Advertisement

बीजेपी का दावा NPA के 4 लाख करोड़ वसूले, RBI के आंकड़े अलग

आंकड़ों के अनुसार पिछले चार वित्तीय वर्ष (2014-2018) में 21 सार्वजनिक बैंक महज 29,343 करोड़ रुपये की वसूली कर पाए हैं. जबकि इस दौरान बैंकों ने 2.72 लाख करोड़ रुपये के फंसे कर्ज को बट्टे खाते में डाल दिया यानी राइटऑफ कर दिया.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
दिनेश अग्रहरि
  • नई दिल्ली,
  • 16 अप्रैल 2018,
  • अपडेटेड 4:23 PM IST

भारतीय जनता पार्टी के कई नेताओं ने ट्वीट कर यह दावा किया था कि यूपीए सरकार ने उसे जो 9 लाख करोड़ रुपये के एनपीए या फंसे कर्ज विरासत में दिए थे, उनमें से 4 लाख करोड़ रुपये की बीजेपी सरकार ने वसूली कर ली है. लेकिन रिजर्व बैंक के आंकड़े कुछ अलग ही कहानी पेश कर रहे हैं. इसके मुताबिक पिछले चार साल में महज 29 हजार करोड़ की वसूली हो पाई है. 

Advertisement

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, बीजेपी के कुछ नेताओं ने शनिवार को ट्वीट कर यह दावा किया था कि, 'इनसॉल्वेंसी और बैंकरप्सी कोड' (IBC) की वजह से 4 लाख करोड़ के एनपीए की वसूली हुई है. यूपीए सरकार द्वारा कॉरपोरेट को दिया गया करीब 9 लाख करोड़ रुपये का कर्ज एनपीए या फंसे कर्ज में तब्दील हो गया था, उसमें से ही यह वसूली की गई है.'

लेकिन रिजर्व बैंक के ताजा आंकड़ों से पता चलता है कि साल 2016-17 और 2017-18 (दिसंबर तक) में सार्वजनिक बैंकों ने महज 15,786 करोड़ रुपये की वसूली की है. इनमें आईबीसी सहित सभी माध्यमों से वसूली शामिल है. बैंकों ने आईबीसी के तहत जनवरी 2017 से वसूली शुरू की थी.

आंकड़ों के अनुसार पिछले चार वित्तीय वर्ष (2014-2018) में 21 सार्वजनिक बैंक महज 29,343 करोड़ रुपये की वसूली कर पाए हैं. जबकि इस दौरान बैंकों ने 2.72 लाख करोड़ रुपये के फंसे कर्ज को बट्टे खाते में डाल दिया यानी राइटऑफ कर दिया.

Advertisement

रिजर्व बैंक के इन आंकड़ों की जानकारी खुद वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ला ने राज्यसभा में 27 मार्च को दी थी. इस दौरान सार्वजनिक बैंकों की 89 फीसदी गैर निष्पादित संपत्त‍ि यानी एनपीए की वसूली नहीं हो पाई और इन्हें बट्टे खाते में डालना पड़ा.

असल में आईबीसी के तहत आने वाले कर्जों के मामले में कर्जधारक को 180 दिन के भीतर मामले को सुलझाने और डेडलाइन को फिर आगे 90 दिन तक बढ़ाने का मौका मिलता है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement