
मोदी सरकार ने साल 2017 में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना की शुरुआत की थी जिसके तहत गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को समुचित पोषण सुनिश्चित करने के लिए सरकार उन्हें 6,000 रुपये नकद देती है. अंतरिम बजट के लिए इस योजना का आवंटन बढ़ाकर करीब दो गुना कर दिया गया. लेकिन कुछ वर्गों की यह भी मांग है कि इसके तहत मिलने वाली राशि को बढ़ाई जाए. देखना होगा कि शुकव्रार को पेश होने वाले बजट में वित्त मंत्री क्या निर्णय लेती हैं.
अंतरिम बजट में हुआ ये निर्णय
अंतरिम बजट में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत आवंटन 1,200 करोड़ से दोगुना से भी ज्यादा बढ़ाकर 2,500 करोड़ रुपये कर दिया था. इसके पीछे सोच यह है कि ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को इसका फायदा मिले. लेकिन इसके तहत मिलने वाले 6 हजार रुपये की राशि को बढ़ाने के बारे में कुछ नहीं कहा गया है.
'बजट 2019 की विस्तृत कवरेज के लिए यहां क्लिक करें'
क्या है प्रधानमंत्री मातृ वंदन योजना
साल 2017 में शुरू की गई योजना के तहत सरकार गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को समुचित पोषण सुनिश्चित करने के लिए 6,000 रुपये नकद देती है. ग्रामीण महिलाओं को 6,400 रुपये दिए जाते हैं. महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की इस योजना के तहत लाभ को सीधे खाते में ट्रांसफर किया जाता है.
इसके पीछे सोच यह है कि महिलाओं को उनकी मजदूरी के नुकसान के एवज में नकद प्रोत्साहन राशि दी जाए ताकि वह प्रसव से पहले और बाद में समुचित आराम कर सकें, गर्भावस्था और स्तनपान कराने के दौरान उसके स्वास्थ्य और पोषण में सुधार हो और बच्चे के जन्म के छ: माह तक वह उसे स्तनपान करा सकें. केंद्र सरकार, राज्य सरकार और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में स्थाई कर्मचारी के रूप में कार्यरत महिलाओं के अलावा अन्य सभी महिलाएं इस योजना का लाभ ले सकती हैं.
6,000 रुपये की नकद राशि सिर्फ पहले बच्चे के लिए तीन चरणों में दी जाती है. पहली किश्त गर्भावस्था के पंजीकरण पर दी जाती है, दूसरी किश्त प्रसव के वक्त और तीसरी किश्त तब दी जाती है, जब बच्चा तीन महीने का हो जाए और उसे बीसीजी, ओपीवी और डीपीटी-1,2 टीका लग चुका हो.
नकद ट्रांसफर आधार से जुड़ा होता है और सीधे लाभार्थी के बैंक खाते या डाक विभाग के खाते में पैसे पहुंचते हैं. कहा गया था कि इस योजना से हर साल करीब 50 लाख महिलाओं को फायदा होगा, लेकिन पिछले साल नवंबर 2018 तक के आंकड़ों के अनुसार सरकार ने 18,82,708 लाभार्थियों को इस योजना के तहत सहायता राशि देने के लिए 1655.83 करोड़ रुपये जारी किए थे.
बदलाव की अपेक्षा
इस योजना में कई तरह के बदलाव की अपेक्षा है. एक शिकायत यह है कि इसके तहत लाभ सिर्फ एक बच्चे के मामले में ही क्यों मिले, कम से कम दो बच्चों के लिए तो यह लाभ मिलना ही चाहिए. इसके अलावा छह हजार रुपये की राशि को अब नाकाफी बताते हुए इसे बढ़ाने की भी मांग की जा रही है. इसको लेकर महिलाओं को वित्त मंत्री से काफी उम्मीदें हैं.
For latest update on mobile SMS to 52424 for Airtel, Vodafone and idea users. Premium charges apply!!