
दुनिया की जानी-मानी कंपनी एप्पल बहुत जल्द भारत में आईफोन और आईपैड की मैन्यूफैक्चरिंग शुरू कर सकती है. भारत सरकार और अमेरिकी कंपनी एप्पल के बीच बीते दो महीने से बातचीत जारी है. एप्पल भारत आने के लिए मांग कर रही है कि प्रधानमंत्री मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम के तहत उसे बड़ी छूट दी जाए जिससे वह जल्द से जल्द अपनी यूनिट यहां लगा सके..
क्यों भारत आना चाहता है एप्पल
इस साल के शुरुआत में एप्पल के सीईओ टिम कुक ने अपनी भारत यात्रा के दौरान कहा था कि उनके लिए भारत दुनिया का सबसे बड़ा बाजार है. लिहाजा वह जल्द से जल्द भारत में एप्पल एक्सक्लूसिव रीटेल शोरूम खोलना चाहते हैं. देश का रीटेल कानून कहता है कि किसी विदेशी कंपनी को एक्सक्लूसिव रीटेल शोरूम खोलने के लिए 30 फीसदी प्रोडक्ट की सोर्सिंग भारतीय बाजार से ही करनी होगी. यह कानून विदेशी कंपनी पर तीन साल के लिए लागू रहेगा लेकिन एप्पल के लिए यह नियम पांच साल तक लागू रहेगा. लिहाजा स्मार्टफोन के इतने बड़े बाजार को पकड़ने के लिए एप्पल की मजबूरी है कि वह अपने प्रोडक्ट भारत में निर्मित करे.
मेक इन इंडिया से एप्पल को उम्मीद
मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत भारत सरकार विदेशी कंपनियों को भारत में मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट लगाने के लिए कई रियायतें देती है. इनमें स्पेशल ड्यूटी स्ट्रक्चर के साथ-साथ आयात होने वाले सभी पुर्जों पर जीरो ड्यूटी भी शामिल है. हालांकि मोबाइल और अन्य गैजेट की देशी-विदेशी कंपनियों को यह छूट अडैप्टर, बैटरी और हेडसेट इंपोर्ट करने पर नहीं दी जाती है. एप्पल का कहना है कि उसके अडैप्टर, बैटरी और हेडसेट दुनिया की कटिंग एज टेक्नोलॉजी हैं. लिहाजा भारत में एप्पल फोन और आईपैड की मैन्यूफैक्चरिंग करने के ऐवज में इन प्रोडक्ट्स को आयात करने के साथ-साथ ड्यूटी में छूट दी जाए.
मेक इन इंडिया को एप्पल से उम्मीद
मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत केंद्र सरकार की कोशिश देश को दुनिया का मैन्यूफैक्चरिंग हब बनाने की है. इसमें कोई दो राय नहीं कि एप्पल दुनिया का एक बेहतरीन ब्रांड है. भारत में उसकी मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट होगी तो दुनियाभर में मेड इन इंडिया के ब्रांड से मेक इन इंडिया का झंडा बुलंद होगा. लिहाजा, इसके लिए जरूरी है कि एप्पल अपने आईफोन और आईपैड की पूरी मैन्यूफैक्चरिंग भारत में करे जिससे देश के मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर को एप्पल की कटिंग एज टेक्नोलॉजी से सीधा फायदा हो. क्वालिटी बैटरी, हेडसेट और अडैप्टर की इस टेक्नोलॉजी को भारत में लाने से इन प्रोडक्ट्स की आरएंडडी से देश में मोबाइल मैन्यूफैक्चरिंग का फायदा होगा. साथ ही कटिंग एज टेक्नोलॉजी वाले प्रोडक्ट्स की कीमत भारतीय बाजार में अंतरराष्ट्रीय बाजार से कम रहेगी. यानी देश में आईफोन और आईपैड अपेक्षाकृत सस्ते मिलेंगे.