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जानिए, क्या थी चिदंबरम की 80:20 गोल्ड स्कीम, जिस पर घेर रही है BJP

पंजाब नेशनल बैंक में सामने आए 11400 करोड़ रुपये से ज्यादा के घोटाले के बाद सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्ष कांग्रेस के बीच लगातार बहस छिड़ी हुई है. हाल ही में केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को भी इसमें घसीटा है.

पी.चिदंबरम (File Photo) पी.चिदंबरम (File Photo)
विकास जोशी
  • नई दिल्ली,
  • 06 मार्च 2018,
  • अपडेटेड 3:02 PM IST

पंजाब नेशनल बैंक में सामने आए 11400 करोड़ रुपये से ज्यादा के घोटाले के बाद सत्तारूढ़ भाजपा और कांग्रेस के बीच लगातार बहस छिड़ी हुई है. हाल ही में केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को भी इसमें घसीटा है.

उन्होंने आरोप लगाया है कि यूपीए सरकार की तरफ से जारी की गई 80:20 गोल्ड स्कीम ने मेहुल चौकसी को सहायता पहुंचाई. 80:20 गोल्ड स्कीम को लेकर उठे इस विवाद के बीच जान लीजिए कि आख‍िर क्या है भाजपा का आरोप और यह स्कीम क्या थी.     

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भाजपा का ये है आरोप

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आरोप लगाया है कि 2014 में जिस दिन लोकसभा चुनाव के रिजल्ट आए, उस दिन तत्कालीन वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने 7 निजी कंपनियों को 80:20 गोल्ड स्कीम के तहत सहयोग दिया. प्रसाद का आरोप है कि इसमें मेहुल चौकसी की कंपनी गीतांजलि भी शामिल थी.

क्या है 80:20 गोल्ड स्कीम

यूपीए सरकार के राज में इस स्कीम की शुरुआत अगस्त, 2013 में की गई थी. ज्वैलर्स के लगातार दबाव के बाद यूपीए सरकार ने सोने के आयात-निर्यात में कुछ राहत दी थी. इस स्कीम के तहत निजी कंपनियों को भी आयात करने की सुविधा दी गई. इस स्कीम में यह शर्त रखी गई थी कि कारोबारियों ने जो भी सोना आयात किया है. इसमें से वह सिर्फ 20 फीसदी निर्यात कर सकते हैं और 80 फीसदी उन्हें घरेलू इस्तेमाल के लिए रखना होगा.

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क्यों लाई गई ये स्कीम

चालू खाते के घाटे को कम करने के लिए सरकार ने यह स्कीम लाई थी. इसके बूते वह सोने के आयात पर लगाम कसने की कोश‍िश कर रही थी. एनडीए की सरकार बनने के बाद इस स्कीम को नवंबर, 2014 में बंद कर दिया गया.

इस स्कीम पर लगे ये आरोप

इस स्कीम को बंद करने की सबसे बड़ी वजह बनी इस स्कीम पर लगने वाले आरोप. स्कीम को लेकर आरोप लगाए गए कि इस स्कीम का आधे दर्जन से भी ज्यादा कंपनियों ने गलत इस्तेमाल किया है.

PAC ने उठाए सवाल

पिछले हफ्ते इस स्कीम को लेकर एक बार फिर बहस छिड़ गई है. पिछले हफ्ते गुरुवार को पब्ल‍िक अकाउंट्स कमिटी ने इसको लेकर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि कहीं मेहुल चौकसी और नीरव मोदी ब्रांड के प्रमुख नीरव मोदी ने अपना काम पूरा करने के लिए इसका गलत इस्तेमाल तो नहीं क‍िया.

प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर को लेकर बनी पीएसी की उप समिति ने राजस्व विभाग के अध‍िकारियों को इस स्कीम के सभी दस्तावेज और फाइल मुहैया कराने का निर्देश दिया है.

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