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ट्रंप की मेक्सिको वॉल से पहले भी दुनिया में बन चुकी हैं ये 5 ग्रेट वॉल

राष्ट्रपति पद की कमान संभालने के बाद डोनाल्ड ट्रंप अपने वादे को पूरा करने का संकेत दे रहे हैं. सवाल खड़ा हो रहा है कि क्या ट्रंप की वॉल का अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर असर होगा? इतिहास में इससे पहले भी कई बार वॉल बनाने की सफल और असफल कोशिश की गई है.

ट्रंप की मेक्सिको वॉल से पहले बन चुकी हैं ऐसी 5 और वॉल ट्रंप की मेक्सिको वॉल से पहले बन चुकी हैं ऐसी 5 और वॉल
राहुल मिश्र
  • नई दिल्ली,
  • 27 जनवरी 2017,
  • अपडेटेड 5:43 PM IST

अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चुनावी वादा किया था कि जीतने के बाद वह पड़ोसी देश मेक्सिको के साथ सटे बॉर्डर पर मजबूत वॉल बनवाएंगे. अब राष्ट्रपति पद की कमान संभालने के बाद इस वादे को पूरा करने का संकेत डोनाल्ड ट्रंप दे रहे हैं. मेक्सिकों के साथ-साथ दुनियाभर में सवाल खड़ा हो रहा है कि क्या ट्रंप की दीवार का अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर कोइ असर होगा? क्या यह दीवार एक बार फिर पड़ोसी मुल्कों के साथ रिश्तों की उस पुरानी परिभाषा को सामने रख देगा जिसके चलते इतिहास में इससे पहले भी कई बार दीवार बनाने की कोशिश की गई है.

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आइए जानते हैं इससे पहले दुनिया में कब और क्यों बॉर्डर वॉल बनाने की कोशिश हुई है-

चीन में दि ग्रेट वॉल


डोनाल्ड ट्रंप ने मेक्सिको सीमा पर बनाई जाने वाली बॉर्डर वॉल की तुलना चीन की दि ग्रेट वाल से की है. चीन में बनी 13 हजार मील की लंबाई वाली इस वॉल का निर्माण तीसरी शताब्दी में शुरू हुआ और 14 वीं से 17 शताब्दी तक इसका निर्माण मिंग डायनेस्टी ने करवाया. इस वॉल को बनाने का उद्देश्य चीन को पड़ोसी मंगोलियाई आक्रमण से बचाने के लिए था. लेकिन दि ग्रेट वॉल इस मकसद में सफल नहीं हुई.

जर्मनी में बर्लिन वॉल

द्वितीय विश्व युद्ध समाप्त होने के बाद जर्मनी को दो भाग में बांट दिया गया. कम्युनिस्ट प्रभाव वाले ईस्ट जर्मनी और लोकतांत्रिक प्रभाव वाले वेस्ट जर्मनी. युद्ध समाप्त होने के एक दशक बाद ईस्ट जर्मनी ने बर्लिन में इस वॉल का निर्माण किया जिससे वेस्ट बर्लिन से लोकतांत्रिक प्रभाव को ईस्ट में आने से रोका जा सके. 96 मील लंबी इस वॉल को 9 नवंबर 1989 में तोड़ दिया गया जब ईस्ट और वेस्ट जर्मनी का एक बार यूनीफिकेशन हो गया.

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आयरलैंड की पीस वॉल

कैथलिक और प्रोटेस्टेंट इसाइयों को अलग करती इस वॉल का निर्माण 1969 में तब कराया गया जब यह क्षेत्र एक दशक से सांप्रदायिक दंगों से परेशान था. इस वॉल के बनने के बाद भी लगभग तीन दशक तक यह दंगे होते रहे. कॉनक्रीट, स्टील और ईंट से बनी इसी वॉल पर जगह-जगह कटीले तारों का इस्तेमाल किया गया था जिससे लोगों को आर-पार जाने से रोका जा सके. 2013 में नार्थ आयरलैंड ने 2023 तक इस वॉल को तोड़ने का प्रस्ताव दिया था लेकिन अब भी इस क्षेत्र के ज्यादातर लोगों का मानना है कि वॉल के टूटने के बाद एक बार फिर दंगे विकराल स्वरूप ले सकते हैं.

इजराइल वेस्ट बैंक वॉल

इजराइल ने गाजा स्ट्रिप और वेस्ट बैंक बॉर्डर के ज्यादातर इलाके पर कॉन्क्रीट से बनी वॉल का निर्माण कराया है. इस वॉल का मकसद फिलिस्तीन से आतंकी हमले को रोकने का है. हालांकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस वॉल की निंदा इजराइल द्वारा जमीन कब्जा करने के मकसद से वॉल बनाने के लिए की जाती है. इस वॉल का निर्माण 2002 में शुरू हो गया था और अभीतक निर्माण काम जारी है. फिलहाल इजराइल प्रस्तावित 441 मील वॉल में 283 मील का निर्माण करा चुका है.

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इजराइल और मिस्र की बॉर्डर वॉल

इजराइल ने मिस्र से अपनी सरहद को सुरक्षित करने के लिए 140 मील लंबी और 15-20 फीट उंची कॉन्क्रीट पिलर और कटीले तारों की वॉल बनाई है. इस वॉल को बनाने का मकसद मिस्र के रास्ते इजराइल में गैरकानूनी अफ्रीकी इमीग्रेशन और हथियारों की स्मग्लिंग को राकना था. 2012 में इस वॉल का निर्माण शुरू हुआ और इसका नतीजा यह रहा कि जहां 2011 में लगभग 17,000 गैरकानूनी इमीग्रेंट्स ने सरहद पार किया वहीं 2013 में महज 43 गैरकानूनी इमीग्रेंट्स ही सरहद पार कर सके.

 

 

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