनज़र उठाया है, जिसमें साइबर सुरक्षा भी शामिल है. जिन 12 कंपनियों को निगरानी सूची में डाला गया है उसमें 4 हॉन्गकॉन्ग-चीन, 2 चीनी, एक पाकिस्तानी और 5 एमरात की कंपनियां हैं.
अमेरिकी कॉमर्स मंत्रालय के सेक्रेटरी विल्बर रॉस के अनुसार, ट्रंप प्रशासन ने ये फैसला अमेरिकी नागरिकों की सुरक्षा को देखते हुए लिया है. इस निगरानी लिस्ट में हमने ना सिर्फ कंपनियों को बल्कि चयनित व्यक्तियों को भी शामिल किया है.
उन्होंने कहा कि हम ऐसी स्थिति पैदा नहीं होने दे सकते हैं, जहां चीन की कंपनियां अमेरिकी टेक्नोलॉजी को ट्रांसफर करें और यहां की सुरक्षा के लिए खतरा बनें. जिन चार हॉन्गकॉन्ग-चीनी कंपनियों पर बैन लगाया गया है, उनपर ईरान का समर्थन करने का आरोप लगा है. तो वहीं, अन्य कंपनियों/व्यक्तियों पर नियमों का उल्लंघन करने का आरोप है.
जबकि जिस पाकिस्तानी कंपनी को निगरानी सूची में डाला गया है उसपर न्यूक्लियर प्रोग्राम के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगा है. यही कारण है कि अब उसपर अमेरिका की नज़र रहेगी.
बता दें, अमेरिका और चीन के बीच व्यापार मसले को लेकर 11वें दौर की बातचीत असफल होने के बाद अब दोनों के बीच तनातनी बढ़ गई है. समस्या का हल नहीं निकलने के लिए अमेरिका ने चीन को जिम्मेदार ठहराया है. ट्रंप ने व्यापार वार्ता के विफल होने का दोष चीन पर मढ़ दिया है. तभी से ही दोनों देशों में वार-पलटवार का सिलसिला जारी है.