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सेना से अलग होते हैं अर्धसैनिक बल, जानिए कौन-कौन से संगठन हैं शामिल

देश के रिटायर्ड अर्धसैनिक बल आगामी 3 मार्च को पेंशन की मांग को लेकर जंतर-मंतर पर जुटने वाले हैं.

सेना से क्‍यों अलग समझे जाते हैं अर्धसैनिक बल सेना से क्‍यों अलग समझे जाते हैं अर्धसैनिक बल
aajtak.in
  • नई दिल्‍ली,
  • 01 मार्च 2019,
  • अपडेटेड 12:25 PM IST

आगामी 3 मार्च को देश के अलग—अलग हिस्सों से रिटायर्ड अर्धसैनिक बल और उनसे जुड़े संगठन दिल्ली के जंतर—मंतर पहुंचने वाले हैं. दरअसल, इनकी मांग है कि उन्हें पुरानी पेंशन योजना के तहत पेंशन दी जाए.  वर्तमान में पुरानी पेंशन योजना के तहत सेना को पेंशन दी जाती है जबकि अर्धसैनिक बलों से 2004 में यह सुविधा छिन ली गई थी.  लेकिन सवाल है कि सेना से अर्धसैनिक बल अलग क्यों हैं और इन दोनों के बीच अंतर क्या है.  आज हम इस रिपोर्ट में विस्तार से समझाएंगे.

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सेना और अर्धसैनिक बल का अंतर

भारत में जब भी सेना की बात होती है तो सिर्फ थल सेना, नौसेना और वायुसेना आते हैं. ये तीनों रक्षा मंत्रालय के अधीन हैं और भारत के राष्ट्रपति इनके सुप्रीम कमांडर होते हैं.  इनका मुख्य काम बाहरी खतरों से निपटना है.  इन दिनों पाकिस्तान और भारत के बीच तनाव की वजह से सेना मोर्चे पर है.  

ऐसा नहीं है कि ये सिर्फ जंग के लिए बने हैं.  इन्हें किसी आपात स्थिति में भी मदद के लिए बुलाया जाता है. उदाहरण के लिए बीते साल केरल के बाढ़ के दौरान सेना की मदद ली गई थी. वहीं अर्धसैनिक बलों की बात करें तो ये गृह मंत्रालय के अधीन आते हैं. भारत में अर्धसैनिक बलों की सबसे बड़ी तादाद मौजूद है. इनमें अधिकतर जवान मुख्य रूप से देश के भीतर या सीमा पर शांति के माहौल में मोर्चा संभालते हैं.

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अर्धसैनिक बल में कौन-कौन शामिल

देश में अर्धसैनिक बलों की संख्या करीब 10 लाख है. इन अर्धसैनिक बलों में देश के कई अलग—अलग फोर्स के जवान शामिल होते हैं. इनमें मुख्य रूप से CRPF और BSF की ज्यादा चर्चा होती है. इसके अलावा ITBP, CISF, Assam Rifles और SSB भी शामिल हैं.

किसका क्या काम

अगर CRPF की बात करें तो आमतौर पर इन्हें देश के भीतर आतंकवाद और नक्सल प्रभावित इलाकों में तैनात किया जाता है. यह चुनाव के दौरान या वीवीआईपी मूवमेंट में भी तैनात कर दिए जाते हैं. वहीं बीएसएफ यानी बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स को बांग्लादेश और पाकिस्तान से सटी सीमा ड्यूटी पर लगाया जाता है. बीएसएफ तब सीमा पर रहती है जब माहौल शांति का हो. मसलन, अभी भारत—पाकिस्तान सीमा पर बीएसएसफ के जवान तैनात हैं लेकिन अगर जंग जैसी हालात बनते हैं तो बीएसफ की जगह सेना मोर्चा संभालती है.

इसके अलावा ITBP भारत तिब्बत सीमा पुलिस के नाम से जानी जाती है. इनकी भारत-तिब्बत सीमा पर तैनात होती है. वहीं असम रायफल्स को आमतौर पर असम के उग्रवाद प्रभावित इलाकों में ड्यूटी देनी होती है. जबकि SSB यानी सशस्त्र सीमा बल को भारत-नेपाल सीमा पर तैनात किया जाता है. इन सबसे इतर CISF यानी केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल पर सरकारी उपक्रमों की सुरक्षा का जिम्मा होता है.

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