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अरहर की दाल 100 के पार, सात महीने के उच्च स्तर पर पहुंच सकती है महंगाई

अरहर दाल 100 से 120 रुपये किलो तक के रेट में बिक रही है. इस बीच एक सर्वे में कहा गया है कि मई महीने की खुदरा महंगाई दर सात महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच सकती है.

दाल सहित तमाम खाद्य वस्तुएं फिर महंगी होने लगी हैं दाल सहित तमाम खाद्य वस्तुएं फिर महंगी होने लगी हैं
दिनेश अग्रहरि
  • नई दिल्ली,
  • 10 जून 2019,
  • अपडेटेड 1:38 PM IST

दाल सहित खाने-पीने की तमाम चीजों की कीमतें एक बार फिर आसमान छूने लगी हैं. दिल्ली में अरहर दाल 100 से 120 रुपये किलो तक के रेट में बिक रही है. इस बीच न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के एक सर्वे में कहा गया है कि मई महीने की खुदरा महंगाई दर सात महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच सकती है. महंगाई का सरकार द्वारा आंकड़ा बुधवार को जारी हो सकता है.

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इसके पहले रायटर्स द्वारा किए गए सर्वे में ज्यादातर इकोनॉमिस्ट ने यह माना है कि मई महीने में महंगाई सात महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच सकता है, हालांकि इसके बावजूद यह रिजर्व बैंक के लिए सुविधाजनक स्तर के नीचे ही रहेगा. रॉयटर्स के पोल में शामिल 40 इकोनॉमिस्ट ने कहा है कि मई में खुदरा महंगाई दर 3.01 फीसदी तक पहुंच सकती है. अप्रैल महीने में महंगाई दर 2.92 फीसदी थी.

रिजर्व बैंक ने मध्यम अवधि के लिए 4 फीसदी की महंगाई दर का लक्ष्य रखा है और लगातार दसवें महीने महंगाई इस दायरे से नीचे रहेगी.

गौरतलब है कि खान-पान की कीमतों में अक्टूबर 2018 से फरवरी 2019 तक गिरावट आई थी, लेकिन मार्च से इसमें लगातार बढ़ोतरी हो रही है. भारत के महंगाई बॉस्केट का करीब आधा हिस्सा खाद्य कीमतों का ही होता है. खासकर सब्जियों, दालों की कीमतों के बढ़ने की वजह से महंगाई में इजाफा हो रहा है.

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गौरतलब है कि इस साल प्री-मॉनसून की बारिश करीब 22 फीसदी कम हुई है और देर से हुई है. इसकी वजह से बुवाई भी थोड़ी लेट हो गई है. इसकी वजह से आगे भी पैदावार कम हो सकती है और महंगाई ऊंचाई पर ही रहने की उम्मीद है.

गौरतलब है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने पिछले हफ्ते एक बार फिर रेपो रेट में कटौती की थी. आरबीआई की मौद्रिक समीक्षा बैठक में 0.25 फीसदी की कटौती हुई है. इसी के साथ अब नई रेपो रेट 5.75% हो गई है. नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार के दूसरे कार्यकाल में यह पहली मौद्रिक समीक्षा बैठक थी.

आरबीआई की पिछली दो बैठकों में भी एमपीसी रेपो रेट में क्रमश: 0.25  फीसदी की कटौती कर चुकी है. यानी जून में लगातार तीसरी बार केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट घटाई है.

अप्रैल में 2.92 फीसदी थी महंगाई

आंकड़ों के मुताबिक खाद्य पदार्थो और ईंधन की कीमतें बढ़ने की वजह से अप्रैल में खुदरा महंगाई दर बढ़ी है. अप्रैल में खुदरा महंगाई दर 2.92 फीसदी दर्ज की गई थी, जबकि इससे पिछले महीने मार्च में खुदरा महंगाई दर 2.86 फीसदी दर्ज की गई थी. पिछले साल अप्रैल में खुदरा महंगाई दर 4.58 फीसदी दर्ज की गई थी. 

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