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आर्थिक मोर्चे पर फंसी सरकार को संजीवनी दिलाएंगे मोदी के हनुमान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में अमित शाह को वित्त मंत्रालय मिल सकता है. पिछले कार्यकाल में वित्त मंत्रालय ही एक ऐसा मंत्रालय था, जिसने कई बड़े फैसले लिए, लेकिन फैसलों को लेकर सरकार की जमकर आलोचना भी हुई.

पीएम मोदी के सबसे भरोसेमंद अमित शाह को वित्त मंत्रालय का जिम्मा पीएम मोदी के सबसे भरोसेमंद अमित शाह को वित्त मंत्रालय का जिम्मा
अमित कुमार दुबे
  • नई दिल्ली,
  • 30 मई 2019,
  • अपडेटेड 6:02 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में अमित शाह को वित्त मंत्रालय मिल सकता है. पिछले कार्यकाल में वित्त मंत्रालय ही एक ऐसा मंत्रालय था, जिसने कई बड़े फैसले लिए, लेकिन फैसलों को लेकर सरकार की जमकर आलोचना भी हुई. ऐसे में पीएम मोदी की कोशिश है कि इस बार वित्त मंत्रालय का जिम्मा ऐसे हाथों में दिया जाए जो सबसे भरोसेमंद हो, जिनकी सोच पीएम मोदी की सोच से मिलती-जुलती हो. अब अगर अमित शाह वित्त मंत्री बनते हैं तो फिर पीएम मोदी की वित्तीय रणनीति को वो दिशा मिलेगी जो मोदी देना चाहते हैं.

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दरअसल 2014 में जब नरेंद्र मोदी की अगुवाई में सरकार बनी तो वित्त मंत्रालय का जिम्मा अरुण जेटली को मिला. लेकिन अब अरुण जेटली बीमार हैं, ऐसे में पीएम मोदी को अब ऐसा चेहरा चुनना था जो वित्त मंत्रालय को सही दिशा में लेकर जा सके. क्योंकि पिछली बार सरकार ने नोटबंदी और जीएसटी जैसे बड़े फैसले लिए. लेकिन फैसले को लेकर सरकार की खूब किरकिरी हुई.

पीएम मोदी के हनुमान को वित्त मंत्रालय

वित्त मंत्रालय सरकार की रीढ़ होता है. जहां से हर योजनाओं को लेकर फंड निर्धारित किए जाते हैं. पिछली बार मोदी सरकार में बेरोजगारी, किसानों की समस्या, व्यापार में अड़चनें जैसी समस्याएं आम थीं, और इन सभी समस्याओं का हल सीधे वित्त मंत्रालय के पास है. ऐसे में पीएम मोदी ने अपने सबसे करीबी अमित शाह के हाथ में वित्त मंत्रालय देकर उन्हें इन समस्याओं का बीड़ा सौंप दिया है. यानी जिन मोर्चों पर सरकार के साथ-साथ पीएम मोदी की अबतक किरकिरी हुई उससे अगली सरकार में बचने के लिए अमित शाह बेहतर रणनीति तैयार करेंगे.

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वित्त मंत्रालय का बेड़ा पार लगाएंगे अमित शाह?

अब अमित शाह वित्त मंत्रालय को कैसे चलाते हैं, ये देखने वाली बात होगी. अगर वह मोदी सरकार की मुख्य समस्याओं का वित्त मंत्रालय के जरिये समाधान ढूंढ देते हैं तो फिर सरकार की छवि जनता में और मजबूत हो जाएगी. क्योंकि अमित शाह जमीनी स्तर पर काम करने के लिए जाने जाते हैं, उनका जनता से सीधा जुड़ाव रहा है. अगर उस जनता के लिए अमित शाह अपनी रणनीति से कोई योजना लेकर आते हैं तो फिर उसका फायदा 100 फीसदी तक जनता को मिलना मुमकिन है.

दरअसल अमित शाह की ऐसी छवि है कि उन्हें पार्टी की ओर से अभी तक जो जिम्मेदारी मिली है. उसमें उन्होंने बेहतर रिजल्ट दिया है. आज के दौर में अमित शाह को राजनीति का सबसे बड़ा रणनीतिकार कहा जाए तो इसमें कोई झिझक नहीं होनी चाहिए. बीजेपी को प्रचंड जीत दिलाने में अमित शाह की सबसे बड़ी भूमिका रही है. अमित शाह की कुशल रणनीति ने बीजेपी को ऐसी जीत दिलाई कि विपक्ष में हाहाकार मच गया.

हारी हुई बाजी जीतना जानते हैं अमित शाह

अमित शाह के बारे में कहा जाता है कि वो हारी हुई बाजी को जीत में बदल देते हैं और जीत को ऐसी ऐतिहासिक जीत में कि इतिहास उनके कौशल का लोहा मानता चला जाता है. बीजेपी की लोकसभा में दूसरी बार ऐसी शानदार जीत हुई है कि विरोधियों को समझ में नहीं आ रहा है कि हुआ तो हुआ कैसे?

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जो हमेशा जीतता रहता है, उसको आप विजेता कहते हैं लेकिन आप चाहें तो अब उसको अमित शाह भी कह सकते हैं. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह का पूरा जीवन ही जीत के इर्द गिर्द घूमता रहा है. जिस मिशन में लगे, उसको मुमकिन कर दिखाया, और यही वजह है कि बीजेपी का कमल दिन ब दिन राज्य दर राज्य खिलता ही जा रहा है.

देश की वित्तीय सेहत सुधारेंगे अमित शाह

अमित शाह देश ही नहीं दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी के अध्यक्ष हैं. लेकिन अब देश की वित्तीय सेहत को सुधारने जा रहे हैं. बारीक से बारीक चीजों पर पैनी नजर रखने वाले बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की सबसे बड़ी खासियत ये है कि दिल्ली से बाहर कहीं जाते हैं तो किसी पांच सितारा होटल में नहीं ठहरते बल्कि किसी कार्यकर्ता के घर या सर्किट हाउस में रुकते हैं. मकसद साफ होता है कि कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद हो सके ताकि उनकी बात को समझकर चुनावी कदम उठाया जा सके.

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