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दिवाली तक बिक जाएगी एअर इंडिया, सरकार का ये है प्‍लान

सरकार को इस बात की उम्‍मीद है कि कर्ज में डूबी एअर इंडिया की बिक्री दिवाली तक पूरी हो जाएगी.

एअर इंडिया की बिक्री दिवाली तक पूरी होने की उम्‍मीद है (फोटो-इंडिया टुडे आर्काइव) एअर इंडिया की बिक्री दिवाली तक पूरी होने की उम्‍मीद है (फोटो-इंडिया टुडे आर्काइव)
aajtak.in
  • नई दिल्‍ली,
  • 08 जुलाई 2019,
  • अपडेटेड 12:19 PM IST

अगर सबकुछ ठीक रहा तो कर्ज में डूबी सरकारी एयर लाइन कंपनी एअर इंडिया दिवाली तक बिक जाएगी. अहम बात ये है कि सरकार संभावित खरीदार को एअर इंडिया की 100 फीसदी हिस्सेदारी की बिक्री की पेशकश कर सकती है. बता दें कि एअर इंडिया पर 9 हजार करोड़ से ज्‍यादा का कर्ज है.

दरअसल,  वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी अतनु चक्रवर्ती ने बताया, '' सरकार को उम्मीद है कि एअर इंडिया की बिक्री चार-पांच माह में पूरी कर ली जाएगी. इसे दिवाली तक पूरा करने की कोशिश की जाएगी.'' अतनु चक्रवर्ती ने आगे कहा,  ''इस बात की भी संभावना है कि सरकार खरीदार को एअर इंडिया की 100 फीसदी हिस्सेदारी की बिक्री की पेशकश कर सकती है. हालांकि इस बाबत आखिरी फैसला एअर इंडिया स्पेसिफिक अल्टरनेटिव मैकेनिज्म (एआईएसएएम) करेगा.'' 

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अतनु चक्रवर्ती के मुताबिक खरीदार द्वारा चेक दिये जाने के बाद ही आखिरकार यह (एअर इंडिया) बिकेगा और इसे पूरा करने के लिए कुछ आवश्यक शर्तें भी हैं. यहां बता दें कि एआईएसएएम असल में इस संबंध में निर्णय लेने वाला मंत्रियों का एक समूह है.बता दें कि एअर इंडिया को इस वित्त वर्ष में 9,000 करोड़ रुपये के कर्ज का भुगतान करना है. 

बजट में रणनीतिक विनिवेश की कही गई थी बात

बीते दिनों बजट पेश करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सार्वजनिक क्षेत्र के कंपनियों की ''रणनीतिक विनिवेश'' की बात कही थी. इसका मतलब यह है कि सरकारी कंपनी को पूरी तरह से निजी हाथों में दे दिया जाएगा. वर्तमान में अगर बात करें तो सरकार की कोशिश ये होती है कि सरकारी कंपनी का विनिवेश कर उसमें एलआईसी या एसबीआई जैसे पीएसयू से शेयर खरीद ली जाए. आसान भाषा में समझें तो सरकार एक खाते से पैसा निकालकर दूसरे खाते से अपनी ही कंपनी की शेयर खरीद लेती है.

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सरकार का रिकॉर्ड विनिवेश का लक्ष्य

सरकार ने आम बजट 2019-2020 में 1.05 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड विनिवेश का लक्ष्य रखा है. वहीं अंतरिम बजट में पीयूष गोयल ने वित्त वर्ष (2019-20) में विनिवेश से 90,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्‍य रखा था. यह 2018-19 में विनिवेश के लिए तय 80,000 करोड़ रुपये के लक्ष्य से 10,000 करोड़ रुपये ज्यादा था. 2018-19 में सरकार ने अपने विनिवेश से रेवेन्‍यू के लक्ष्‍य को हासिल कर लिया था.    

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