Advertisement

BS-VI ईंधन: फायदा होगा कम, जेब पर ऐसे पड़ेगा भारी

राजधानी दिल्ली में अगले साल से ही BS-6 पेट्रोल और डीजल लाने का फैसला लिया गया है. दिल्ली में प्रदूषण के लगातार बढ़ते स्तर को देखते हुए राज्य सरकार की तरफ से यह फैसला लिया गया है. हालांकि बीएस-6 को जिस वजह से लागू किया जा रहा है. उसमें यह ज्यादा बदलाव नहीं कर पाएगा, लेक‍िन यह आपकी जेब पर भारी जरूर पड़ सकता है.

बीएस-6 नॉर्म्स बीएस-6 नॉर्म्स
विकास जोशी
  • नई दिल्ली,
  • 17 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 3:36 PM IST

राजधानी दिल्ली में अगले साल से ही BS-6 पेट्रोल और डीजल लाने का फैसला लिया गया है. दिल्ली में प्रदूषण के लगातार बढ़ते स्तर को देखते हुए राज्य सरकार की तरफ से यह फैसला लिया गया है. हालांकि बीएस-6 को जिस वजह से लागू किया जा रहा है. उसमें यह ज्यादा बदलाव नहीं कर पाएगा, लेक‍िन यह आपकी जेब पर भारी जरूर पड़ सकता है.

Advertisement

बढ़ते प्रदूषण की वजह से लिया फैसला

पिछले महीने 7 नवंबर से दिल्ली में प्रदूषण काफी ज्यादा बढ़ा है. प्रदूषण के इसी बढ़ते स्तर को देखते हुए ही राज्य सरकार ने बीएस-6  ईंधन को दो साल पहले ही यूज करने का फैसला किया है. बीएस-6 फ्यूल के तहत पेट्रोल और डीजल में सल्फर की मात्रा को प्रति मिलियन (PPM) के दसवें हिस्से तक ही सीमित कर दिया जाता है. हालांक‍ि बीएस-6 गाड़ियां 2020 से ही आएंगी.

क्या है बीएस-6

भारत स्टेज एमिशन स्टैंडर्ड्स (बीएस-6)  को भारत स्टेज (BS) के नाम से भी जाना जाता है. ये उत्सर्जन मानक होते हैं, जिनके जरिये इंजन और मोटर व्हीकल्स से निकलने वाले वायु प्रदूषण को नियंत्र‍ित करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है.

कड़े हो जाएंगे नियम

इसके लागू होने पर प्रदूषण नियंत्रण के मानक कड़े हो जाएंगे. बीएस-6 ईंधन वाले वाहनों को नाइट्रोजन ऑक्साइड उत्सर्जन 68 फीसदी से कम करना  होगा. उन्हें पर्टिकुलेट मैटर के उत्सर्जन को भी मौजूदा मानक से 5 गुना ज्यादा कम करना होगा.

Advertisement

बढ़ेगा खर्च

भारतीय ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स सोसायटी (एसआईएम) ने बीएस-6 ईंधन में अपग्रेड करने के लिए और इस मानक तक पहुंचने के लिए जो सुरक्षा मानक अपनाए जाएंगे. इसमें एक लाख करोड़ रुपये खर्च करने पड़ सकते हैं. इसमें ऑटो इंडस्ट्री को 30 से 40 फीसदी खर्च करना पड़ सकता है. इस खर्च की वजह से कंपनियों की जेब पर दबाव बढ़ेगा, जिसका सीधा असर आम आदमी की जेब पर पड़ सकता है.

बढ़ेंगी कार की कीमतें

ऑटो इंडस्ट्री की जेब पर दबाव पड़ने का असर ये होगा कारों की कीमतें बढ़ सकती हैं. इससे कारें काफी हद तक महंगी हो सकती हैं. 2018 में पेट्रोल-डीजल के बीएस-6 नॉर्म्स का होने के बाद 2020 में गाड़ियों के लिए बीएस-6 सुरक्षा मानक लागू क‍िए जाएंगे. इससे कारों की कीमतों में 60 हजार रुपये की बढ़ोतरी होने की आशंका है.

सुरक्षा मानक बनेंगे वजह

कारों की कीमत बढ़ने के पीछे इनके सुरक्षा मानकों को लेकर किये जा रहे इंतजाम वजह बनेंगे. दरअसल केंद्र सरकार कारों के लिए नये सेफ्टी नॉर्म्स जारी करने जा रही है. इन नियमों को लागू करने से कारों की कीमत में इजाफा होगा. ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री विशेषज्ञों का कहना है कि जब नये नियम लागू हो जाएंगे, तब कारों की कीमत में ये इजाफा होना तय है. उनके मुताबिक यह बढ़ोतरी कच्चे माल, सप्लाई चेन और फॉरेक्स निवेश में बढ़ने वाले खर्च  की वजह से होगी.

Advertisement

जल्द जारी होंगे नियम

केंद्र सरकार ने कार की सुरक्षा को लेकर जो नियम तैयार कर रही है, उन्हें वह 2019 से लागू कर सकती है.  परिवहन मंत्रालय ने सभी कार कंपनियों के लिए यह अनिवार्य किया है कि 1 जुलाई, 2019 के बाद जिन भी कारों का निर्माण होगा, वे सुरक्षा मानकों पर खरी उतरनी चाहिए. सरकार के मुताबिक इस तारीख के बाद बनने वाली कारों में एयरबैग्स, सीट बेल्ट रिमाइंडर्स, 80 किलोमीटर से ज्यादा की स्पीड के लिए अलर्ट स‍िस्टम, रिवर्स  पार्किंग सेंसर्स और मैनुअल ऑवरड्राइव जैसे सेफ्टी  फीचर का होना जरूरी है.

नये होंगे सुरक्षा मानक

देश में रोज होने वाली सैकड़ों कार दुर्घटनाओं को देखते हुए नये सुरक्षा मानक तैयार किए गए हैं. इन मानकों को सभी कार कंपनियों को अनिवार्य तौर पर लागू करना होगा. अमेरिका समेत कई देशों में इन सेफ्टी फीचर्स को पहले ही अनिवार्य कर दिया गया है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement