
लंबे समय से घाटे में चल रही भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) ने अपने अधिकारियों को हवाई यात्राओं के लिए इकोनॉमी क्लास का इस्तेमाल करने को कहा है. न्यूज एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक सरकारी टेलिकॉम कंपनी BSNL की ओर से इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिया गया है.
इस आदेश के मुताबिक सभी BSNL अधिकारी अब अगले आदेश तक तत्काल प्रभाव से अपने आधिकारिक दौरे के लिए इकोनॉमी क्लास से (घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय) यात्रा करेंगे. हालांकि इस आदेश में चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) को छूट दी गई है. इसमें कहा गया है कि सीएमडी, पूर्व स्वीकृति के साथ, व्यावसायिक आवश्यकताओं के मामले में हायर क्लास से यात्रा कर सकते हैं.बता दें कि बीएसएनएल अधिकारियों के आधिकारिक हवाई सफर का खर्च कंपनी उठाती है.
आर्थिक संकट से जूझ रही BSNL
बीएसएनएल आर्थिक संकट से जूझ रही है. कंपनी को वित्त वर्ष 2018-19 में 14,000 करोड़ रुपये का घाटा होने का अनुमान है. खराब हालात की वजह से बीते फरवरी महीने में कंपनी के 1.76 लाख कर्मचारियों की सैलरी रुक गई थी. हालांकि मार्च के तीसरे हफ्ते में यह सैलरी दी गई. बता दें कि बीएसएनएल अपने कर्मचारियों की सैलरी पर कुल खर्च का 75 फीसदी खर्च करती है. बीएसएनएल का कुल खर्च 1 लाख 44 हजार 888 करोड़ रुपये है.
13 सालों से घाटे में BSNL
बीएसएनएल पिछले 13 सालों से घाटे में हैं, लेकिन घाटे के अपने आंकड़े नहीं दे रही है. BSNL का तर्क है कि यह गैर-सूचीबद्ध कंपनी है, इसलिए आंकड़े सार्वजिनक करने की अनिवार्यता नहीं है. बता दें कि 2015-16 में बीएसएनएल का अस्थायी घाटा 4,859 करोड़ रुपये था. वहीं साल 2016-17 में 4,793 करोड़ रुपये और 2017-18 में 7,993 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था. इसके अलावा रेवेन्यू की बात करें तो करीब 19,308 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है.